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-अस्पताल परिसर स्थित मंदिर के समीप हालत बिगड़ने पर हुई जानकारी

-जेब से मिले मोबाइल और दो पन्ने के लेटर से खुलेगा मौत का कारण


मीरजापुर ( संतोष गिरी ) मंडलीय अस्पताल में तैनात एक 50 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मी ने शनिवार को अबुध हाल में किसी जहरीले पदार्थ को सेवन कर लिया। हालत बिड़ने पर उसे भर्ती कराया गया जहां चिकित्सकों के अथक प्रयास के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। स्वास्थ्यकर्मी के मौत की खबर फैलते हुए स्वास्थ्यकर्मीयों में जहां शोक की लहर दौड़ गई वहीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो उठा था। यहां मंडलीय अस्पताल में वार्डब्वाय के पद पर तैनात प्रेमनारायण तिवारी ने नित्य की भांति शनिवार को भी दोपहर दो बजे तक ड्यूटी की फिर इसके बाद अस्पताल परिसर स्थित मंदिर के पास चले गए जहां किसी की नजर उन पड़ी तो देखा वह तड़प रहे थे आनन-फानन में उन्हें आकस्मिक कक्ष में लाकर उनका उपचार प्रारंभ किया गया तो पता चला किया उन्होंने विषपान कर लिया। मूलतः गाजीपुर जिले के जमानियां थाना क्षेत्र के धनरी गांव निवासी प्रेमनारायण तिवारी पुत्र रामनिवास तिवारी काफी मृदुल स्वभाव के बताये जाते है ऐसे में जहरीले पदार्थ का सेवन कर मौत को गले लगाने की बात किसी के गले से नीचे उतर नहीं पा रही है। हर कोई उनकी मौत को लेकर चकित है। संतान के नाम पर उन्हें दो पुत्रियां थी जिनमें से बड़ी बेटी का पिछले वर्ष ही विवाह हुआ था। यहां वह पत्नी और छोटी कबेटी के साथ रह रहे थे। बताया जाता है कि बेटी के ससुराल वालों से कुछ अनबन चल रही थी। जिसको लेकर अक्सर वह तनाव में रहा करते थे। कुछ स्वास्थ्य कर्मियों ने दबी जुबान बताया कि घटना से कुछ घंटे पहले उनकी संभवत अपने दामाद से मोबाइल पर बात भी हुई थी। इस दौरान काफी तू-तू, मै-मै भी मोबाइल पर हुई। जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे उनके चाचा रामकुमार तिवारी जो यहां लोक निर्माण विभाग में चालक के पद पर तैनात है ने भतीजे के मौत की खबर मिलते ही रोते बिलखते हुए अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने बताया कि रविवार को वह बेटी के ससुराल गाजीपुर जाने वाले थे उसकी बिदाई के लिए। ऐसे में बेटी की बिदाई से एक दिन पूर्व ही खुद संसार से बिदा हो लेने की बात किसी को हजम नहीं हो पा रही है। हालांकि पुलिस ने उनके पास से उनका मोबाइल फोन कब्जे में लेने के साथ उनके पाकेट से दो पन्ने का एक पत्र भी अपने कब्जे में लिया है। संभावना जताई जा रही है उस पत्र से जरूर कुछ न कुछ राज खुलेगें आखिरकार हमेशा प्रसन्नचित्त रहने वाले प्रेमनारायण ने ऐसा कदम क्यों उठाया।

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