आपातकाल सेवा के लिए शहर में विभिन्न स्थानों पर 12 मेडिकल स्टोर रखे गए खुले |
भिवंडी,हिन्दुस्तान की आवाज , एम एच पंडितभिवंडी। एम हुसेन । मंगलवार को देश के सभी औषध विक्रेताओं के देश व्यापी बंद के समर्थन में अपनी विभिन्न मांग को लेकर भिवंडी के 500 मेडिकल स्टोर पूर्ण रूप से रहे बंद | औषध विक्रेताओं के हडताल की जानकारी न होने से औषधि खरीदने के लिए भिवंडी वासियों को विशेष रूप से मज़दूर वर्ग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है | वहीं, भिवंडी केमिस्ट एसोसिएशन ने दावा किया है कि जनता की सुविधा के लिए आपातकाल सुविधा देने हेतु शहर के विभिन्न स्थानों पर 12 मेडिकल स्टोर खुले रखे गए थे | जिसकी जानकारी एसोसिएशन ने पुलिस विभाग, मनपा स्वास्थ विभाग तथा शहर के विधायक और सांसद को लिखित रूप से दी थी |
गौरतलब हो कि ऑनलाइन फार्मेसी, केन्द्रीय ई-पोर्टल का विचार केमिस्टों को नही स्वीकार | ई-पोर्टल नीति से भारतवर्ष में औषधि के होने वाले अभावों औषध मूल नियंत्रण नीति में केमिस्टों का शोषण स्वीकार नही तथा केन्द्रीय औषध कानून संसोधन में औषध विक्रेताओं के विचार को स्वीकार करने जैसी प्रमुख मांग को लेकर ऑल इंडिया आर्गेनाईजेशन ऑफ़ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट संस्था तथा महाराष्ट्र स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन द्वारा देश व्यापी बंद की अपील पर भिवंडी केमिस्ट एसोसिएशन द्वारा किए गए आवाहन पर भिवंडी के 500 से अधिक मेडिकल स्टोर के मालिकों ने अपना मेडिकल स्टोर बंद रखा | उक्त जानकारी देते हुए भिवंडी केमिस्ट एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य इकबाल सिद्दीकी ने बताया कि भारत सरकार ऑनलाइन फार्मेसी को बढ़ावा दे रही है, जिससे खुदरा औषधि व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित होगा | केंद्र सरकार को एक दिन की देश व्यापी हड़ताल कर औषध विक्रेताओं ने एक तरह से चेतावनी दी और मांग की है कि सरकार औषध विक्रेताओं के पक्ष को भी सुनें | अन्यथा भारत सरकार के इस कानून से देश के 08 लाख से ज्यादा केमिस्ट और 05 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे | औषध मूल्य नियंत्रण के नाम पर सरकार द्वारा बनाई जा रही नीति में औषध कारोबारियों का शोषण स्वीकार नही किया जाएगा | सिद्दीकी ने बताया की मरीजों को परेशानी न हो इसका ध्यान रखते हुए शहर के 12 मेडिकल स्टोर आपातकाल सेवा के लिए खुले रखे गए थे | ज्ञात हो कि पावरलूम औद्योगिक शहर भिवंडी मजदूर बाहुल्य जनसंख्या वाला शहर है | जिसमें दो-तिहाई आबादी मजदूरों की है, जो कम पढ़े लिखे होने के साथ स्लम झोपड़पट्टियों में रहते हैं | मेडिकल स्टोर बंद होने की जानकारी न होने के कारण गरीब और मज़दूर वर्ग के लोगों को मेडिकल स्टोर बंद होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है | भिवंडी में हज़ारों मजदूर ऐसे हैं, जो बुखार व छोटी-मोटी बिमारियों की औषधि सीधे मेडिकल स्टोर से खरीदते हैं | इस तरह के मज़दूरों को तथा मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों को मेडिकल स्टोर हड़ताल की जानकारी न होने से औषध के साथ साथ अन्य दैनिक जीवन के ज़रुरत की चीज़ों के लिए दर दर भटकना पड़ा | क्योंकि, भिवंडी में मेडिकल स्टोर के साथ बहुत सी दुकानों पर जनरल स्टोर के खुदरा सामान भी बेचे जाते हैं |
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