मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी
मीरजापुर। जहां एक तरफ हमारे देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत की कल्पना कर रहे हैं वहीं स्वच्छता के मामले में जनपद के विभिन्न विकास खण्डो के ग्राम पंचायतो में तैनात सफाईकर्मियों के दर्शन नहीं हो रहे हैं। यदि कहीं हो भी रहे हैं तो या तो ग्राम प्रधानों की चैखट पर या फिर ब्लाक मुख्यालय पर एडीओ पंचायतो की गणेश परिक्रमा करते देखे जा रहे हैं। गांवो की साफ-सफाई का ज्ञान जैसे इन्हे सिखलाया ही नहीं गया। जिला मुख्यालय के नाक के नीचे स्थित हम सिटी विकास खण्ड की बातें करे तो अघौली, चेरूईराम, हरिहरपुर बेदौली, खजुरी, अनन्तरामपट्टी, अर्जुनपुर, महेंवा, बीरशाहपुर, धनीपट्टी, लच्छापट्टी, धौरूपुर, राजपुर, कतरन, पिपराडाड़, नुआंव आदि गांव सटे हुए हैं असली हकीकत जानना हो तो किसी भी गांव का दौरा कर हकीकत खुद ही आंका जा सकता है। उक्त ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों के मुताबिक सफाईकर्मियों के दर्शन ही नहीं होते। अब प्रश्न यह उठ रहा कि जब जिला मुख्यालय के नाक के नीचे स्थित सिटी विकास खण्ड का यह हाल है तो फिर सुदूर स्थित विकास खण्डो के क्या हाल होगे खुद ही समझा जा सकता है। आश्चर्य इस बात का है कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का विशेष ध्यान गंगा के किनारे वाले गांवो पर है गंगा के किनारे वाले गांवो की हकीकत ग्रामीणों की जुबानी सुनी जा सकती हैं। गंगा के किनारे स्थित छानबे विकास खण्ड, कोन, सिटी, पहाड़ी, मझवां, सीखड़ व नरायनपुर को मिलाकर दर्जनों से उपर गांव आते हैं। जिनमें अधिकांश गांव ठीक गंगा के किनारे स्थित हैं। जहां की हालत खराब बतलायी जाती है। अधिकांश ग्राम पंचायतों मेें सफाईकर्मियों दर्शन क्या कई ऐसे भी गांव हैं जहां ग्रामीणों को मालूम ही नहीं कि कौन यहां सफाईकर्मी तैनात है। सफाईकर्मी गांव में जाते भी हैं या नहीं निगरानी में लगे एडीओ पंचायतो से भी जैसे कोई मतलब नहीं। यदि कहीं किसी की शिकायत भी मिलती है तो उपर से कागज आने पर मामले को दफन कर दिया जाता है।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------- Disclaimer हमे आप के इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करे और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य मे कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह ईमेल hindustankiaawaz.in@gmail.com भेज कर सूचित करे । साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दे । जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।
मीरजापुर। जहां एक तरफ हमारे देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत की कल्पना कर रहे हैं वहीं स्वच्छता के मामले में जनपद के विभिन्न विकास खण्डो के ग्राम पंचायतो में तैनात सफाईकर्मियों के दर्शन नहीं हो रहे हैं। यदि कहीं हो भी रहे हैं तो या तो ग्राम प्रधानों की चैखट पर या फिर ब्लाक मुख्यालय पर एडीओ पंचायतो की गणेश परिक्रमा करते देखे जा रहे हैं। गांवो की साफ-सफाई का ज्ञान जैसे इन्हे सिखलाया ही नहीं गया। जिला मुख्यालय के नाक के नीचे स्थित हम सिटी विकास खण्ड की बातें करे तो अघौली, चेरूईराम, हरिहरपुर बेदौली, खजुरी, अनन्तरामपट्टी, अर्जुनपुर, महेंवा, बीरशाहपुर, धनीपट्टी, लच्छापट्टी, धौरूपुर, राजपुर, कतरन, पिपराडाड़, नुआंव आदि गांव सटे हुए हैं असली हकीकत जानना हो तो किसी भी गांव का दौरा कर हकीकत खुद ही आंका जा सकता है। उक्त ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों के मुताबिक सफाईकर्मियों के दर्शन ही नहीं होते। अब प्रश्न यह उठ रहा कि जब जिला मुख्यालय के नाक के नीचे स्थित सिटी विकास खण्ड का यह हाल है तो फिर सुदूर स्थित विकास खण्डो के क्या हाल होगे खुद ही समझा जा सकता है। आश्चर्य इस बात का है कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का विशेष ध्यान गंगा के किनारे वाले गांवो पर है गंगा के किनारे वाले गांवो की हकीकत ग्रामीणों की जुबानी सुनी जा सकती हैं। गंगा के किनारे स्थित छानबे विकास खण्ड, कोन, सिटी, पहाड़ी, मझवां, सीखड़ व नरायनपुर को मिलाकर दर्जनों से उपर गांव आते हैं। जिनमें अधिकांश गांव ठीक गंगा के किनारे स्थित हैं। जहां की हालत खराब बतलायी जाती है। अधिकांश ग्राम पंचायतों मेें सफाईकर्मियों दर्शन क्या कई ऐसे भी गांव हैं जहां ग्रामीणों को मालूम ही नहीं कि कौन यहां सफाईकर्मी तैनात है। सफाईकर्मी गांव में जाते भी हैं या नहीं निगरानी में लगे एडीओ पंचायतो से भी जैसे कोई मतलब नहीं। यदि कहीं किसी की शिकायत भी मिलती है तो उपर से कागज आने पर मामले को दफन कर दिया जाता है।
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