उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग तथा यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ वेल्स के बीच समझौता
मुंबई, दि. 18: महाराष्ट्र से साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में अनुसंधान करने जाने वाले विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अनुसंधान का स्थानीय से वैश्विक उपयोग करें । ये विचार उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने व्यक्त किये ।
आज सहयाद्री अतिथिगृह में ऑस्ट्रेलिया के साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के कुलगुरू लाॅरी पिअर्सी तथा उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के बीच एक सामंजस्य समझौता हुआ । इस समझौते पर लाॅरी पिअर्सी तथा उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सहसचिव सिद्धार्थ खरात ने हस्ताक्षर किये ।
श्री तावड़े ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र में उच्च शिक्षा प्राप्त चरने वाले विद्यार्थियों की संख्या प्रति वर्ष करीब 70 लाख है । केवल अनुसंधान करने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम है । अब इस सामंजस्य समझौते के बाद महाराष्ट्र के बहुत से विद्यार्थी ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों में जाकर शोध करेंगे । उनका यह शोध और अनुसंधान देश के विकास के साथ साथ महाराष्ट्र के विकास के लिए भी उपयोग हो यह आवश्यक है ।
साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के कुलगुरू लाॅरी पिअर्सी ने इस अवसर पर कहा कि महाराष्ट्र में शैक्षणिक, आर्थिक, वाणिज्यिक ,सांस्कृतिक माहौल है । इसलिए यह समझौता आनंद की बात है । इस समझौते से अनुसंधान क्षेत्र में कुछ कर दिखाने वाले विद्यार्थियों के लिए यह अच्छा अवसर है । इसका फायदा ऑस्ट्रेलिया के साथ साथ महाराष्ट्र को भी होगा ।
ऑस्ट्रेड के वाणिज्य आयुक्त पीटर कोलमेन , अमित दासगुप्ता , मोहा व्यास , स्निग्धा मोइत्रा , ग्रेन एन लोबो , महिला विश्वविद्यालय की कुलगुरू डॉ. शशीकला वंजारी , शिक्षण संचालक डाॅ धीरज माने , रोहित मनचंदा आदि इस अवसर पर उपस्थित थे ।
इस समझौते से महाराष्ट्र के 10 विद्यार्थियों को साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में पी एच डी करने के लिए कॅनबरा कैम्पस में तथा 10 विद्यार्थियों को सिडनी कैम्पस में रहने का अवसर मिलेगा ।
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मुंबई, दि. 18: महाराष्ट्र से साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में अनुसंधान करने जाने वाले विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अनुसंधान का स्थानीय से वैश्विक उपयोग करें । ये विचार उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने व्यक्त किये ।
आज सहयाद्री अतिथिगृह में ऑस्ट्रेलिया के साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के कुलगुरू लाॅरी पिअर्सी तथा उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के बीच एक सामंजस्य समझौता हुआ । इस समझौते पर लाॅरी पिअर्सी तथा उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सहसचिव सिद्धार्थ खरात ने हस्ताक्षर किये ।
श्री तावड़े ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र में उच्च शिक्षा प्राप्त चरने वाले विद्यार्थियों की संख्या प्रति वर्ष करीब 70 लाख है । केवल अनुसंधान करने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम है । अब इस सामंजस्य समझौते के बाद महाराष्ट्र के बहुत से विद्यार्थी ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों में जाकर शोध करेंगे । उनका यह शोध और अनुसंधान देश के विकास के साथ साथ महाराष्ट्र के विकास के लिए भी उपयोग हो यह आवश्यक है ।
साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के कुलगुरू लाॅरी पिअर्सी ने इस अवसर पर कहा कि महाराष्ट्र में शैक्षणिक, आर्थिक, वाणिज्यिक ,सांस्कृतिक माहौल है । इसलिए यह समझौता आनंद की बात है । इस समझौते से अनुसंधान क्षेत्र में कुछ कर दिखाने वाले विद्यार्थियों के लिए यह अच्छा अवसर है । इसका फायदा ऑस्ट्रेलिया के साथ साथ महाराष्ट्र को भी होगा ।
ऑस्ट्रेड के वाणिज्य आयुक्त पीटर कोलमेन , अमित दासगुप्ता , मोहा व्यास , स्निग्धा मोइत्रा , ग्रेन एन लोबो , महिला विश्वविद्यालय की कुलगुरू डॉ. शशीकला वंजारी , शिक्षण संचालक डाॅ धीरज माने , रोहित मनचंदा आदि इस अवसर पर उपस्थित थे ।
इस समझौते से महाराष्ट्र के 10 विद्यार्थियों को साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में पी एच डी करने के लिए कॅनबरा कैम्पस में तथा 10 विद्यार्थियों को सिडनी कैम्पस में रहने का अवसर मिलेगा ।
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