मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी
मीरजापुर। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा आम जन विशेषकर महिलाओं, अशक्त, बुजुर्ग व्यक्तियों एवं दिव्यांगो के लिए चलायी जा रही ई-एफआईआर सुविधा का शुभारंभ पुलिस कार्यालय में किया गया।ई-एफआईआर की सुविधा विशेषकर उन लोगों के लिए लाभप्रद है जो थाने पर पहुंचने में अक्षम हैं अथवा अपनी बात खुलकर कहने में असमर्थ है। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आवेदक को उत्तर प्रदेश की आफिशियल वेबसाईट ीजजचेरूध्ध्नचचवसपबमण्हवअण्पदध् पर जाकर उपर दाहिने तरफ प्रदर्शित हो रहे सिटीजन सर्विस बटन पर क्लिक करना होगा। इसके पश्चात् ई-एफआईआर बटल पर क्लिक करें। प्रथम बार इस सुविधा के उपयोग हेतु ब्तमंजम बपजप्रमद सवहपद पर क्लिक करके दिये गये फार्म में कुछ जानकारियां देनी होंगी तथा यूजर नेम व पासवर्ड की सहायता से लाग इन करके इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है। इस प्रकार दर्ज करायी गयी एफआईआर की जांच उत्तर प्रदेश ई-पुलिस द्वारा जायेगी तथा जांचोपरान्त स्वीकृत या अस्वीकृत किया जा सकता है। केवल वहीं एफआईआर पंजीकृत समझे जायेंगे, जिन्हें ई-पुलिस द्वारा स्वीकृत कर लिया गया हो। आवेदक द्वारा आन लाईन दर्ज कराये गये एफआईआर के स्वीकृत, अस्वीकृत की सूचना आवेदक को तथ्यों सहित ई-मेल, एसएमएस के माध्यम से प्रेषित की जायेगी। यदि एफआईआर स्वीकृत किया जायेगा तो सम्पूर्ण एफआईआर की प्रति पीडीएफ फारमेट में ई-मेल द्वारा उपलब्ध कराई जायेंगी। आनलाईन एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदक को हिन्दी भाषा में मंगल फान्ट का प्रयोग करना पड़ेगा अथवा अंगे्रजी में भी आनलाईन एफआईआर दर्ज करा सकते है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक द्वारा मौजूद लोगों को ई-एफआईआर की पूरी प्रक्रिया समझाते हुए 1 नमूना एफआईआर पंजीकृत किये जाने का प्रदर्शन भी किया गया और एफआईआर का प्रिन्ट निकाल कर लोगों को दिखाया गया। साथ ही उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को बताया कि इस सुविधा का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करायें ताकि लोगों को इस सुविधा का अधिक से अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इस सुविधा के अन्तर्गत गंभीर अपराधों जैसे- बलात्कार, हत्या, डकैती आदि को छोड़कर अन्य अपराधों के लिए मात्र अज्ञात अपराधियों के विरूद्ध ही एफआईआर दर्ज कराया जा सकता है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गंभीर अपराधों के मामलों में एवं उन मामलों में जिनमें अभियुक्त ज्ञात है, कि एफआईआर थानों पर ही दर्ज कराई जायेंगी। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा प्रारंभ की गयी वाट्सअप एप के माध्यम से भी एफआईआर लिखवाने जाने की सुविधा के बारे में बताया गया। जिसके लिए पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ई-एफआईआर की भाॅति ही इस एफआईआर की जांच उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा की जायेंगी तथा जांचोपरान्त स्वीकृत या अस्वीकृत किया जा सकता है। केवल वहीं एफआईआर पंजीकृत समझे जायेंगे जिन्हें ई-पुलिस द्वारा स्वीकृत कर लिया जायेंगा।
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मीरजापुर। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा आम जन विशेषकर महिलाओं, अशक्त, बुजुर्ग व्यक्तियों एवं दिव्यांगो के लिए चलायी जा रही ई-एफआईआर सुविधा का शुभारंभ पुलिस कार्यालय में किया गया।ई-एफआईआर की सुविधा विशेषकर उन लोगों के लिए लाभप्रद है जो थाने पर पहुंचने में अक्षम हैं अथवा अपनी बात खुलकर कहने में असमर्थ है। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आवेदक को उत्तर प्रदेश की आफिशियल वेबसाईट ीजजचेरूध्ध्नचचवसपबमण्हवअण्पदध् पर जाकर उपर दाहिने तरफ प्रदर्शित हो रहे सिटीजन सर्विस बटन पर क्लिक करना होगा। इसके पश्चात् ई-एफआईआर बटल पर क्लिक करें। प्रथम बार इस सुविधा के उपयोग हेतु ब्तमंजम बपजप्रमद सवहपद पर क्लिक करके दिये गये फार्म में कुछ जानकारियां देनी होंगी तथा यूजर नेम व पासवर्ड की सहायता से लाग इन करके इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है। इस प्रकार दर्ज करायी गयी एफआईआर की जांच उत्तर प्रदेश ई-पुलिस द्वारा जायेगी तथा जांचोपरान्त स्वीकृत या अस्वीकृत किया जा सकता है। केवल वहीं एफआईआर पंजीकृत समझे जायेंगे, जिन्हें ई-पुलिस द्वारा स्वीकृत कर लिया गया हो। आवेदक द्वारा आन लाईन दर्ज कराये गये एफआईआर के स्वीकृत, अस्वीकृत की सूचना आवेदक को तथ्यों सहित ई-मेल, एसएमएस के माध्यम से प्रेषित की जायेगी। यदि एफआईआर स्वीकृत किया जायेगा तो सम्पूर्ण एफआईआर की प्रति पीडीएफ फारमेट में ई-मेल द्वारा उपलब्ध कराई जायेंगी। आनलाईन एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदक को हिन्दी भाषा में मंगल फान्ट का प्रयोग करना पड़ेगा अथवा अंगे्रजी में भी आनलाईन एफआईआर दर्ज करा सकते है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक द्वारा मौजूद लोगों को ई-एफआईआर की पूरी प्रक्रिया समझाते हुए 1 नमूना एफआईआर पंजीकृत किये जाने का प्रदर्शन भी किया गया और एफआईआर का प्रिन्ट निकाल कर लोगों को दिखाया गया। साथ ही उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को बताया कि इस सुविधा का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करायें ताकि लोगों को इस सुविधा का अधिक से अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इस सुविधा के अन्तर्गत गंभीर अपराधों जैसे- बलात्कार, हत्या, डकैती आदि को छोड़कर अन्य अपराधों के लिए मात्र अज्ञात अपराधियों के विरूद्ध ही एफआईआर दर्ज कराया जा सकता है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गंभीर अपराधों के मामलों में एवं उन मामलों में जिनमें अभियुक्त ज्ञात है, कि एफआईआर थानों पर ही दर्ज कराई जायेंगी। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा प्रारंभ की गयी वाट्सअप एप के माध्यम से भी एफआईआर लिखवाने जाने की सुविधा के बारे में बताया गया। जिसके लिए पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ई-एफआईआर की भाॅति ही इस एफआईआर की जांच उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा की जायेंगी तथा जांचोपरान्त स्वीकृत या अस्वीकृत किया जा सकता है। केवल वहीं एफआईआर पंजीकृत समझे जायेंगे जिन्हें ई-पुलिस द्वारा स्वीकृत कर लिया जायेंगा।
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