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बांदा, हिन्दुस्तान की आवाज़, सन्तोष कुशवाहा

बांदा, उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में बागैन और केन नदी पर बालू खनन की शुआत सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाकर मशीनों से खनन जारी हुआ। पहले दिन से ही पोकलैण्ड़ और जेसीबी मशाीनों से बालू के सिन्डीकेटों ने खनन चालू कर दिया है। इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र और सीमांकन में भी कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया गया है।

बताते चलें कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के बाद ई-टेंडर से बांदा जिले में पिछले मांह बालू की आठ खदानों के पट्टे खनिज विभाग और जिला प्रशासन नें किया है। अतर्रा तहसील के लमेहटा राजस्व गांव में बागैन नदी की खदान गाटा सं0 1039, रक्बा 7.69 एकड़ भोपाल मध्य प्रदेश की कंम्पनी एसोसिएटेड कामर्स को खनिज विभाग नें मात्र 31,120 घन मीटर खनन योग्य बालू का भंड़ार बता कर कंपनी को दो करोड़ 50 लाख 82 हजार 720 रुपये में बालू खनन के पट्टे का आबंटन किया गया है। बालू की खदान लमेहटा में शुरू हुई बालू के कारोबारियों ने सुप्रिम कोर्ट, हाई कोर्ट और एनजीटी अदालतों की परवाह किये बगैर पोकलैंण्ड़ मशीन और जेसीबी मशीनों से बालू का खनन प्रारम्भ करा दिया। रात दिन खान और लोड़िंग करके सैकड़ों ट्रक रोजाना बालू भर रहे हैं।

पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर नदियों की जलधारा बांध कर और उन पर पुल बना कर बालू खनन का कारोबार अबैधानिक तरीके से जारी हुआ। नदियों की जलधारा बांधने या प्रभावित करने पर देश की सर्वोच्च अदालत के सख्त रोक के आदेश के बावजूद यहां की बागेन नदी में अबैध रूप से नदी की जलधारा में आरपार पुल बना लिया गया है। इस पुल के रास्ते बालू के ट्रक चित्रकूट जनपद की सीमा में दाखिल हो कर गुजर रहे हैं। जल धारा बांधने से गर्मी में सिकुड रही बागैन नदी का पानी प्रवाहित न होने से गांवों में पशुओं और ग्रामीणों को पानी की समस्या बिकराल हो सकती है।

नरैनी तहसील के सडा, रिसौरा, पाड़ादेव, नसेनी, राजापुर, आदि गांवों में केन नदी से बालू माफिया सिंडीकेट्स खनिज विभाग और राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से बालू का अबैध खनन कर रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय और एनजीटी न्यायालय के कड़े आदेशों की मखौल उड़ाते हुए मूकदर्शक प्रशासन की नाक के नीचे अबैध करोबार धउल्ले से चलाया जा रहा है। बतादें कि सीमावर्ती मध्य प्रदेश के जनपद पन्ना जिला मुख्यालय में मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति, पिछड़ा वर्ग युवा संघ के बैनर तले बुन्देल खण्ड की भग्य रेखा कही जाने वाली केन नदी को अबैध खनन से होने वाली क्षति ये बचाने के लिए महेन्द्र पाल वर्मा पूर्व जिला पंचायत सदस्य के नेतृत्व में आन्देालन चलाया जा रहा है।

ANAND HI ANAND



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