भदोही, 02 मई (नकुल बालियान)। देश की आजादी के बाद प्रदेश में कई सरकारें बदली। लोगों ने अपनी सरकार बनाने के लिए आम जनता को बिजली, पानी और बेहतर स्वास्थ्य चिकित्सा और सड़क का ज्यादा प्रलोभन देकर सरकारे बनायी। पूर्व की भाजपा, बसपा और सपा सरकार होने के बावजूद भदोही के एक गांव में 70 साल तक बिजली नहीं पहंुची। लेकिन प्रदेश में आयी योगी सरकार में उन ग्रामीणांे को यह आस है कि कई दशक बाद उनके गांव में भी बिजली आयेगी, अब तो यह देखना होगा कि उन घर के अंधेरों को सरकार कितनी जल्दी रोशनी में तब्दील करती हैं।
जिला मुख्यालय ज्ञानपुर से 22 किमी दूर स्थित अभोली विकासखंड के नयेपुर गांव में आज तक बिजली मयस्सर नहीं हो पाई है। जिसका सबसे अधिक खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। लोग महंगे डीजल पंप लगा कर खेतों की सिंचाई और मड़ाई करते हैं। जिसका नतीजा है की फसलों पर अधिक लागत आती है। गांव की शिक्षित महिलाओं का आरोप है की सरकारें केेवल आती जाती हैं और सपने दिखाती हैं। लेकिन आजादी के इतने सालों बाद भी गांव में बिजली तो दूर खंभे भी नहीं गड़ पाये है, फिर सरकारों के बनने बिगड़ने का क्या मतलब है। कड़ाके की गर्मी में गांव के लोग बेहाल हैं। बिजली न रहने से यहां बिजली या इनवर्टर जैसा कोई वैकल्पिक उपकरण भी नहीं लगाया गया हंै। बच्चों को पढ़ाई-लिखाई में काफी दिक्कत उतपन्न होती है। गांव वालों को पीने योग्य पानी नहीं मिल पाता है। प्रदेश में कांग्रेस, भाजपा, सपा, और बसपा का शासन रहा, लेकिन गांव में बिजली नहीं पहुंच पायी।
राजीव गांधी विद्युतिकरण योजना से भी गांव नहीं जुड़ पाया। जिसकी वजह है गांव का विकास नहीं हो पाया, जबकि आसपास के जीतने भी गांव है उन गांवों में कब की बिजली पहुंची। लेकिन 70 साल बाद भी इस गांव में बिजली नहीं पहुंच सकी हैं। गांव की एक अध्यपिका बताती है प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को हमारे गांव आना चाहिए और विकास की हकीकत से परिचित होना चाहिए। गांव वालों के साथ इससे बढ़ा मजाक क्या हो सकता है की आजादी के बाद से यहां बिजली मयस्सर नहीं है। जबकि सरकारें विकास का दावा करती हैं। सवाल है कि बिजली के लिए जिम्मेदार और जबाबदेह संस्थाएं क्या कर रही थी। उन्होंने कभी बड़े स्तर से प्रयास क्यों नहीं किया। निश्चित तौर पर इस लापरवाही की सजा जिम्मेदार अफसरों को मिलनी चाहिए। गांव वालों को योगी सरकार से बड़ी उम्मीद है, उन्हें लगता है की प्रदेश में योगी बाबा की सरकार जल्द उन्हें बिजली की रौशनी मुहैया कराएगी। अधिशासी अभियंता बालकराम ने बताया है की विद्युतीकरण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया हैं। वहां से धन की स्वीकृति मिलने के बाद गांव में विद्युतीकरण कर दिया जाएगा।
जिला मुख्यालय ज्ञानपुर से 22 किमी दूर स्थित अभोली विकासखंड के नयेपुर गांव में आज तक बिजली मयस्सर नहीं हो पाई है। जिसका सबसे अधिक खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। लोग महंगे डीजल पंप लगा कर खेतों की सिंचाई और मड़ाई करते हैं। जिसका नतीजा है की फसलों पर अधिक लागत आती है। गांव की शिक्षित महिलाओं का आरोप है की सरकारें केेवल आती जाती हैं और सपने दिखाती हैं। लेकिन आजादी के इतने सालों बाद भी गांव में बिजली तो दूर खंभे भी नहीं गड़ पाये है, फिर सरकारों के बनने बिगड़ने का क्या मतलब है। कड़ाके की गर्मी में गांव के लोग बेहाल हैं। बिजली न रहने से यहां बिजली या इनवर्टर जैसा कोई वैकल्पिक उपकरण भी नहीं लगाया गया हंै। बच्चों को पढ़ाई-लिखाई में काफी दिक्कत उतपन्न होती है। गांव वालों को पीने योग्य पानी नहीं मिल पाता है। प्रदेश में कांग्रेस, भाजपा, सपा, और बसपा का शासन रहा, लेकिन गांव में बिजली नहीं पहुंच पायी।
राजीव गांधी विद्युतिकरण योजना से भी गांव नहीं जुड़ पाया। जिसकी वजह है गांव का विकास नहीं हो पाया, जबकि आसपास के जीतने भी गांव है उन गांवों में कब की बिजली पहुंची। लेकिन 70 साल बाद भी इस गांव में बिजली नहीं पहुंच सकी हैं। गांव की एक अध्यपिका बताती है प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को हमारे गांव आना चाहिए और विकास की हकीकत से परिचित होना चाहिए। गांव वालों के साथ इससे बढ़ा मजाक क्या हो सकता है की आजादी के बाद से यहां बिजली मयस्सर नहीं है। जबकि सरकारें विकास का दावा करती हैं। सवाल है कि बिजली के लिए जिम्मेदार और जबाबदेह संस्थाएं क्या कर रही थी। उन्होंने कभी बड़े स्तर से प्रयास क्यों नहीं किया। निश्चित तौर पर इस लापरवाही की सजा जिम्मेदार अफसरों को मिलनी चाहिए। गांव वालों को योगी सरकार से बड़ी उम्मीद है, उन्हें लगता है की प्रदेश में योगी बाबा की सरकार जल्द उन्हें बिजली की रौशनी मुहैया कराएगी। अधिशासी अभियंता बालकराम ने बताया है की विद्युतीकरण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया हैं। वहां से धन की स्वीकृति मिलने के बाद गांव में विद्युतीकरण कर दिया जाएगा।
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