हिन्दुस्तान की आवाज, एम हुसेन भिवंडी
भिवंडी। लगभग 22 वर्षों तक सेवा करने वाले भिवंडी के श्री सत्यनारायण हिंदी माध्यमिक विद्यालय के एक शिक्षक को अवकाशमुक्त होने के पांच साल बाद हाईकोर्ट से न्याय मिला.हाईकोर्ट ने शिक्षक के साथ हुई अनियमितता को रद्द करते हुए वेतन सहित नियमित करने का गौरवपूर्ण निर्णय दिया है.
उल्लेखनीय है कि भिवंडी के श्री सत्यनारायण शिक्षा सेवा संघ ने पूर्व सन 1991 में महादेव मनबोध प्रजापति बी.एससी.बी.एड. की नियुक्ति श्री सत्यनारायण प्राथमिक हिंदी विद्यालय में की गई थी. उस समय पहली से सातवीं तक की कक्षाएं चल रही थी और वहां मुख्याध्यापक के अतिरिक्त कोई भी शिक्षक बी.एड.नही था. बी.एससी.बी.एड. होने के बावजूद उन्हें अप्रशिक्षित शिक्षक के रूप में रखा गया था.सन 1991 से 1995 तक पांच वर्ष प्राथमिक विभाग में सेवा करने के बाद संस्था ने उन्हें सन 1996 में माध्यमिक विभाग में स्थानांतरित कर दिया.
था.उस समय माध्यमिक विभाग में गणित और विज्ञान जैसा महत्वपूर्ण विषय पढ़ाने के लिए कोई भी बी.एससी.बी.एड. शिक्षक नही था. बी.एससी.बी.एड. होने के बावजूद शिक्षक महादेव प्रजापति को पांच वर्ष तक प्राथमिक विभाग में अप्रशिक्षित वेतनक्रम में रखा गया था. विद्यालय में सतत कार्य करने के बावजूद संस्था द्वारा शिक्षणाधिकारी जिला परिषद ठाणे के यहां से सन 1996-97,1998-99 और 1999-2000 का एप्रूवल कराया गया.लेकिन सन 1997-98 और 2000-2001 का एप्रूवल नहीं कराया गया.जिला परिषद के आदेश पर संस्था ने सन 2000-2001 में एक अतिरिक्त शिक्षक की नियुक्ति कर दिया था.लेकिन शिक्षक महादेव प्रजापति द्वारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर हाईकोर्ट के आदेश पर जिला परिषद ठाणे ने सन 2001 से उनका परमानेंट एप्रूवल कर दिया था.
शिक्षक महादेव प्रजापति लगभग 22 वर्षों तक विद्यालय में सेवा करते हुए सन 2012 में अवकाशमुक्त हो गए. इसके बावजूद सन 1997 एवं 2000 में उनके साथ की गई अनियमितता पर न तो संस्था ने न्याय दिया और न ही शिक्षणाधिकारी जिला परिषद ठाणे ने.जिसके लिए उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा फिर खटखटाया.बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश मा. ए.ए. सैय्यद एवं एम.एस.कर्णिक की खंडपीठ ने श्री सत्यनारायण माध्यमिक हिंदी विद्यालय के शिक्षक महादेव मनबोध प्रजापति के साथ सन 1997 एवं 2000 में की गई अनियमितता को रद्द करते हुए उन्हें वेतन सहित नियमित करने का गौरवपूर्ण निर्णय दिया.याचिकाकर्ता महादेव प्रजापति का पक्ष हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एम.वी.लिमये ने बड़े ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया था.जिसके कारण अवकाश मुक्त होने के पांच वर्ष बाद हाईकोर्ट से न्याय मिला.
