-7 दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा भक्ति यज्ञ में वृदावन से पधारे स्वामी बोले
मीरजापुर, हिन्दुस्तान की आवाज, सन्तोष देव गिरीमीरजापुर। धन बल की प्रबल इच्छा के आगे व्यक्ति अपने शत्कर्मो से विमुख होता जा रहा है। सुख की चाहत ने व्यक्ति को प्रभु के विचारो से दूर किया है। आज देखा जाये तो इंसान सुबह उठता है आंख खुलती है तो जब तक सो नहीं जाता तब तक उसे बस सुख ही सुख के पीछे भागने की अभिलाशा बनी रहती है। यह बाते वृंदावनधाम मथुरा से पधारे ब्रजरज दास जी महाराज ने भक्तों को उपदेशिक करते हुए कहे। वह नगर के आवास विकास कालोनी स्थित सुरेश उत्सव लांन में 7 दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा भक्ति यज्ञ को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हम दुख तो नहीं मानते सुख को ही सुख मानते है। जबकि सुख और दुख परमात्मा की दी हुई हैं। जिनसे व्यक्ति वंचित नहीं रह सकता। दुःख से जो जितना ही पीछे भागता है दुःख उतना ही उसके करीब आता जाता है। उन्होंने कहा कि भोग विलाशता तड़पा रही है। इससे अलग हटे बिना सुख की परिकल्पना किया जना बेमानी है। कथाश्रवण के दौरान उन्होंने उपस्थित नर नारी भक्तजनों को उपदेशिक करते हुए कहा कि परमात्मा के नमन बिना जीवन अधूरा है। कथाश्रवण में हजारों की संख्या में नगर सहित आस-पास के लोग उपस्थित थे। इस दौरान शुभ्रांषु शेखर पाण्डेय उर्फ गोलू ने सभी भक्तजनों को सहहृदय से आभार प्रकट करते हुए समापन अवसर पर विशाल भंडारा एवं हवन कार्यक्रम में सपरिवार उपस्थित होने की अपील की।
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