आयुक्त के आश्वासन के बाद कल्याण रोड का बंद स्थगित।
भिवंडी,हिन्दुस्तान की आवाज,एम हुसेनभिवंडी। भिवंडी शहर के अंजूरफाटा से वंजारपट्टी नाका और कल्याण नाका से साईंबाबा मंदिर नाका तक आरसीसी रोड निर्माण के लिए किए जा रहे सड़क विस्तारीकरण में भ्रम की स्थिति का निर्माण होने से शहर के दोनों मुख्य सड़कों के किनारे बसे हुए लोगों को उजड़ने के हालात से माहौल तथा राजनीति दोनों गरमा गया है और प्रभावित नागरिकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। सड़क की चौड़ाई को लेकर कल्याण रोड व्यापारी व रहवासी संघर्ष समिति के जिम्मेदारों ने मनपा प्रशासन की कार्यशैली और नीति पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि प्रशासन के कहनी व कथनी में अंतर है । पूर्व से आजतक यह स्पष्ट नही हो सका कि सड़क की चौड़ाई 24 मीटर के बाद कितना मीटर स्पेस छोड़ना होगा या नही। भिवंडी मनपा प्रशासन के रवैये को लेकर कल्याण रोड व्यापारी व रहवासी संघर्ष समिति ने बुधवार को पूरा कल्याण रोड बंद करने की तैयारी की थी लेकिन सांसद कपिल पाटिल, महापौर जावेद दलवी और मनपा आयुक्त डॉ. योगेश म्हसे के बीच उक्त मुद्दे को लेकर हुई बातचीत के बाद दो दिन में बैठकर समस्या को सुलझाने के अश्वासन के बाद बंद की स्थिती व मोर्चा प्रदर्शन रविवार तक के लिए टल गया है। सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि मंज़ूर विकास योजना में 24 मीटर सड़क के अलावा सड़क के दोनों तरफ 6 मीटर और तोड़ने का निर्णय यदि प्रशासन ने लिया तो कल्याण रोड के 17 सौ प्रभावित लोगों और मनपा प्रशासन के बीच टकराव तथा संघर्ष की स्थिति का निर्माण होना तय है।
गौरतलब हो कि भिवंडी मनपा प्रशासन द्वारा एक दैनिक समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित कराया गया था कि अंजूरफाटा से वंजारपट्टी नाका और कल्याण नाका से साईंबाबा नाका तक सड़क की चौड़ाई 24 मीटर तथा सड़क के दोनों तरफ 6-6 मीटर यानी 20-20 फीट तक पुराना निर्माण तोड़ना होगा। विज्ञापन के अनुसार इस तरह सड़क की कुल चौड़ाई लगभग 118 फीट हो जाएगी। इस सड़क विस्तारीकरण में प्रभावित लोगों का आरोप है कि पहले प्रशासन उनसे 24 मीटर की सड़क के लिए अतिक्रमण हटाने की नोटिस जारी किया था। मनपा की नोटिस के अनुसार सड़क के किनारे बसे लोगों ने दोनों तरफ अपने मकान-दुकान व गाले तोड़कर 24 फीट सड़क के लिए जगह खाली कर दी थी और तोड़े गए जगह पर नया निर्माण भी शुरू कर दिया था। इसी बीच मनपा प्रशासन से जुड़े अधिकारी मंगलवार को कल्याण रोड पर आकर 24 मीटर के अलावा दोनों तरफ 6-6 मीटर और तोड़ने की जब मार्किंग करने लगे, उसी समय यह बवाल खड़ा हुआ प्रभावित लोगों ने मनपा अधिकारियों से पूछा कि यह 24 मीटर के अलावा 6 मीटर का प्रस्ताव कब मंज़ूर किया गया? जबकि मंज़ूर विकास योजना में पाइपलाइन से लेकर साईंबाबा तक के मार्ग की चौड़ाई 30 मीटर है, कल्याण नाका (राजीव गाँधी चौक) से लेकर पाइपलाइन तक सड़क की चौड़ाई 24 मीटर ही है। इस सन्दर्भ में मनपा अधिकारियों का कहना है कि लोगों को जब नोटिस दी गई थी, उसमें इस बात का उल्लेख किया गया है। इस मामले में संघर्ष समिति के प्रमुख सदस्य पूर्व नगरसेवक दीन मोहम्मद खान, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप पाटिल व राम लहारे ने बताया कि इसके पहले दो बार सड़क विस्तारीकरण में कल्याण रोड वासियों का घर, दुकान, मकान व गाले तोड़े गए, जिसकारण काफी नुक्सान हुआ। जिसका मुआवजा तक लोगों को नही दिया गया है। अब यह तीसरी बार विस्तारीकरण का काम शुरू किया गया है। सभी ने एक स्वर में कहा कि 24 मीटर सड़क की चौड़ाई मान्य है, लेकिन दोनों तरफ 6-6 मीटर और तोड़ना उन्हें मंज़ूर नही है, क्योंकि इसमें 17 सौ लोग बुरी तरह प्रभावित होंगे, सैकड़ो लोग बेघर तथा बेरोजगार हो जाएँगे, उसका ज़िम्मेदार कौन होगा। आक्रोशित लोगों ने सांसद कपिल पाटिल, विधायक रुपेश म्हात्रे, महापौर जावेद दलवी, मनपा आयुक्त डॉ. योगेश म्हसे, भिवंडी पुलिस उपायुक्त मनोज पाटिल से मिलकर अपनी व्यथा बताई और चेतावनी दी कि प्रशासन हमारी सुनवाई कर न्याय नही देगा, तो हम शांतिपूर्वक चक्काजाम आन्दोलन करेंगे। लोगों के आक्रोश और भ्रम की स्थिति को देखते हुए सांसद कपिल पाटिल और महापौर जावेद दलवी ने मनपा आयुक्त से बातचीत की और मनपा आयुक्त ने इस सन्दर्भ में शनिवार तक जनप्रतिनिधियों, संघर्ष समिति के प्रमुख लोगों और मनपा गटनेता के बीच बैठक कर बातचीत कर मामला सुलझाने का आश्वासन दिया है। मनपा आयुक्त के आश्वासन के बाद संघर्ष समिति ने शनिवार तक के लिए अपना आंदोलन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। यह तय है कि सड़क विस्तारीकरण में 24 मीटर की सड़क के अलावा 6 मीटर और तोड़ने के लिए लोग तैयार नही हैं। बताया जा रहा है कि यदि 24 मीटर के अलावा दोनों तरफ 6-6 मीटर यानी 20 फीट और तोडा जाएगा तब उसमें दो मस्जिद, कब्रिस्तान और तीन मंदिर के कुछ हिस्से को भी तोड़ना पड़ेगा जिसके लिए क्षेत्र वासी किसी भी कीमत पर तैयार नही हैं। इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर मनपा प्रशासन और प्रभावित नागरिकों के बीच टकराव की स्थिति तय है। वहीं, संघर्ष समिति के लोग यह भी आश्वासन दे रहे हैं कि हमे इस मामले में राजनीति नही करना है बल्कि हम विकास के साथ पूर्ण रूप से न्याय मानवीय रूप से चाहते है।
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