मीरजापुर।(आशीष तिवारी) मां विंध्यवासिनी के दरबार में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति एक समान होता है। वह सिर्फ भक्त के रूप में माता का दर्शन व पूजन करता हैं ऐसे में यहां पर वीआईपी व्यवस्था क्यों। इससे खफा अखिल भारतीय ब्राम्हण महासंघ ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप आस्थाधाम विंध्याचल में वीआईपी व्यवस्थाएं समाप्त किये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वीआईपी के नाम पर पंडा समाज द्वारा मनमाने ढंग से दर्शन व पूजन कराया जाता है जिससे घंटो कतार में लगे भक्तो को इस दौरान असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। अखिल भारतीय ब्राम्हण महासंघ के प्रदेश महासचिव साधु तिवारी ने कहा कि आस्थाधाम में पहुंचने वाला आम श्रद्धालु जहां ठीक ढंग से माता की एक झलक तक नहीं ले पाता वही वीआईपी के नाम पर लोगों का रास्ता रोक गर्भगृह में वह भी निकास द्वार से प्रवेश करा माता के सामने मनमाने समय तक श्रद्धालुओं को घूसेड़कर दर्शन कराना कहां तक न्यायोचित है। श्री तिवारी ने कहा कि माता के दरबार में आने वाला हर श्रद्धालु एक समान है। गलत रास्तो से मंदिर में प्रवेश करा कर दर्शन व पूजन कराने की परम्परा बंद होनी चाहिए। इस मौके पर अखिल भारतीय ब्राम्हण महासंघ के भारी संख्या में कार्यकर्तागण मौजूद रहे।
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