अदने से कार्यकर्ता बड़बोलापन
मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरीमीरजापुर। सत्ता का गुरूर अब कहीं न कहीं से सत्ताधारी दल के कुछेक लोगों के सर चढ़ कर बोलने लगा है। उन्हें न तो पार्टी संगठन के नीति रीति का डर है और ना ही प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेशों एवं निर्देशों का। वह कब कहां क्या बोल रहे है उन्हें इसका जरा भी ध्यान नहीं है। उन्हें तो बस इस बात का गुमान है कि वह सत्ताधारी दल से है। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन के दौरान एक अदने से कार्यकर्ता के मुख से कुछ ऐसे ही धमकी भरे बोल सुन न केवल लोग दंग हो उठे बल्कि आपस में उसके शब्दों को लेकर काना-फंूसी करने लगे। हुआ यह कि मुख्यमंत्री डंगहर स्थित मलिन बस्ती का जब निरीक्षण करने पहंुचे थे तो वहां नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारी से लगाये जिले के आला अधिकारी, जनप्रतिनिधि तथा भाजपा और अपना दल के कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी भारी संख्या में मौजूद थे। बताते है कि इसी दौरान एक भाजपा कार्यकर्ता जो अपने को सांसद का काफी करीबी बताते नहीं उघाते है वह अचानक अपना आपा खो बैठे और आव देखा न ताव नगर पालिका के ईओं को धमकी भरे अंदाज में बोले तुम मेरा फोन नहीं रिसीव करते हो, अभी तुम्हें निलंबित करवाता हूँ। उनके इस बोल को सुन न केवल ईओं दंग हो उठे बल्कि आस-पास मौजूद लोग भी सोचने पर मजबूर हो गये। बताते चले कि एक इंश्योरेंस कम्पनी में काम करने वाले यह महाशय अपना दल के कार्यकर्ता है या भाजपा के है यह लोग आज तक नहीं जान पाये है। वहीं इनके द्वारा अपने को कभी सांसद का प्रतिनिधि तो कभी उनका खास सहयोगी बड़े ही गर्व के साथ बताया जाता है। इससे जहां भ्रम की स्थिति बनी रहती है वहीं इनकी कारगुजारियों को लेकर चर्चा होती रहती है। गौरतलब हो कि यह वहीं महाशय है जिन्होंने विधान सभा चुनाव के दौरान मड़िहान विधान सभा से टिकट के प्रबल दावेंदार रहे विधायक रमाशंकर सिंह पटेल की उम्मीद्वारी को लेकर अन्दर ही अन्दर विरोध करने वाले लोगों में से एक थे। इन्होंने रमाशंकर सिंह पटेल (अब विधायक) पर एक झूठे आरोप के मामले को हवा देने के लिए मीडिया से जुड़े कुछ लोगों को मैनेज करने के साथ हर स्तर से मड़िहान विधायक के उम्मीद्वारी के विरोध में अन्दर ही अन्दर ताना-बाना बुनने का काम करते रहे। लेकिन इन्हें मुंह कि खानी पड़ी थी और पार्टी नेतृत्व द्वारा रमाशंकर सिंह पटेल की उम्मीद्वारी पर मोहर लगा दी गयी। जिसके बाद जनता ने भी सारे अफवाहों को दरकिनार करते हुए इन्हें विजयी बनाने का काम किया था। बताते चले कि सांसद का खास सहयोगी तो कभी अपने को उनका प्रतिनिधि बताने वाले यह महाशय छपास रोग से खासे ग्रसीत रहते है। अक्सर सांसद के साथ नाम छपने को लेकर व्याकुल रहने वाले यह महाशय अपने इंश्योरेंस कम्पनी में पालिसी के लिए गाहे बगाहे कुछ अधिकारियों कर्मचारियों पर भी रोब गांठ लिया करते है, ताकि ऐनकेन प्रकारेण उन्हें पालिसी का अवसर मिल जाये। बहरहाल उनके इस बड़बोलेपन को लेकर जोरदार चर्चा हो रही है और लोग कहते सुने जा रहे है। यदि ऐसे ही इनके बोल रहे तो मुख्यमंत्री योगी के सुशासन को ठेस तो पहुंचेगा ही पार्टी संगठन की यह लुटिया डूबोने में कोई कोर कसर नहीं छोडेगे।
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