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भिवंडी,हिन्दुस्तान की आवाज, एम एच पंडित


भिवंडी, भिवंडी मजदूर बाहुल्य क्षेत्र है जिनकी संख्या भी अधिक है, शहर वासियों की सुविधाओं के लिए एकमेव आपूर्ति कार्यालय 37 फ संचालित है यहा गुलाब गिरी आपूर्ति अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं परंतु जब से इन्होने ने कार्यभार संभाला है तब से यह। यह कार्यालय में उपस्थित रहने की अपेक्षा अधिकश बाहर क्षेत्र में समय बिताते हैं। आपूर्ति अधिकारी की निष्क्रियता के चलते निरीक्षकों द्वारा मनमाना कार्यभार चलाया जारहा है जिसकारण शहर की जनता को आर्थिक, मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान होना पड़ता है।
गौरतलब है कि जनता राशन कार्ड बनाने के लिए कार्यालय आवेदन करती है आवश्यकतानुसार धझ सभी दस्तावेज कार्यालय में प्रस्तुत करने के बावजूद छह छह महीने तक कार्यालय का चक्कर काटने पर मजबूर हैं जिसमें विशेष रूप से मजदूरों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ता है जबकि आवेदक को महीने के भीतर सारी प्रक्रिया पूरी कर राशन कार्ड जारी करदेना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पूर्व 1 मार्च 017 से 2 अप्रैल 017 तक राशन कार्ड बनाने का काम बंद कर दिया गया था इस संदर्भ में जरूरतमंदों व आवेदको द्वारा आपूर्ति अधिकारी व निरीक्षकों से जानकारी लेने पर उत्तर मिलता है कि अॉनलाइन का काम शुरू है इसलिए यह काम बंद रखा गया है, इस प्रकार झूठ बोलकर पूरा महीना कार्यालय में काम बंद रखकर अधिकारी व कर्मचारी टाइमपास किए। जब उक्त आदेश की प्रति सूचना अधिकार अधिनियम द्वारा मांगी गई तो विभाग द्वारा लिखित रूप से उत्तर दिया गया कि वरिष्ठ अधिकारीयों का मौखिक आदेश था, इस विषय पर वरिष्ठ अधिकारी से भेंटवार्ता कर जानकारी ली गई तो स्पष्ट हुआ कि उक्त प्रकार का
भिवंडी कोई आदेश नहीं दिया गया था बल्कि अॉनलाइन काम कार्यालय शुर रखकर ही करना था। इसी प्रकार नियमानुसार जो राशन कार्ड एक महीने में जारी कर दिया जाना चाहिए उस काम के लिए अधिकारी व कर्मचारियों की निष्क्रियता के चलते नागरिकों को छह महीने से वर्ष तक कार्यालय का चक्कर मारना पड रहा है। वहीं आपूर्ति कार्यालय के कर्मचारियों को राशन कार्ड के काम के अलावा अन्य दूसरे काम पर लगा दिया गया है। इसीलिए भिवंडी वासियों को अविशेष रूप से मजदूरों को अनेक प्रकार की परेशानी व समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो एक गंभीर समस्या बनी हुई है। एक आश्चर्य की बात यह है कि भिवंडी आपूर्ति अधिकारी गुलाब गिरी को सूचना अधिकार अधिनियम 2005 भी अमान्य है। उक्त प्रकार का आरोप आरटीआई कार्यकर्ता दयाशंकर गुप्ता ने लगाते हुए प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है।

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