मुंबई - केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद से गोमाता और गोशाळा का विषय लगातार चर्चा में है. मुंबई में दस हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफळ जमिनपर गोशाळा निर्माण किया जाये यह प्रस्ताव भाजपा की तरफ से पालिका की सुधार समितीमें पेश किया गया था. मात्र भाजपा की तरफ से लाये गये इस प्रस्तावको शिवसेनेना ने इसको वापस करकर भाजपा के गोशाला का स्वप्न भंग किया है. इसके कारण भाजपा की गोशाला की मांग को शिवसेनेना ने मुंबई के बाहर का रास्ता दिखाने की चर्चा राजकीय स्तर पर हो रही है.
गौरतलब है की भारतमें भाजपा सरकार सत्ता में आने के बाद गो हत्या बंदी कायदा लागू किया गया है यह अपराध करनेपर दंड व सजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है. या पृष्ठभूमिपर गो पालने के लिए प्रोत्साहन दिए जाने के उद्देश्य से गोशाला सुरू किया जाये इस प्रस्ताव की सूचना भाजपा के नगरसेवक डॉ. राम बारोट ने रखा था . मात्र मुंबई की २०१६ में पुर्नप्रसिद्ध किये गए प्रस्तावित विकास योजना २०३४ में किये गए गोशाला से संबंधित किसी भी प्रकार का आरक्षण नही रखा है, यह आयुक्त ने स्पष्ट किया है. महापालिका द्वरा ‘आवश्यक और अनिवार्य’ किये गए कर्त्यव्य के अनुसार गोशाला, मवेशियों, मवेशी के तबेले का निर्माण व संरक्षण करना महापालिका के लिए बंधनकारक कर्तव्य नही है. राज्य सरकार ने जुलाई २००६ में अधिसूचना निकालकर मवेशियों, तबेलो को मुंबईबाहेर स्थलांतरित किये जाने की अधिसूचना निकली है. इस विषयपर नियोजन समितीमें चर्चा की गयी है, मात्र नियोजन समितीने किसी भी प्रकार की सिफारिश नही किया है इस प्रस्तावका उत्तर देते हुवे पालिका ने सूचित किया है. इसलिए यह प्रस्ताव सुधार समिती और सभागृह ने वापस किया था.
और इसके बाद दुबारा मुंबई के गोरेगाव स्थित १० हजार वर्ग मीटर की जमीन गोशाला के लिए आरक्षीत रखने की मांग भाजपा के नगरसेवक राम बारोट का प्रस्ताव सुधार समितीमें पेश किया गया था. इस विषयपर नियोजन समिती में चर्चा होने के बावजूद भी प्रत्यक्ष विकास योजना में फ़िलहाल शिफारस नही की गयी है यह कहते हुवे इस मामले का प्रस्ताव सुधार समिती व पालिका सभागृहने वापस लौटाया है. आज गुरुवार को दुबारा इस मामले का प्रस्ताव सुधार समितीमें लाये जाने पर भाजपा के सदस्य प्रकाश गंगाधरे, ज्योती आळवणी, इत्यादी सदस्यों ने गोशाला आवश्यक है इस बात पर जोर दिए जाने का प्रयत्न किया. मुंबईके गोरेगाव पहले से ही अनेक तबेला है फिर गोशाला को इंकार क्यों यह प्रश्न उपस्थित किया. जिस जगह नागरिको की बस्ती नही होगी, जो भूखंड वनक्षेत्र के नामपर आरक्षित है उस जमिनपर गोशाला के लिए आरक्षित करे यह मांग की. इसपर शिवसेना के रामकांत रहाटे, श्रद्धा जाधव, विशाखा राऊत, मिलिंद वैद्य ने मुंबई के तबेलो को मुंबई से बाहर हटाने का कानून राज्य सरकारने बनाया है. शिवसेना का गाय का विरोध नही है लेकिन तबेलो का विरोध है. तबेले से गोबर बहकर नदी और नालो में जाती है जिससे नागरिको के स्वास्थपर असर होता है. इसलिए यह गोशाला मुंबई की सीमा के बाहर बनाया जाये यह भूमिका रखी. इसपर सुधार समितीमें इस तरहो के विषयों पर चर्चा करने के बजाये मुंबई के विकास योजना बन रहा है इस योजना में गोशाला के लिए जमीन आरक्षित करने के बारे में भाजपा विचार करे यह सलाह देते हुवे शिवसेना के सुधार समिती अध्यक्ष अनंत (बाळा) नर ने गोशाला के प्रस्ताव को वापस कर दिया है. इसलिए भाजपा के गोशाला को शिवसेना ने मुंबई के बाहर का रास्ता दिखाने की चर्चा राजकीय स्तर पर हो रही है.
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