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हिन्दुस्तान की आवाज, एम हुसेन भिवंडी


भिवंडी।पर्यावरण के दृष्टिकोण से जंगल महत्व अनन्य साधारण है इस जंगल में शासन व जनता द्वारा दुर्लक्ष होरहा है जिससे असंख्य वृक्ष तोडे काटे जाने से जंगल खत्म होने के कगार पर है .उजड़े टेकडे व वृक्षों को तोड़ने के रोकने के लिए राज्य व केंद्र सरकारने ने जंगल क्षेत्र में अनुसूचित जाति व जमाती के नागरिकों को पूर्व सन 2012 से निशुल्क गॅससिलेंडर आपूर्ति करने की योजना शुरू की गई है .ठाणे उपवनसंरक्षक जितेंद्र रामगांवकर ,मांडवी उपविभागिय वनसंरक्षक सचीन कंद आदि के मार्गदर्शन में तालुका वनपरिक्षेत्र अधिकारी शिवराम वालिंबे ने चिंबीपाडा स्थित एक कार्यक्रम का आयोजन कर कुहे ,चिंबीपाडा ,पिंपलशेत ,आंबरराई ,धामणे ,पालीवली ,कांबे आदिवासी बस्ती गावं के 78 परिवार को गॅससिलेंडर वितरित किया गया है .उक्त अवसर पर सरपंच लता धोदडे,वनपाल सी.एस.वालिंबे ,जे.जी.भोईर,एस.एल.फडके, बी.वी.निकम ,पोलिस पाटिल अनंता ठोंबरे ,बुध्या ठाकरे,कमलाकर पुजारी, विकास भुरभूरा आदि सहित वनव्यवस्थापन समिति के सदस्य भारी संख्या में उपस्थित थे .शासन द्वारा उक्त गॅससिलेंडर आपूर्ति योजना से जंगल में असंख्य वृक्षों को तोड़ने में कमी आई है इस प्रकार का दावा वनविभाग ने किया है .जंगल में वृक्षतोडने को रोकने के लिए वन संरक्षण करने के उद्देश्य से शासन ने संयुक्त वनव्यवस्थापन समिति की स्थापना की है, जिसके माध्यम से वनसंवर्धन करने का प्रयास शुरु है.परंतु अधिकांश स्थानों पर वन भूखंड पर आंख पर धूल झोंक कर अतिक्रमण की जा रही है यह भूखंड बिल्डर व मिट्टी उत्खनन हेतु उपयोग की जा रही है जो एक गंभीर समस्या है।

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