आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा के पी दक्षिण कार्यालय से अमिताभ बच्चन और अन्य लोगों को एमआरटीपी अंतर्गत जारी की नोटीस की जानकारी मांगी थी। पी दक्षिण मनपा कार्यालय ने अनिल गलगली को अमिताभ बच्चन, राजकुमार हिराणी, ओबेरॉय रियालिटी, पंकज बलानी, हरेश खंडेलवाल, संजय व्यास, हरेश जगतानी ऐसे 7 लोगों को मंजूर प्लान नुसार जांच में पाई अनियमितता को पूर्ववत करने के लिए एमआरटीपी की नोटीस 7 दिसंबर 2016 को जारी की। नोटीस जारी करने के पहले पी दक्षिण विभाग ने किए गोरेगाव पूर्व , ओबेरॉय सेवन स्थित स्थान जांच में विंग क्र. 2, 3, 5 और 6 का इस्तेमाल न होने और ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट के सर्च मंजूर प्लान के मुताबिक भीतरी निर्माण न करना, लिफ्ट न बिठाना, कोई भी भीतरी काम जैसे ग्राउंड और सीढ़ियों को टाईल न बिठाना, दीवार के अंदर से निरु/सिमेंट का आच्छादन न होना, सीढ़ियों को सुरक्षा जाली न बिठाना / कार्नर दीवार का निर्माण न करना, निर्माण के दौरान इलेवेशन प्रोजेक्शन स्लॅब लेव्हेल से न बनाना औए बाहरी दिशा से खिडकी लगाकर उसे अंदर करना, बेसमेंट का निर्माण मंजूर प्लान के मुताबिक न होने जैसी अनियमितता जांच में पाई गई हैं।
एमआरटीपी की नोटीस के बाद आर्किटेक्ट शशांक कोकील ने 5 जनवरी 2017 को पेश किया प्रस्ताव 17 मार्च 2017 को इमारत व प्रस्ताव विभाग ने नामंजुर किया। इसको लेकर इमारत व प्रस्ताव विभाग ने 11 अप्रैल 2017 को पी दक्षिण कार्यालय को अधिकृत तौर पर जानकारी देते ही 6 मई 2017 को पी दक्षिण कार्यालय ने अंतिम आदेश जारी करते हुए अवैध निर्माण स्वयं से निकालने की हिदायत दी। इसके बाद आर्किटेक्ट शशांक कोकील ने दोबारा प्रस्ताव पेश किया। 12 सितंबर 2017 को पुनश्च पी दक्षिण कार्यालय ने इमारत व प्रस्ताव विभाग को पत्र भेजकर अपरोक्ष तौर पर आरोप लगाया कि निर्माण के नियमितकरण को लेकर सही जानकारी दे क्योंकि इसके चलते उनके कार्यालय को एमआरटीपी कानून के तहत आगे की कार्रवाई करना संभव नहीं हैं।
अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनपा आयुक्त अजोय मेहता को पत्र भेजकर ताबडतोब एमआरटीपी कानून के तहत कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग की हैं। एड राजेश दाभोलकर ने भी पी दक्षिण विभाग की सहायक आयुक्त को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की हैं। इमारत प्रस्ताव विभाग के कुछ अधिकारी इस अवैध निर्माण को अधिकृत करने के प्रयास में होने से ही बारबार आर्किटेक्ट का प्रस्ताव नामंजूर होने के बाद पुनश्च मौका दे रहे हैं, ऐसे अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की जा रही हैं।
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