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जैन संघों नें महापौर व क्षेत्रीय नगरसेविका से की शिकायत ।

भिवंडी। एम एच पंडित 

 भिवंडी मनपा सीमांतर्गत में स्थित हिन्दू शमशान गृहों की बदहाल हालत के कारण शोकाकुल परिजनों को शव जलाए जानें में काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. शमशान गृहों में शव को अग्नि में जलाये जानें हेतु निर्मित कापर के स्टैंड काफी हद्द तक टूट-फूट कर बिखर गए हैं जिसकी वजह से शवों को स्टैंड पर लिटाये जानें में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उक्त शिकायत श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ, श्री समस्त भिवंडी गुजराती समाज सहित कई जैन समाज संगठनों द्वारा लिखित शिकायत पत्र के माध्यम से मनपा महापौर जावेद दलवी एवं क्षेत्रीय नगरसेविका ऋषिका प्रदीप राका से करते हुए शवदाह गृहों की तत्काल मरम्मत कराए जानें की अपील की गई है.
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> गौरतलब हो कि, मनपा प्रभाग क्रमांक 6 स्थित अजयनगर में हिन्दू शमशान गृह है. शमशान गृह में शवों को अग्नि में जलाए जानें हेतु कापर राड के स्टैंड पर शवों को रखा जाता है. श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ, श्री समस्त भिवंडी गुजराती समाज,श्री कच्छी जैन प्रगति मंडल एवं बाजार पेठ व्यापारी एसोसिएशन नें महापौर जाबेद दलवी एवं क्षेत्रीय नगरसेविका ऋषिका प्रदीप राकां से लिखित शिकायत के माध्यम से बताया है कि, भिवंडी मनपा द्वारा निर्मित अजयनगर स्थित शवदाह गृह में शवों को जलाए जानें हेतु बनाये गये स्टैडों में लगाये गये कापर राड पुराने होकर टूट कर बिखर गये हैं जिसकी वजह से शोकाकुल परिजनों को शवों को कायदे से जलाए जानें में दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं. शवदाह स्टैंड पर लगे कापर राड अधिकांशतः टूट जानें की वजह से मृतकों का शव कभी-कभार अधजले रह जाते हैं जो हिन्दू धर्म की मर्यादा के सर्बथा विरुद्ध है. जैन संघों नें महापौर व क्षेत्रीय नगरसेविका से हिन्दू धर्मों से जुड़े गंभीर मुद्दे पर तत्काल प्रभाव से ध्यान देते हुए जनहित में कापर राडों को बदले जानें की अपील की है.
> > > बता दें कि, अल्पसंख्यक नगरी भिवंडी में लगभग आधा दर्जन से अधिक हिन्दू शमशान गृह हैं. मनपा की लापरवाही की वजह से अधिसंखयक शमशान गृहों की बाउन्ड्री वाल, पानी का नल सहित शौचालय टूट कर बिखर चुके हैं व समुचित साफ़ सफाई न होनें से समूचे परिसर में भयंकर गंदगी का बोलबाला है. शमशान गृह में शवों को जलाए जानें हेतु शोकाकुल परिजन जब शमशान गृहों में जाते हैं तो मायूस होकर शवों का क्रियाकर्म किया जाना मजबूरी बन जाती है. शमशान गृहों में सुरक्षा हेतु चहरदीवारी व पहरेदार न होनें से अराजक तत्वों का डेरा जमा रहता है एवं आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं जो कभी-कभार परिजनों को काट खाते हैं जो एक गंभीर समस्या बनी हुई है।

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