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भाजपा सरकार शांति स्थापित करने में नाकाम साबित हो चुकी है_ मौलाना यूसुफ रजा कादरी। 

भिवंडी, हिन्दुस्तान की आवाज, एम हुसेन


भिवंडी। पिछले कई महीनों से गाय के नाम पर हत्याकांड का सिलसिला जारी है और इसके विरोध में पूरे देश के लोगों में आक्रोश पाया जा रहा है। जानवर के नाम पर इंसानों की हत्या प्रत्येक विशेष और आम प्रभावित है जिससे देश में ला एंड आर्डर की स्थिति अत्यंत असंतोषजनक होचुकी है हर व्यक्ति अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है। जगह जगह मुसलमानों को और देश में बसने वाली अन्य अल्पसंख्यकों का बदमाशों द्वारा अत्याचार किया जा रहा हैं ट्रेनों में सड़कोंपर कहीं भी लोग सुरक्षित नहीं है यह अमानवीय कृत्य गाय को लेकर किया जा रहा है गौ रक्षा ठेकेदार इंसानों की जान ले रहे हैं इस तरह से सरकार ने गौ रक्षा के नाम पर कुछ लोगों को बदमाशी की पूरी छूट दे दी है। भाजपा शासित राज्यों में निर्दोषों पर उक्त प्रकार का अत्याचार जारी है। पुलिस और सरकार इसे रोकने में नाकाम साबित हो चुकी है एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घोषणा करते है कि गौ रक्षा के नाम पर लोगों ने हत्या करना शुरू कर दिया है इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा लेकिन प्रधानमंत्री ने हत्याकांड के मुकाबला के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है जिस कारण अब तक सड़कों पर सामान्य भीड़ द्वारा बेरहमी से मारमार कर जान लेने का सिलसिला जारी है। साथ ही आतंकवाद की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है सरकार आतंकवादी कार्यवाहियों से निपटने में भी नाकाम साबित हुई है अमरनाथ यात्रा का जो मामला एक ताजा उदाहरण है हम उलमा अहले सुन्नत भिवंडी जैसे निर्दोषों की जान लेने की कड़ी निंदा करते हैं .14 जुलाई शुक्रवार को भिवंडी विद्वानों और इमामों मस्जिदों के एक शिष्टमंडल ने भिवंडी प्रांताधिकारी से भेंटवार्ता कर ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें महाराष्ट्र सरकार व केंद्र सरकार से निम्नलिखित मांग की गई है।

 1.अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित।
 2। गौ रक्षा के नाम पर होने वाली गुंडागर्दी, आतंकवाद और हिंसक कार्यवाही पर तुरंत रोक लगाए जाए।
 3.जो लोग इस प्रकार की कार्रवाई में लिप्त पाए जाएं उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाए।
 4। फास्ट ट्रैक कोर्ट में ऐसे मामलों को चलाकर दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए।
 5। अब तक जिन लोगों की इस संबंध में जान ली गई है उनके वारिस को सरकार कम से कम 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि का भुगतान करे और घर के लोगों को सरकारी नौकरी भी दी जाए।
 6। अमरनाथ यात्रा पर होने वाले आतंकवादी हमले में जो लोग मारे गए हैं उनके घर वालों को भी 25 लाख रुपये की आर्थिकदि सहायता राशि का भुगतान किया जाए और सरकारी नौकरी भी दी जाए।
 उक्त प्रतिनिधिमंडल में
>मौलाना मुहम्मद यूसुफ रजा कादरी, मुफ्ती मुबश्शिर रजा अजहर मिस्बाही, मुफ्ती शमसुद्दीन मिस्बाही, मौलाना मोहम्मद अकरम मिस्बाही, मौलाना गुलजार अहमद चिश्ती, मौलाना शमशाद अहमद नूरी, मौलाना मोहम्मद उमर, मौलाना रफीक आलम, मौलाना कबीर उद्दीन नूरी, मौलाना शमशेर आलम, मौलाना गुलाम मुस्तफा अमजद, मौलाना मेराज, मौलाना मोहम्मद यूसुफ कादरी (अमजदया) मोलानाकारी इरशाद, मौलाना नसीर, मोहम्मद रजा, शमीम रजा मोहम्मद एजाज शेख, सादबरकाती आदि शामिल थे।

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