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पुरानी और खतरनाक इमारतों के पुनर्विकास के लिए नियम संशोधन पर होगा विचार


जल्दी जर्जर होने वाली इमारतों के बिल्डर पर आपराधिक मामले होंगे दर्ज

मुंबई, 14 जून : मुंबई से सटे मीरा-भाईंदर शहर में जल्द से जल्द नया पुलिस आयुक्तालय और स्वतंत्र तहसील कार्यालय की स्थापना की जाएगी. यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने आज यहां दी.

मीरा-भाईंदर शहर के विकास पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री श्री फड़नवीस की अध्यक्षता में सह्याद्रि अतिथि गृह में एक अहम बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में मीरा-भाइंदर के विकास से जुड़े विस्तृत चर्चा की गई.

इस महत्वपूर्ण बैठक में मीरा-भाइंदर के विधायक नरेंद्र मेहता ने मीरा रोड और भाइंदर शहर को विभिन्न नागरिक एवं प्रशासनिक सुविधा देने की मुख्यमंत्री से मांग की.

मीरा रोड और भाइंदर शहर के लिए नए पुलिस आयुक्तालय और तहसील कार्यालय की स्थापना करने की मांग के संदर्भ में मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि महानगर पालिका ने नए पुलिस आयुक्तालय के लिए जरूरी जगह उपलब्ध कराना मंजूर कर लिया है, लिहाजा इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

स्वतंत्र तहसील कार्यालय की स्थापना करने के बारे में श्री फड़नवीस ने कहा कि इस बारे में प्रस्ताव दीजिए उस पर प्राथमिकता के तौर पर काम करते मान्यता दी जाएगी.

श्री. फडणवीस ने कहा कि मीरा रोड और भाइंदर शहर में लंबे समय से फाइलों की धूल खा रही जमीनों को गैर-कृषि (एनए) करने के बारे में 27 जून को मुंबई उच्च न्यायलय में सुनवाई होगी, राज्य सरकार की ओर से इस बारे में प्रभावी ढंग से पैरवी की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने मीरा भाइंदर महामगर पालिका को सलाह दी की वह भी इस बारे में जमीन मालिकों से जरूरी शपथ तैयार करने की औपचारिकता जल्द से जल्द पूरी कर ले ताकि तकनीकी खामियों की वजह से मामले की सुनवाई न टले.

श्री फड़नवीस ने कहा कि महाराष्ट्र स्वर्ण जयंती शहर विकास महाअभियान के तहत शहरों के नाली-नालों का निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों को केंद्र सरकार की अमृत योजना में शामिल किया गया है. शहरों में नाले के निर्माण के लिए महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की ओर से तकनीकी मंजूरी मिलने के बाद धनराशि वितरित किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी और खतरनाक इमारतों के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास में पुराना कानून सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि पुराने कानून में किसी इमारत के 30 साल पुराना होने पर ही उसका पुनर्विकास किया जा सकता है, इसीलिए राज्य सरकार 30 साल की अवधि को घटाकर 25 साल करने पर विचार कर रही है, ताकि जो इमारतें जल्दी खतरनाक हो गईं हैं, उनका पुनर्विकास किया जा सके, लेकिन इसके साथ ही इमारत उम्र पूरी किए बिना कैसे खतरनाक हुई इसकी भी जांच की जाएगी और इमारत बनाने वाले बिल्डर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा.

श्री फड़नवीस ने कहा कि शहरों रहने वाले गरीबों के लिए मूलभूत सेवा (बी.एस.यू.पी.) योजना के तहत महानगर पालिका हजार घर बनाने का काम पूरा करेगी. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी गरीब तबके के लिए घर बनाए जा रहे हैं.

शहर की सड़कों को सीमेंट कांक्रीट का करने के लिए महानगर पालिका को 200 करोड़ रुपए के कर्ज देने की मांग के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि महानगरपालिका ने एमएमआरडीए को जो प्रस्ताव दिया है, उस पर महानगर पालिका आर्थिक क्षमता के अनुसार कर्ज उपलब्ध कराने के बारे में जरूरी कदम उठाए जाएंगे.

बैठक में महापौर गीता जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव प्रवीण सिंह परदेशी, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर कुमार श्रीवास्तव, नगविकास-1 विभाग के प्रधान सचिव नितिन करीर, नगरविकास-2 विभाग के प्रधान सचिव मनीषा म्हैसकर, एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान, राजस्व विभाग के प्रधान सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव, मीरा-भाईंदर आयुक्त नरेश गीते, पदुम विभाग के सचिव विकास देशमुख,पुलिस महानिदेशक सतीश माथुर, महाराष्ट्र औद्योगिक विकामहामंडल (एमआईडीसी) के सह मुख्याधिकारी आण्णासाहेब मिसाल आदि उपस्थित थे.

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