मुंबई। शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा देने का काम टच (टर्निंग अपॉर्च्युनिटीज फॉर एंड चाइल्ड हेल्प) स्वयंसेवी संस्था कर रही है। 24 वर्ष से शिक्षा से कोशो दूर बच्चों के सर्वांगिण विकास के लिए टच संस्था काम कर रही है। ग्रामीण महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल आदि कुछ जिलों में बच्चों का शिक्षा देने का काम किया जा रहा है। मुंबई में संस्था द्वारा बोरिवली और जोगेश्वरी के मध्य कार्य किया जा रहा है। विगंत वर्ष स्टेट बैंक ने संस्था को बढ़ावा देने के लिए एक बस दिया था। टच चाईल्ड टू चाईल्ड प्रकल्प के अंतर्गत प्रतिवर्ष संस्था द्वारा चितत्रकला स्पर्धा आयोजित किया जाता है। इस वर्ष दादर पश्चिम पीएल काले गुरूजी मार्ग, गोखले रोड स्थित समर्थ व्यायाम मंदिर पर स्पर्धा का आयोजन 14 नवंबर को किया गया है। स्पर्धा के बाद बच्चों के लिए मनोरंजन के विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
टच संस्था ग्रामीण महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल आदि जगह शैक्षणिक दत्तक पालकत्व योजना के तहत गरीब छात्रों में शिक्षा देने का काम कर रही है। टच संस्था का स्थापना 1993 में हुआ, संस्था द्वारा 3,000 हजार बच्चों को शिक्षा दिया जा रहा है। संस्था के पहली बैच में 17 छात्र थे। जिसमें से एक छात्र वर्तमान में एमफिल कर रहा है, और संस्था से भी जुड़ा है। संस्था की शितल ने बताया कि हम अधिकांश भीग मांगने वाले, अनाथ, गरीब बच्चों को शिक्षा देने का काम संस्था द्वारा किया जाता है। आशा तांबे, शीतल, वीरेंद्र भोंने ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी।
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टच संस्था ग्रामीण महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल आदि जगह शैक्षणिक दत्तक पालकत्व योजना के तहत गरीब छात्रों में शिक्षा देने का काम कर रही है। टच संस्था का स्थापना 1993 में हुआ, संस्था द्वारा 3,000 हजार बच्चों को शिक्षा दिया जा रहा है। संस्था के पहली बैच में 17 छात्र थे। जिसमें से एक छात्र वर्तमान में एमफिल कर रहा है, और संस्था से भी जुड़ा है। संस्था की शितल ने बताया कि हम अधिकांश भीग मांगने वाले, अनाथ, गरीब बच्चों को शिक्षा देने का काम संस्था द्वारा किया जाता है। आशा तांबे, शीतल, वीरेंद्र भोंने ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी।
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