प्रतापगढ,हिन्दुस्तान की आवाज,प्रमोद श्रीवास्तव
विमोचन समारोह की अध्यक्षता करते हुये सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा0 राजेन्द्र मिश्र अभिराज ने डा0 पाण्डेय की रचना कुन्ती महाकाव्य में निहित रचना धर्मिता की सराहना करते हुये कहा कि उनकी यह रचना हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में माइल स्टोन सावित होगी। कवि भिखारीदास की भूमि और आद्या प्रसाद उन्मत की साहित्य कर्मस्थली प्रतापगढ़ को प्रणाम करते हुये उन्होने कहा कि आज 32 वर्ष बाद वह फिर इसी हादीहाल में आये है जब उन्हें श्री उन्मत जी ने एक कवि सम्मेलन में बुलाया था। डा0 रामबोध पाण्डेय और अपने बारे में बताते हुये प्रो0 मिश्र ने कहा कि वह और पाण्डेय इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक साथ अध्ययन किये है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश के ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा विभाग के मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने डा0 रामबोध पाण्डेय के साहित्यिक जीवन की मुक्तकण्ठ से सराहना करते हुये कहा कि डा0 पाण्डेय को हिन्दी साहित्य का कोई बड़ा पुरस्कार अब तक मिल जाना चाहिये था। उन्होने महामहिम श्री राज्यपाल जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया कि वह डा0 रामबोध पाण्डेय के इस कालजयी रचना कुन्ती महाकाव्य के विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पधारे है। प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास एवं चिकित्सा विभाग के स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने श्री राज्यपाल की सराहना करते हुये कहा कि संसद में वन्दे मातरम गीत गायन के वह प्रणेता रहे है। डा0 रामबोध पाण्डेय की रचना कुन्ती महाकाव्य के बारे में बताते हुये डा0 सिंह ने कहा कि कुल 15 सर्ग वाले इस महाकाव्य में सबसे बड़ा प्रथम सर्ग 144 पद का और 13वां सर्ग सबसे छोटा 33 पद का है। उन्होने रामबोध पाण्डेय को साहित्य के क्षेत्र में प्रतापगढ़ का गौरव बताया।
प्रारम्भ में श्री राज्यपाल, मंत्री द्वय और अन्य अभ्यागत अतिथियों का स्वागत चन्द्रदत्त सेनानी स्मारक न्यास की ओर से किया गया। शारदा संगीत महाविद्यालय की बच्चियों के द्वारा वन्दे मातरम् के गायन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई। श्री राज्यपाल ने शास्त्रीय विधि विधान से दीप प्रज्जवलन कर इस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। डा0 रामबोध पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में राज्यपाल जी, प्रदेश सरकार के मंत्री द्वय राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह व डा0 महेन्द्र सिंह, प्रो0 राजेन्द्र मिश्र अभिराज, नगर पालिका बेल्हा के अध्यक्ष श्री हरि प्रताप सिंह, सांसद कुंवर हरिवंश सिंह, विधायक श्री संगमलाल गुप्ता, डा0 आर0के0 वर्मा सहित समारोह में उपस्थित अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुये कहा कि आज वह अभिभूत है कि उनकी महाकाव्य का विमोचन श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश के करकमलों से हो रहा है। यह क्षण उनके लिये जीवन का सबसे महान क्षण है। चन्द्रदत्त सेनानी स्मारक न्यास की ओर से श्री राज्यपाल व अन्य अतिथियों व मंत्री द्वय का स्वागत माताजी लीलावती सेनानी, आनन्द मोहन ओझा, रत्नेश मिश्र सेनानी, डा0 दयाराम मौर्य, रोशनलाल ऊमरवैश्य, राजकुमार आर्य, जिला भाजपा अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश त्रिपाठी सहित भाजपा के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारीगणों, साहित्यकारो, प्रबुद्ध नागरिको की ओर से किया गया है। इस अवसर पर राज्यपाल जी, मंत्री द्वय, अध्यक्षता कर रहे डा0 राजेन्द्र मिश्र को अभिनन्दन पत्र साल देकर सम्मानित किया गया।
विमोचन समारोह में अन्त में महामहिम राज्यपाल, प्रदेश सरकार के मंत्री द्वय व अन्य अतिथियों, साहित्यकारो, गणमान्य नागरिकों व मीडिया बन्धुओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुये सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने कहा कि डा0 रामबोध पाण्डेय की रचना कुन्ती महाकाव्य के विमोचन के बाद प्रतापगढ़ की साहित्यिक विरासत में एक और साहित्यिक मोती जड़ गया है। प्रतापगढ़ के विकास की दिशा में अपनी ओर से किये जा रहे प्रयासो की जानकारी भी सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने दी।
लखनऊ राजभवन से हेलीकाप्टर द्वारा पुलिस लाइन प्रतापगढ़ पहुॅचने पर पुलिस लाइन में स्वागत करने वालो में मा0 मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, मा0 मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह, विधायक संगम लाल गुप्ता, डा0 आर0के0 वर्मा, जिलाधिकारी शरद कुमार सिंह, डा0 रामबोध पाण्डेय, रोशनलाल ऊमरवैश्य आदि प्रमुख लोग थे।
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