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-मासूम बच्चों सहित आम जनता के स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड


कन्नौज (अनुराग चौहान) बच्चों के स्वास्थ्य में दूध की अहम भूमिका है। दूध शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं मजबूत बनाने के लिए अन्य पौष्टिक आहारों के साथ महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं क्षेत्रों में दूधियों द्वारा बेंचा जा रहा दूध मीठे जहर से कम नहीं है। जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है।

खाद्यान्न अधिकारियों की अनदेखी और लापरवाही से इस गोरखधंधे से जुडे लोग खासकर दूधिए गांव से दूधउ लेकर जगह-जगह लगी मषीनों से दूध की क्रीम निकलवा देते हैं। जिससे उसके पौष्टिक तत्व समाप्त हो जाते हैं। इसके बाद अखाद्य पदार्थ यूरिया, निरमा, स्टार्च, सिंथेटिक दूध आदि मिलाकर दूध को गाढा करने के लिए अपमिश्रण कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो खाद्य विभाग द्वारा यदि इन मिलावटखोरों के खिलाफ छापेमारी की जाए तो सैकडों लीटर अप मिश्रित दूध को पकडा जा सकता है लेकिन विभाग द्वारा लगातार इसकी अनदेखी की जाती है। वहीं इस दूध का सेवन करने वाले बच्चों से लेकर बडे तक गंभीर रोगों के षिकार हो जाते हैं।


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