मजलूमों बहुजनों के मसीहा एवं महिलाओं के अधिकारों के रक्षक तथा अखण्ड भारत को एक सूत्र में पिरोने वाले परमपूज्य बोधिसत्व बाबा साहब डा० भीमराव अम्बेडकर जी के ६२वें परिनिर्वाण दिवस पर
तहसील स्याना के ग्राम नगला कटक में भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वदेशी मंच भारत के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत दीप ने की।
उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान के निर्माता डा भीमराव अंबेडकर ने आजादी के बाद देश को एकसूत्र में पिरोकर एक नयी ताकत के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त करने के लिये ऐसे संविधान का निर्माण किया जो विश्व के लिये मिसाल बन गया.
हमे 1930 के गोलमेज सम्मेलन में बोले गए अंबेडकर के इन वाक्यों का हमेशा स्मरण करना चाहिए.
कि अंबेडकर जी ने भारत के स्वराज की मांग करते हुए कहा था- ‘हमें ऐसी सरकार चाहिए जिसमें सत्ता पक्ष देश के सर्वाधिक हित में अपनी निष्ठा रखेगा.
हमें ऐसी सरकार चाहिए जिसमें सत्ता पक्ष यह समझता हो कि कब आज्ञाकारिता समाप्त हो जाएगी और कब प्रतिरोध शुरू हो जाएगा और तब तक वह जीवन की सामाजिक और आर्थिक कानूनों में ऐसे संशोधन करने से कभी नहीं डरेगा जो न्याय और औचित्य की दृष्टि से तुरंत किए जाने जरूरी होंगे. यह भूमिका ब्रिटिश सरकार कभी नहीं निभा पाएगी. यह कार्य वही सरकार कर सकती है जो जनता की हो, जो जनता के लिए हो और जनता के द्वारा चुनी गई हो.
कार्यक्रम का आयोजन अम्बेडकर युवा समिति नगला कटक ,राहुल प्रताप,राजेंद्र जौहरी, तुलेराम जी,पदम् सिंह,पवन कुमार,गजेंद्र,सूरज भान गौतम जी ने किया।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- Disclaimer हमे आप के इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करे और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य मे कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह ईमेल hindustankiaawaz.in@gmail.com भेज कर सूचित करे । साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दे । जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।
तहसील स्याना के ग्राम नगला कटक में भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वदेशी मंच भारत के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत दीप ने की।
उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान के निर्माता डा भीमराव अंबेडकर ने आजादी के बाद देश को एकसूत्र में पिरोकर एक नयी ताकत के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त करने के लिये ऐसे संविधान का निर्माण किया जो विश्व के लिये मिसाल बन गया.
हमे 1930 के गोलमेज सम्मेलन में बोले गए अंबेडकर के इन वाक्यों का हमेशा स्मरण करना चाहिए.
कि अंबेडकर जी ने भारत के स्वराज की मांग करते हुए कहा था- ‘हमें ऐसी सरकार चाहिए जिसमें सत्ता पक्ष देश के सर्वाधिक हित में अपनी निष्ठा रखेगा.
हमें ऐसी सरकार चाहिए जिसमें सत्ता पक्ष यह समझता हो कि कब आज्ञाकारिता समाप्त हो जाएगी और कब प्रतिरोध शुरू हो जाएगा और तब तक वह जीवन की सामाजिक और आर्थिक कानूनों में ऐसे संशोधन करने से कभी नहीं डरेगा जो न्याय और औचित्य की दृष्टि से तुरंत किए जाने जरूरी होंगे. यह भूमिका ब्रिटिश सरकार कभी नहीं निभा पाएगी. यह कार्य वही सरकार कर सकती है जो जनता की हो, जो जनता के लिए हो और जनता के द्वारा चुनी गई हो.
कार्यक्रम का आयोजन अम्बेडकर युवा समिति नगला कटक ,राहुल प्रताप,राजेंद्र जौहरी, तुलेराम जी,पदम् सिंह,पवन कुमार,गजेंद्र,सूरज भान गौतम जी ने किया।
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