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संजय पडवळ हुए बुरी तरह जख्मी!कामगार नेता अभिजीत राणे करेंगे मुख्यमंत्री से मुलाकात!

मुंबई,१८ दिसंबर। १९८० से २००० तक की इस अवधि में मुंबई के कामगार आंदोलन की वजह से महाराष्ट्र में जिस तरह खूनी खेल खेला गया था ठीक उसी तरह की यादों को जिंदा करनेवाली भयानक घटना शुक्रवार देर रात रायगढ़ स्थित रसायनी में देखने को मिली।
महाराष्ट्र में दस लाख से भी अधिक कामगार सदस्य और समर्थक वाले धड़क कामगार युनियन के रायग़ढ़ जिले में धमाकेदार आगमन के बाद वहां के मत्तेâदार नेता आग बबुला हो गए और ताव में आकर उन्होंने धड़क कामगार युनियन के कार्यकर्ताओं पर हमला बोल दिया।
मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ स्थित कोकुयो वॅâमलिन वंâपनी में युनियन को स्थापित करनेवाले धडक कामगार युनियन के बोर्ड ओपिंनग का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने इस कार्यक्रम को तहस-नहस करने का प्रयास किया। और अपने इस प्रयास में वहां के स्थानीय गुंडों ने धड़क कामगार युनियन के पदाधिकारी और कोकुयो वॅâमलिन वंâपनी के कामगारों पर जानलेवा हमला किया। इस मामले में रसायनी पुलिस स्टेशन में अपराधिक मामला (एफआईआर क्र.०१०५ ) दर्ज कर लिया गया है।
बता दें कि रायग़ढ़ जिला में सौ से भी अधिक इंडिस्ट्रीयल युनिट्स में धड़क कामगार यूनियन की स्थापना की गयी है। धड़क कामगार युनियन के संस्थापक महसचिव,कामगार नेता मा.श्री अभिजीत राणे जी के दमदार नेतृत्व को देखकर अनगिनत कामगार,कामगार वंâपनियों ने उनके नेतृत्व को स्वीकार किया है। मुंबई,ठाणे,पुणे,नाशिक,कोल्हापूर की यात्रा पूरी करते हुए अभिजीत राणे जी ने समूचे महाराष्ट्र भर में धड़क कामगार युनियन के झंडे को लहराया है। धडक कामगार युनियन की इस यात्रा में अब लक्ष्य था रायगढ़ में अपने परचम को पैâलाने का।
अभिजीत राणे जी की एक खासियत रही है कि उन्होंने कभी कामगारों को केवल आश्वासन नहीं दिया बल्कि उनकी जरूरतों को पूरा करके भी दिखाया है। कामगारों के हित के लिए चलनेवाली उनकी लड़ाई कभी रूकी नहीं।
कामगारों की समस्याओं को, उनकी मांगों को समय-समय पर सरकार के समक्ष रखी हैं। अभिजीत राणे केवल बातें नहीं करते,झूठे आश्वासन नहीं देते बल्कि उस काम को कर के भी दिखाते हैं। अभिजीत राणे जी की यही खासियत कामगारों को भा गयी है। यही वजह है कि असंख्य कामगारों ने अभिजीत राणे जी के नेतृत्व को स्वीकार किया है।
लेकिन कुछ लोगों को किसी की अच्छाई अच्छी नहीं लगती। जो व्यक्ति अच्छा काम करता है लोग उसके पीछे जरूर लगते हैं। उसके काम में रोड़ा बनने के लिए गाली-गलौज,मारपीट और कभी कभी तो जान से मारने जैसी घटनाओं को करने से भी बाज नहीं आते। कुछ इसी तरह का प्रयास रायगढ़ के रसायनी में देखने को मिला।
गौरतलब है कि शनिवार दिनांक १६ दिसंबर २०१७ की सुबह ११ बजे कुकुयो वॅâमलिन प्रा.लि.एफ ८,अ‍ॅडिशनल पातालगंगा,इंडस्ट्रीयल एरिया, एम.आय.डी.सी व्हिलेज चावणे,ता. पनवेल, जिल्हा रायगढ़ में धड़क कामगार युनियन के संस्थापक अभिजीत राणे जी की मुख्य उपस्थिती में बोर्ड उद्धाटन व गेट मीटिंग का आयोजन किया गया था।
