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उन्नाव, हिन्दुस्तान की आवाज,मोहित मिश्रा


उन्नाव,फतेहपुर चौरासी क्षेत्र के सभी शिवालयो मे भक्तो का तांता लगा रहा नगर पंचायत ऊगू मे कई जगहो पर श्रवण मास के आगमन पर शिवालयो मे भक्तो ने पूजा अर्चना की श्रवण मास के महीने का बिषेस महात्व शास्त्रो मे बताया गया
क्योंकि सभी देवता असाड मास से चार महीने शयन करते है इस लिए इन चार महीने को चातुर्मास कहते है इस चार महीने कासमय भगवान शंकर जी के पास ही रहता है इस लिए भोले बाबा ही सभी भक्तो को दरबार से निरास नही लौटने नही देते एैसा बताया जाता है इस लिए श्रवण मास का बहुत महत्व है ।
एक और भी बिशेष बात यह है जब भगवान राम पत्नी बियोग मे बन मे भटक रहे थे तब भगवान शंकर की पत्नी देबी सती ने भगवान राम की परीक्षालेने के लिए सती ने सीता का रुप धारण कर के राम के समक्ष गई तब भगवान राम ने सती को प्रणाम किया वह अन्तर्यामी जान गये कि यह माता सती जी है इस के बाद जब सती भोले बाबा के पास वापस गई भोले बाबा ने पूछा की कैसे परिक्षा ली सती जी ने नही बताया लेकिन भोले बाबा जान गये और कहा की सती तुमने तो राम की पत्नी सीता का रुप धारण कियाहै ।तब भगवान शंकर ने कहा अब आपके शरीर को छूना वर्जित है जिसको बाबा गोस्वामी तुलीदास ने लिखा है
शिव सकंल्प कीन्ह मन माही यह तन सती भेंट अब नाही ।
इसके बाद सती को अपने प्राण अपने ही पिता के यहाँ यज्ञ मे त्यागना पडा इसके बाद सती का जन्म राजा हिमांचल के यहाँ हुआ नाम पार्वती पडा पार्वती ने इसी श्रवण मास मे भोले बाबा को पाने के लिए वर्षो तक तपस्या की और भोलेबाबा से शादी की ।
इस लिए श्रवण मास का अधिक महत्व है

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