Ads (728x90)

चौधरी चरण के नाम वोट मांगने वाले भाजपा नेताओं का दोहरा चरित्र हुआ उजागर



मुजफ्फरनगर 1 मई 2017 (नकुल बालियान)। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट का नाम बदलने का फैसला अभी योगी सरकार ने लिया था कि उप्र के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने हरिद्वार स्थित चौधरी चरण सिंह वीआईपी घाट का नाम बदलकर शंकराचार्य घाट कर दिया, साथ ही भीमगोड़ा बैराज में लगे बोर्ड से भी चौधरी चरण सिंह को नाम हटा लिया गया है। उप्र मंत्री धर्मपाल सिंह के इस कार्य के जनपद मुजफ्फरनगर में कड़़ी निंदा की जा रही है।


उल्लेखनीय है कि उप्र में चुनाव के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने चौधरी चरण सिंह के नाम पर खूब वोट मांग तथा भाजपा को भरपूर समर्थन एवं वोट मिले भी। अब चौधरी चरण सिंह के नाम इस तरह उपेक्षा किया जाना उनके अनुयाईयों अखर रहा है। राष्ट्रीय जाट संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपिन सिंह बालियान ने इस मामले तीखी एवं दबंग प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित वीआईपी घाट के नाम से मशहूर चौधरी चरण सिंह घाट का नाम बदलकर शंकराचार्य का नाम रखा जाना किसानों के मसीहा चौधरी का अपमान नहीं है, बल्कि जाटों का अपमान है, क्योंकि चौधरी चरण सिंह का अपमान करनी औकात तो बीजेपी नेता क्या, पूरी भारतीय जनता पार्टी की नहीं है। साथ ही विपिन सिंह बालियान ने यह भी कहा कि ये भाजपा में जाट समाज के 15 विधायक एवं 24 एमपी के भी बेइज्जती है। अगर भाजपा के जाट विधायकों, सांसदों में जरा भी स्वाभिमान तो वे मिलकर सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह को मंत्री पद एवं पार्टी से बर्खास्त कराये अगर ये विधायक, एमपी और मंत्री ऐसा नहीं करा सकते तो इन्हीं तुरन्त पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। बीजेपी को जाटों से इस तरह नफरत है जैसे पाकिस्तान को हिन्दुस्तान से है, अगर भाजपा का बस चले तो ये जाट नेतृत्व का समूल नाश ही कर दें।

शामली सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक पंकज मलिक का कहना है कि चौधरी चरण सिंह किसानों, मजदूरों एवं गरीबों के मसीहा थे। चौधरी चरण का सम्मान उत्तर प्रदेश का नहीं, पूरे देश के किसानों का, मजदूरों एवं गरीब वर्ग का सम्मान था, उसी चोट नहीं पहुंचाया जाना नितान्त निन्दनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि मैं चौधरी चरण सिंह घाट को शंकराचार्य घाट किये जाने का विरोध नहीं करता हूं, लेकिन चैधरी चरण सिंह हिन्दुस्तान के लोगों के दिलों बसते है, उन्होंने पूरे हिन्दुस्तान के किसानों, मजदूरों एवं गरीब वर्ग को एक मंच पर लाकर संगठित करने का कार्य किया था तथा उनको उनका अधिकार दिलाया था।
रालोद के जिलाध्यक्ष चौधरी अजित राठी ने इस मामले में कहा कि किसानों मसीहा चौधरी चरण सिंह घाट का नाम बदला जाना तुच्छ एवं घटिया मानसिकता को दर्शाता है। चुनाव के दौरान बीजेपी नेता चैधरी चरण सिंह के नाम माला जपते है तथा बाद में अपने दोहरे एवं स्तरहीन चरित्र को उजागर करते है। साथ ही उन्होने कहा कि पश्चिमी उप्र में चैधरी चरण सिंह के नाम पर वोट मांगने वाले नेता बीजेपी के शीर्ष नेताओं की कठपुतली मात्र है। इन कार्यकलापों का खामियाजा बीजेपी नेताओं को भुगतान पड़ेगा।


वरिष्ठ रालोद नेता बाॅबी त्यागी ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि गरीब, मजदूरों एवं किसानों के जीवन खपा देने वाले महापुरूष एवं महान अर्थ शास्त्री चौधरी चरण सिंह को अपमानित किया जा रहा है, यह केवल चैधरी चरण सिंह का ही बल्कि किसान, मजदूर एवं गरीब वर्ग का भी अपमान। किसाना मसीहा चौधरी चरण सिंह ने अपना सम्पूर्ण जीवन किसानों, मजदूरों एवं गरीब वर्ग को उनक हक दिलाने के लिए संघर्ष करने में बिता दिया।


भाजपा जिलाध्यक्ष रूपेंद्र सैनी ने कहा कि यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है। मैं मामले का पता करके ही कुछ कह सकूंगा।

मथुरा के वरिष्ठ रालोद नेता सागर नेहरा ने कहा चौधरी चरण सिंह किसानों एवं गरीबों के नेता थे और बीजेपी सरकार पूंजीपतियों के लिए काम करती है। इनको किसान एवं मजदूर नेतृत्व किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं, चौधरी चरण सिंह घाट का बदला जाना तो सिर्फ इसकी एक बानगी है। इस मामले को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, इसको लेकर एक बड़ा आंदोलन किया जायेगा
इसके अलावा इस मामले में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री डा. संजीव बालियान से भी सम्पर्क करने का प्रयास किया गया है, लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया है।

इसके अलावा दूसरे भाजपा नेता भी अपने नेतृत्व द्वारा किए गए इस कृत्य पर कुछ भी बोलने से बचते रहे

Post a Comment

Blogger