इसी कार्यक्रम की पूर्व तैयारी के लिए एक शाम पहले यानी शुक्रवार को धड़क कामगार युनियन के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी रायगढ़ तैयारी के लिए गए हुए थे। इसमें धड़क कामगार युनियन के संजय पडवळ, नितीन घोसाळकर, गणेश कोलगे, सुमित मोहिते, योगेश कोळी, सूरज कोळी, कुणाल निरभवणे, विजय महाडिक, ऋषीकेश कासेकर ऐसे कुछ १२ से १५ कार्यकर्ता कोकुयो वॅâमलिन के कामगारों के सहयोग के लिए गए हुए थे।
रायगढ़ के दाडफाटा से ही धड़क कामगार युुनियन के बोर्ड लगाने शुरू किए गए थे। इस काम के लिए कोकुयो वॅâमलिन वंâपनी के युनिट अध्यक्ष निखील देशमुख,उपाध्यक्ष लक्ष्मण काशीनाथ मोरे,कोषाध्यक्ष राकेश यादव भी इस काम में जुटे हुए थे। शुक्रवार की रात लगभग १० बजे के आस–पास कोकुया वॅâमलिन वंâपनी के गेट के पास बोर्ड लगाने का काम चल रहा था। उस समय समीर पाटील,विशाल पाटील, संदिप पाटील, रोशन मते, मनोहर थोरवे, रोहित विचारे ऐसे कुछ ३० से ३५ लोग वहां आ धमके। वहीं दूसरी ओर स्कॉरपिओ (एमएच ४६-पी-५७१२) से ५-६ लोग और अन्य १०-१५ लोग मोटर सायकल से वहां आ गए। इन सभी ने कोकुयो वॅâमलिन वंâपनी के युनिट अध्यक्ष निखील देशमुख से सवाल पूछा कि तुझे काम पर किसने रखा है? इस पर निखील देशमुख ने कहा कि आप ने ही मुझे काम पर रखा है।
निखील देशमुख ने कहा कि कामगारों ने युनियन स्थापित करने तय किया ऐसा कहते भर में समीर पाटील,संदीप पाटील,व अन्य लोगों ने लात घुसों से मारना शुरू कर दिया। उस समय उन्हें मारपीट करने से रोकने का प्रयास करनेवाले धडक कामगार युनियन के संजय पडवळ ने कहा कि झगड़ा मत करो। लेकिन इसपर पडवळ को मधस्थी करना महंगा पड़ गया। क्योंकि वहां मौजूद समीर पाटील,रोहित विचारे ने पडवळ को गालीगलौज कर उनके साथ भी मारपीट शुरू कर दी।
उस समय पडवळ के साथ सुरज कोळी, ऋषीकेश कासेकर, योगेश कोळी साथ ही युनिट के उपाध्यक्ष लक्ष्मण मोरे,कोषाध्यक्ष राकेश यादव, सह कोषाध्यक्ष प्रशांत साठे ने बीच बचाव करने की कोशिश की। उस समय संदीप पाटील ने पडवळ के साथ वालों के नाम पुछे और उन्हें धमकी भी दी कि अगर यहां रूके तो सभी के हाथ-पैर तोड़कर रख देंगे।
धमकी की वजह से पडवळ और उनके साथी वहां से निकल गए। इस बीच पडवळ जब दूर जाकर खड़े हुए तो संदीप पाटील व उनके साथियों ने उन्हें फिर से ढूंढ़कर उन्हें बहुत मारा। केवल हाथ-पैर तोड़कर भी ये गुंडे नहीं रूके उन सभी ने पडवळ के सिर पर जोरदार वार किया। मारपीट कर पडवळ जी को सड़क पर ला दिया। और पडवळ से ही बैनर्स को फाड़ने के लिए कहा। इतना ही नहीं उन स्थानीय गुंड़ों ने पडवळ के हाथ के कपड़े से बैनर पर लगे अभिजीत राणे जी की फोटो पर मारने के लिए भी कहा। और संदीप पाटील ने मोबाईल में इसकी वीडियो भी निकाली। और पडवळ से इस बात को भी कबूल करवाई कि वे आदिवासी महिला के घर पर विनयभंग करने के लिए गया था..ऐसा कबूल करवाया। और यह धमकी भी दी कि हम तेरे टुकड़े-टुकड़े कर देंगे!