बतादें कि श्री सत्यनारायण हिंदी माध्यमिक विद्यालय के महादेव प्रजापति एक शिक्षक नही हैं.ऐसे कई विद्यालयों के शिक्षक हैं जिन्हें इसी प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है. मा.उच्च न्यायालय को ऐसे मामलों को स्वयं संज्ञान में लेकर प्रताड़ित होने वाले शिक्षकों को न्याय दिया जाना चाहिए ताकि शिक्षकों के साथ कोई भी अन्याय करने का साहस न कर सके।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- Disclaimer हमे आप के इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करे और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य मे कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह ईमेल hindustankiaawaz.in@gmail.com भेज कर सूचित करे । साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दे । जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।
भिवंडी। लगभग 22 वर्षों तक सेवा करने वाले भिवंडी के श्री सत्यनारायण हिंदी माध्यमिक विद्यालय के एक शिक्षक को अवकाशमुक्त होने के पांच साल बाद हाईकोर्ट से न्याय मिला.हाईकोर्ट ने शिक्षक के साथ हुई अनियमितता को रद्द करते हुए वेतन सहित नियमित करने का गौरवपूर्ण निर्णय दिया है.
उल्लेखनीय है कि भिवंडी के श्री सत्यनारायण शिक्षा सेवा संघ ने पूर्व सन 1991 में महादेव मनबोध प्रजापति बी.एससी.बी.एड. की नियुक्ति श्री सत्यनारायण प्राथमिक हिंदी विद्यालय में की गई थी. उस समय पहली से सातवीं तक की कक्षाएं चल रही थी और वहां मुख्याध्यापक के अतिरिक्त कोई भी शिक्षक बी.एड.नही था. बी.एससी.बी.एड. होने के बावजूद उन्हें अप्रशिक्षित शिक्षक के रूप में रखा गया था.सन 1991 से 1995 तक पांच वर्ष प्राथमिक विभाग में सेवा करने के बाद संस्था ने उन्हें सन 1996 में माध्यमिक विभाग में स्थानांतरित कर दिया.
था.उस समय माध्यमिक विभाग में गणित और विज्ञान जैसा महत्वपूर्ण विषय पढ़ाने के लिए कोई भी बी.एससी.बी.एड. शिक्षक नही था. बी.एससी.बी.एड. होने के बावजूद शिक्षक महादेव प्रजापति को पांच वर्ष तक प्राथमिक विभाग में अप्रशिक्षित वेतनक्रम में रखा गया था. विद्यालय में सतत कार्य करने के बावजूद संस्था द्वारा शिक्षणाधिकारी जिला परिषद ठाणे के यहां से सन 1996-97,1998-99 और 1999-2000 का एप्रूवल कराया गया.लेकिन सन 1997-98 और 2000-2001 का एप्रूवल नहीं कराया गया.जिला परिषद के आदेश पर संस्था ने सन 2000-2001 में एक अतिरिक्त शिक्षक की नियुक्ति कर दिया था.लेकिन शिक्षक महादेव प्रजापति द्वारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर हाईकोर्ट के आदेश पर जिला परिषद ठाणे ने सन 2001 से उनका परमानेंट एप्रूवल कर दिया था.
शिक्षक महादेव प्रजापति लगभग 22 वर्षों तक विद्यालय में सेवा करते हुए सन 2012 में अवकाशमुक्त हो गए. इसके बावजूद सन 1997 एवं 2000 में उनके साथ की गई अनियमितता पर न तो संस्था ने न्याय दिया और न ही शिक्षणाधिकारी जिला परिषद ठाणे ने.जिसके लिए उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा फिर खटखटाया.बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश मा. ए.ए. सैय्यद एवं एम.एस.कर्णिक की खंडपीठ ने श्री सत्यनारायण माध्यमिक हिंदी विद्यालय के शिक्षक महादेव मनबोध प्रजापति के साथ सन 1997 एवं 2000 में की गई अनियमितता को रद्द करते हुए उन्हें वेतन सहित नियमित करने का गौरवपूर्ण निर्णय दिया.याचिकाकर्ता महादेव प्रजापति का पक्ष हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एम.वी.लिमये ने बड़े ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया था.जिसके कारण अवकाश मुक्त होने के पांच वर्ष बाद हाईकोर्ट से न्याय मिला.
बतादें कि श्री सत्यनारायण हिंदी माध्यमिक विद्यालय के महादेव प्रजापति एक शिक्षक नही हैं.ऐसे कई विद्यालयों के शिक्षक हैं जिन्हें इसी प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है. मा.उच्च न्यायालय को ऐसे मामलों को स्वयं संज्ञान में लेकर प्रताड़ित होने वाले शिक्षकों को न्याय दिया जाना चाहिए ताकि शिक्षकों के साथ कोई भी अन्याय करने का साहस न कर सके।
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