मुंबई ,सरकारी अधिकारी सरकारी योजना को नजरअंदाज कर आम लोगों को नचाने का काम करते हैं और एक
ही काम के लिए रोजाना चक्कर मारने के लिए प्रेरित करते हैं। मुंबई उपनगर जिला के उपविभागीय अधिकारी राजेश श्रीपतराव काटकर की मनमानी पर शिकंजा कसते हुए लोगों को राहत देने का काम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया हैं। मुख्यमंत्री के एक आदेश से प्रलंबित नॉन क्रीमी लेअर के 600 प्रमाणपत्र शुक्रवार और शनिवार को झटपट तैयार किए गए।
मुंबई उपनगर जिला के उपविभागीय अधिकारी राजेश श्रीपतराव काटकर ने गत 1 महीने से नॉन क्रीमी लेअर प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर नहीं करने से करीब 500 से अधिक छात्रों की शिक्षा संकट में थी। काटकर से त्रस्त अभिभावकों ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली से संपर्क किया। गलगली ने ताबडतोब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सीधी शिकायत की। श्री काटकर का तर्क था कि प्रमाणपत्र को बदलना चाहिए जिसमें एक यानी कुर्ला का उल्लेख और तारीख में बदलाव करे। काटकर यह मांग सरकार से करने के बजाय आम लोगों से कर रहे थे। इससे गत एका महीने से 500 से अधिक आवेदन वैसेही प्रलंबित थे और सेवा गारंटी कानून के अनुसार 21 दिन में सेवा देने का सरकार ने तय की हुई नीतियां अमल में नहीं ला रही थी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ताबडतोब गलगली की शिकायत को गंभीरता से लिया और इस शिकायत को लेकर जिलाधिकारी दीपेंद्रसिंह कुशवाहा को मुख्यमंत्री कार्यालय ने ताबड़तोब कार्रवाई के आदेश दिए। कुशवाहा ने जिम्मेदार अधिकारी राजेश काटकर को शुक्रवार को ही सभी प्रलंबित प्रमाणपत्र तैयार करने का निर्देश दिया और असर यह रहा कि शुक्रवार को 400 प्रमाणपत्र तैयार हुए। अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आभार मानते हुए कहा कि सरकारी नीतियां को ठीक ढंग से अमल में नहीं लाने से आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती हैं और सरकार को लेकर गलत संदेश जाता हैं।
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ही काम के लिए रोजाना चक्कर मारने के लिए प्रेरित करते हैं। मुंबई उपनगर जिला के उपविभागीय अधिकारी राजेश श्रीपतराव काटकर की मनमानी पर शिकंजा कसते हुए लोगों को राहत देने का काम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया हैं। मुख्यमंत्री के एक आदेश से प्रलंबित नॉन क्रीमी लेअर के 600 प्रमाणपत्र शुक्रवार और शनिवार को झटपट तैयार किए गए।
मुंबई उपनगर जिला के उपविभागीय अधिकारी राजेश श्रीपतराव काटकर ने गत 1 महीने से नॉन क्रीमी लेअर प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर नहीं करने से करीब 500 से अधिक छात्रों की शिक्षा संकट में थी। काटकर से त्रस्त अभिभावकों ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली से संपर्क किया। गलगली ने ताबडतोब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सीधी शिकायत की। श्री काटकर का तर्क था कि प्रमाणपत्र को बदलना चाहिए जिसमें एक यानी कुर्ला का उल्लेख और तारीख में बदलाव करे। काटकर यह मांग सरकार से करने के बजाय आम लोगों से कर रहे थे। इससे गत एका महीने से 500 से अधिक आवेदन वैसेही प्रलंबित थे और सेवा गारंटी कानून के अनुसार 21 दिन में सेवा देने का सरकार ने तय की हुई नीतियां अमल में नहीं ला रही थी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ताबडतोब गलगली की शिकायत को गंभीरता से लिया और इस शिकायत को लेकर जिलाधिकारी दीपेंद्रसिंह कुशवाहा को मुख्यमंत्री कार्यालय ने ताबड़तोब कार्रवाई के आदेश दिए। कुशवाहा ने जिम्मेदार अधिकारी राजेश काटकर को शुक्रवार को ही सभी प्रलंबित प्रमाणपत्र तैयार करने का निर्देश दिया और असर यह रहा कि शुक्रवार को 400 प्रमाणपत्र तैयार हुए। अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आभार मानते हुए कहा कि सरकारी नीतियां को ठीक ढंग से अमल में नहीं लाने से आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती हैं और सरकार को लेकर गलत संदेश जाता हैं।
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