इन सब मामले से डरे हुए पडवळ के पास कोई और रास्ता नहीं था। अपनी जान बचाने के लिए गुंड़े प्रवृत्ति के लोगों ने जैसा कहा पडवळ को वैसा ही करना पड़ा। मात्र इतने में ही ये गुंडे नहीं रूके। इन लोगों ने पडवळ के मुंह में शराब की बोतल पकड़ाई। इतने में संदीप पाटील के मोबाईल पर पाटील साहेब नाम के पुलिस का फोन आया। इस फोन को पडवळ को दिखाते हुए रसायनी पुलिस स्टेशन के सभी पुलिस व बोराटे साहेब सभी हमारे ही हैं। उनकी सूचना पर ही हम लोगों ने तुम्हारे साथ मारपीट की है। ऐसा कहा।
उसी समय पुलिस की वैन आ गयी। वैन आते देख संदीप पाटील और उनके साथीदार वहां से भाग गए। लेकिन पडवळ ने पुलिस वैन को हाथ दिखाते हुए पुलिस वैन को रोकने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस वैन ना रूकते हुए सीधे वंâपनी के गेट के पास निकल गयी। इन सब मामले में पड़वळ की ५ तोले की सोने की चैन,हाथ की ३ तोले की वजन वाली सोने की ब्रेसलेट और जेब में रखे २० हजार रूपए कहां गायब हो गए,इसका कोई पता नहीं चल पाया।
इसके बाद पडवळ और निखील देशमुख को उनके सहयोगियों ने मोटरसाइकिल में बैठाकर रसायनी पुलिस स्टेशन लाया। लेकिन वहां के पुलिसवालों ने पडवळ को उपचार के लिए चौक स्थित औषधोपचार के लिए जाने के लिए कह दिया। उस जगह पर पडवळ पर प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें आगे के उपचार के लिए मुंबई ले आया गया। मुंबई में पडवळ और देशमुख पर हिरानंदानी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
इस जानलेवा हमले की खबर मिलते ही धड़क कामगार युनियन के संस्थापक महाचिव कामगार नेता अभिजीत राणे जी ने इस हमले पर तीव्र विरोध जताया है। धड़क कामगार युनियन के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों पर हुए हमले की जानकारी कामगार मंत्री संभाजी पाटील निलंगेकर जी को दे दी गयी है। इस मामले को कामगार मंत्री संभाजी पाटील निलंगेकर जी ने गंभीरता लिया है।
इस मामले में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात के लिए धड़क कामगार युनियन का एक शिष्टमंडल बहुत जल्द ही नागपूर रवाना होनेवाला है। इस हमले की शिकायत रसायनी स्थित पुलिस स्टेशन में की गयी है। धड़क कामगार युनियन के पदाधिकारियों पर जानलेवा हमले करने वाले संदीप पाटील और उनके सहयोगियों के खिलाफ भादंवि (१८६०) धारा १४३, १४९, ३२४, ३२३, ४२७, ५०४, ५०६ अन्वये अपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है।


धड़क कामगार युुनियन के पदाधिकारियों पर हुए इस हमले पर तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए कामगार नेता अभिजीत राणे जी ने कहा है

``धड़क कामगार युुनियन के लगभग १० लाख से भी अधिक कामगार आपके साथ हैं।आप के साथ हम हमेशा खड़े रहेंगे।
खुद को डॉन समझकर कामगारों को लूटनेवाले और मालिकों से हफ्ता वसूली करनेवाले कामगार नेताओं की दादागीरी और गुंडागीरी के खिलाफ अभिजीत राणे ने मैदान-ए जंग का ऐलान कर दिया है। खुद से सुधर जाओ...राह से दूर हो जाओ... वरना धड़क बैठ जाएगी और पैर के नीचे की जमीन भी खिसक जाएगी... ऐसा कड़ा इशारा अभिजीत राणे जी ने दिया।

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