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बहराइच हिंदुस्तान की आवाज आर के वर्मा

कैसरगंज (बहराइच)
विकासखंड कैसरगंज के ग्राम पंचायत नौगइयां में राशन कार्ड बनाने में भारी हेराफेरी की गई है। वर्तमान समय में अन्त्योदय राशन कार्ड धारकों की संख्या 300 है और पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारकों की संख्या 756 है। जबकि इससे पहले अन्त्योदय राशन कार्ड धारकों की संख्या 302 थी और पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारकों की संख्या 469 थी। वर्ष 2010 से वर्ष 2015 के बीच यानी पिछली प्रधानी में अन्त्योदय राशन कार्ड धारकों की संख्या 300 तथा BPL राशन कार्ड धारकों की संख्या 918 थी।
लिखने का उद्देश्य यह है कि जब राशन कार्ड धारकों की कुल संख्या 1218 के पास थी तब कुल यूनिट 6015 थी। पुनः राशन कार्ड धारकों की संख्या 769 हुई, तब यूनिट 3839 पर आकर रुकी, और अब कुल राशनकार्ड धारकों की संख्या 1056 है तो यूनिट 4003 है।
समझने की बात यह है कि वर्तमान में बढ़े राशन कार्ड धारकों की संख्या 287 है और यूनिट की बढोत्तरी मात्र 164 ही हुई है आखिर ऐसा क्यों हुआ।
क्या आपको नहीं लगता है कि यह सोची समझी साजिश के तहत षड्यंत्र किया गया है। आखिर जब राशन कार्ड धारकों की संख्या 287 बढ़ गई है तो यूनिट 164 ही कैसे बढ़ी है।
मैं बता रहा हूं ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि राशनकार्ड धारकों के परिवार की पूरी यूनिट लिखी ही नहीं जाती है। और यह गम्भीर जांच का विषय है।
तथा संबंधित अधिकारियों के समझने का विषय है क्योंकि वह भ्रष्ट कर्मचारियों पर नकेल कसना ही नहीं चाहते हैं।
वैसे जानकारी के लिए यहां पर यह लिखना बहुत ही महत्वपूर्ण है कि इस ग्राम पंचायत में सैकड़ों की संख्या में पात्र गृहस्थी के ऐसे राशन कार्ड बनाये गये हैं जो कभी खाद्यान्न लेंगे ही नहीं, और उसी खाद्यान्न को ब्लैक कर के कोटेदार अन्य आय पैदा करेंगे।
जबकि सैकड़ों निर्बल, कमजोर, असहाय ऐसे व्यक्ति हैं जिनको खाद्यान्न की नितांत आवश्यकता है फिरभी उनका राशन कार्ड बनाया ही नहीं गया है क्योंकि यदि उनका राशन कार्ड बन गया तो वह हर माह कोटे से अपना खाद्यान्न मागेंगे, और वह जब खाद्यान ले लेंगे तो बचत यानी कोटेदार को अन्य आय कहां से प्राप्त होगी।
इसीलिए ग्राम पंचायत नौगइयां में बचत को देखते हुए राशन कार्ड बनाए गए हैं न की गरीबों के हित को देखते हुए।
कुछ लोग जो सर्विस करते हैं उनकी पत्नी के नाम से अन्त्योदय राशन कार्ड बना हुआ है तथा कई ऐसे सर्विस करने वाले लोग हैं जिनका राशन कार्ड पात्र गृहस्थी के रूप में बनाया गया है तथा कई लोग ऐसे भी हैं जो पात्र गृहस्थी के पात्र ही नहीं हैं फिर भी उनका राशन कार्ड बना दिया गया है।
पंडित जानकी प्रसाद मिश्रा पुत्र राजबहादुर जिन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारी मगनबिहारी को बाकायदा फार्म भरकर फोटो लगाकर बैंक के पासबुक, आधार कार्ड की छायाप्रति नत्थी करके राशन कार्ड बनवाने के लिए दिया था जो वास्तव में अत्यंत गरीब व्यक्ति हैं उनका भी राशन कार्ड नहीं बनाया गया है। जबकि वह अन्त्योदय कार्ड के पात्र हैं। इसी प्रकार आज्ञाराम यादव पुत्र श्री राम जो महा गरीब है तथा चार बच्चों का पिता भी है उसका भी राशन कार्ड नहीं बनाया गया है। जिन गरीबों के राशन कार्ड नहीं बनाए गए हैं अगर मैं सिर्फ उनका नाम लिखना शुरू करूंगा तो पेपर का पूरा पृष्ठ भर जाएगा। क्योंकि इस ग्राम पंचायत की जनसंख्या लगभग 10,000 के आसपास है।
मजे की बात यह है कि क्रमांक 303 डिजिटाइज्ड राशन कार्ड संख्या 218040899005 पर स्वयं कोटेदार अमरेश बहादुर सिंह की पत्नी शीला सिंह के नाम से पात्र गृहस्थी राशन कार्ड बनाया गया है।

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