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मीरजापुर, हिन्दुस्तान की आवाज, सन्तोष देव गिरी

मीरजापुर। गुरूपूर्णिमा अवसर पर सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस स्वामी अड़गड़ानंद महाराज आश्रम और विंध्याचल अमरावती स्थित देवरहवा हंस बाबा आश्रम में भक्तों का हुजूम उमड़ा रहा। रविवार को आषाढ़ माह की गुरूपूर्णिमा अवसर पर श्रद्धालुओं, भक्तजनों अपारजन समूह, गुरूदर्शन के लिए स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के दर्शन को सुबह से ही जन सैलाब उमड़ा पड़ा रहा। इस दौरान दस लाख के करीब भक्तों ने महाराज श्री का आर्शीवाद लिया। सत्संग भवन में सुबह से ही महाराज अड़गड़ानंद भक्तों को आर्शीवाद देने जैसे ही उपस्थित हुए जन सैलाब ने दोनों हाथ उठाकर सदगुरू महाराज की जय का गगनभेदी उद्भोष कर उनका स्वागत किया। फूलों से सुसज्जित मंच पर महाराज श्री के विराजमान होते ही उनकी एक झलक पाने को भक्त उत्सुक हो गए। भक्त आते व अपने सदगुरू अड़गड़ानंद महाराज के चरणों में माठा टेकते हुए। श्रद्धानुसार भेट कर निकल जाते। मंच के बायीं ओर पुरूष और दाहिनी ओर महिलाओं के दर्शन हेतु व्यवस्था बनाई गई थी। रात से सुबह 10ः00 बजे तक दिनभर रूक-रूक कर हो रही बारिश भी उपस्थित जनसैलाब की श्रद्धा को डिगा नहीं सकी। स्वामी जी की एक झलक पाने को आतुर दिखाई दे रहे थे। इस दौरान महाराज अड़गड़ानंद ने कहां कि सदगुरू ईश्वर से भी बड़ा होता है। अब प्रश्न उठता है सदगुरू की पहचान कैसे हो और उसके सानिध्य में कैसे पहुंचा जाये। उन्होंने कहा कि तलाश करने से किसी को सदगुरू नहीं मिला। सच्चे सदगुरू को पाने के लिए ईश्वर की शरण में खोकर उन्हंे पुकारना होगा। ईश्वर का नाम जप करने से ईश्वर स्वयं सदगुरू का परिचय देता है। होम का जप करों। जब भी मौका मिले तो इसका जप करते राहे। श्रद्धा और आस्था से आपको सदगुरू के दर्शन हो जाएंगे जो आपको भवसागर के पार उतार देगा। कमोबेस यही स्थिति विन्ध्याचल के महुआरी स्थित देवरहवा बाबा आश्रम में देवरहवा हंष बाबा के श्री चरणों में दर्शन करने के लिए सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही। बड़ी संख्या में दूर दराज से आये भक्तों ने महाराज हंष बाबा के श्री चरणों में पहुंचकर उनका आर्शीवाद लिया। महाराज हंष बाबा के मंच पर विराजमान होते ही भक्तों के बीच उनका आर्शीवाद लेने को होड़ मच गयी। इस दौरान हंष बाबा ने अपने भक्तों को बारी-बारी से आर्शीवाद देते हुए प्रसाद भी देते रहे। वहीं तमाम भक्तों ने देवरहवा हंष बाबा के चरणों को रज लेने को आकुल देखे गये तथा भक्तों ने भंडारे में भी प्रसाद ग्रहण किये। वहीं अष्टभुजा पहाड़ी स्थित मां आनन्दमयी आश्रम एवं बंगाली माता के आश्रम पर भी भक्तों को जमावड़ा लगा रहा।
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