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शराब ठेके के निकट बनी केंटिन भी ओवर रेट में मिलती है शराब

मुजफ्फरनगर (नकुल बालियान)। योगी सरकार में भी जनपद में शराब के ठेकों पर हो रही ओवर रेटिंग को आबकारी विभाग रोकने में नाकाम है। यही कारण है कि शराब के ठेकों पर सेल्समैन धडल्ले से ओवर रेटिंग कर रहे है। ऐसा नही कि आबकारी विभाग को इसकी जानकारी नही, जानकारी होने के बाद भी विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी नीद सोये हुए है। जनपद में सैकड़ों की संख्या में अग्रेजी व देशी शराब के ठेके है। इन ठेकों पर काम करने वाले सेल्समैन का मानदेय इतना है कि वह अपने परिवार को दो समय की रोटी भी नही खिला सकते। पढाई सहित अन्य चीजे तो दूर की बात है। ऐसी स्थिति में भी सेल्समैन शराब के ठेको पर नौकरी कर रहे है इसका मुख्य कारण शराब पर होने वाली ओवर रेटिंग है। शराब के ठेकों के साथ केंटिन भी बनाई गई है। यह केंटिन सायं के समय ठेके बंद होने के बाद ठेकों के समकक्ष ही चलती है। दिन के उजाले में शराब के ठेकों पर सेल्समैन खुलआम धडल्ले से ओवर रेटिंग कर ग्राहकों की जेबों पर सीधे तौर पर डाका डाल रहे है। उन्हें किसी अधिकारी का कोई डर नही है। चोरी छिपे शराब पीने वाले शराब के शौकीन इसका विरोध खुलकर नही कर पाते है। इसी का फायदा शराब के सेल्समैन आसानी से उठा रहे है। सेल्समैन एक शराब के पव्वे पर दस रुपये ओवर रेटिंग वसूल रहे है। यदि उनका कोई विरोध करता है तो उसके साथ अभद्रता करने से भी नही चूकते। शराब के ठेकों के समीप बनी कैंटिन पर ग्राहक पर दोहरी मार पड़ती है। केंटिन संचालक अपनी केंटिन पर सामान की रेट लिस्ट नही लगाते। वह पानी के बोतल से लेकर खाने पीने के सामान पर मोठी रकम वसूलते है। इतना ही नही सायं के समय ठेका बंद होने के बाद इन केंटिनों पर ठेके के समकक्ष ठेका चलता है। इनकी कैंटिन पर शराब से लेकर बीयर तक उपलब्ध होती है और यह ग्राहक को बीयर या शराब देने पर 50 से 100 रुपये तक ओवर रेटिंग वसूल करते है। एसा नही की इसकी शिकायत आबकारी अधिकारियों से नही की जाती। शिकायत होने के बाद भी अधिकारी इन ठेका व केंटिन संचालकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नही कर रहे है यही कारण है कि सभी शहरों में खुले शराब के ठेकों पर ओवर रेटिंग चल रही है।

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