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ठठिया/कन्नौज। थानाक्षेत्र के खानपुर गांव निवासी मिस्टर सिंह पुत्र पुत्तूलाल ने तहरीर में कहा कि भूसा लेकर रात को घर आ रहा था। जहां पहले से ही गाली गलौज कर रहे जिलाजीत, अरविन्द, विमलेष पुत्रगण हरी झगडे पर उतारू हो गए और मारपीट करने लगे। इससे वह घायल हो गया। बचाने आई भतीजी मंजू, भाभी शांति को भी गंभीर चोट आई है।
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मासूम के साथ महिला को पति ने भगाया
फोटो 4 परिचय- थाने में मौजूद पीडित महिला
ठठिया/कन्नौज। चार वर्ष पूर्व प्रेम विवाह करने वाली युवती को पति ने मारपीट कर मासूम बच्चे के साथ घर से भगा दिया। दर-दर की ठोकरे खा रही महिला ने थाने में डेरा जमा लिया है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो सकी।
जनपद कानपुर देहात के डेरापुर थानाक्षेत्र के बडा गांव निवासी सोनी ने बताया कि करीब चार साल पहले उसने थाना इंदरगढ कन्नौज के औसेर गांव निवासी सोनू से प्रेम विवाह किया था। उसकी गोद में आठ माह का मासूम बच्चा है। आरोप है कि गत दिवस पति ने मारपीट कर मासूम सहित महिला को घर से निकाल दिया। पीडित महिला शनिवार को कार्यवाही के लिए थाने पहुंची। जहां सुनवाई नहीं की गई। घटना के दूसरे दिन भी महिला थाने में डेरा जमाए रही। देरषाम खबर लिखे जाने तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी।
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खटारा वाहनों से ढोए जा रहे स्कूली बच्चे
-मानकों को ताक पर रखकर वाहन संचालित कर रहे निजी स्कूल
फोटो 3 परिचय- टेंपो में सवार होकर जाते स्कूली बच्चे
कन्नौज। चार माह पूर्व 19 जनवरी को एटा में स्कूली बस व ट्रक की टक्कर में कई बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। जहां केवल मासूम बच्चांे व परिजनों की चीखें सुनाई दे रही थीं। बावजूद इसके निजी स्कूल यातायात नियमों को ताक पर रखकर स्कूली बच्चों को खटारा वाहनों द्वारा ढोने से बाज नहीं आ रहे। जिससे कभी भी बडा हादसा हो सकता है।
सूत्रों की मानें तो निजी स्कूल संचालक अधिक कमाई के लालच में बच्चों की जिंदगी से खुलेआम खिलवाड कर रहे हैं। वाहन स्वामियों से सांठगांठ कर मानकों की खिल्ली उडा रहे हैं। पहले तो खटारा बस, टेंपो व मैजिक से स्कूली बच्चों को लाने ले जाने का कार्य किया जाता है। इतना ही नहीं वाहनों को सीट क्षमता के सापेक्ष दो-तीन गुना अधिक भरा जाता है। कई वाहन अवैध गैस किट से चल रहे हैं। जिन पर जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं देते। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी राहुल श्रीवास्तव का कहना है कि 15 वर्ष पुराने वाहन स्कूल में नहीं चलेंगे। स्कूली वाहन चलाने वाले चालकों के पास पांच वर्ष पुराना ड्रायविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। जो वाहन मानक को पूरा नहीं करता, उसका किसी दषा में संचालन नहीं होने दिया जाएगा। स्कूल वाहनों में स्कूल का नाम, टेलीफोन नंबर, चालक का नाम अंकित किया जाए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही अभियान चलाकर स्कूली वाहनों की चेकिंग की जाएगी। नियम विरूद्ध मिलने पर प्रबंधक व प्रधानाचार्य के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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