मुंबई / संवाददाता/नागरिको को खुली जगह में प्रवेश करने का मूलभूत अधिकार है, मुंबई में खुले स्थानों की देखभाल करकर वहा नागरिको को बिना रोक थाम के प्रवेश देने की जिम्मेदारी मुंबई महानगरपालिका की है. यह जिम्मेदारी महानगरपालिका निभाए. रानीबाग यह वनस्पती उद्यान होने से यह उद्यान का बेतहाशा शुल्क लगाना मतलब नागरिको के सास लेने पर शुक्ल लगाने की तरह होगा इसलिये भायखळा स्थित रानीबाग के २० गुना शुल्क बढ़ोत्तरी रद्द करे यह मांग पूर्व सनदी अधिकारी द म सुखतणकर ने पत्रकार परिषदेत किया.
गौरतलब है कि मुंबई मराठी पत्रकार संघ में सेव्ह राणी बाग बोटॅनिकल गार्डन फाउंडेशन द्वारा आयोजित पत्रकार परिषद में सुखतणकर बोल रहे थे. इस समय बोलते हुवे कहा कि १८६१ में नागरिको की शैक्षणिक व मनोरंजनात्मक आश्वाद के लिए रानी बाग यह सार्वजनिक वनस्पती उद्यान स्थापन किया. १८९० वर्ष में इसमें छोटे प्राणिसंग्रहालय की सुरुवात की गयीं. रानीबाग की कुल क्षेत्रफळ की ६३ प्रतिशत जगह में वनस्पती उद्यान और १८ प्रतिशत जगह में प्राणी संग्रहालय है. नागरिक ताजी और स्वच्छ हवा के लिए और विश्रांती के लिए उद्यान व खुले मैदान में जाते है. और कभी कभार प्राणिसंग्रहालय में जाते है. उद्यान में जाने वालों की संख्या अधिक है और प्राणीसंग्रहालय में जाने वालों की संख्या कम है . नियोजन समितीने मुंबई के विकास नियोजन में रानीबाग को वनस्पती उद्यान कहकर नामनिर्देशन किया है और दुय्यम नामनिर्देशन के तौर पर प्राणिसंग्रहालय किया है यह सुखतणकर ने कहा.
भारत व सरकार की नागरी व्यवहार मंत्रालय ने ठहराये मानक के अनुसार खुली जगह और लोकसंख्या की गुणोत्तर १० से १२ चौरस मीटर इतना होना चाहिए यह कहा है. परंतू मुंबई में यह प्रमाण दर मनुष्य १.२४ चौरस मीटर इतना है. मुंबई के पास मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के उद्यान के लिए २ रुपये और महाराष्ट्र निसर्ग उद्यान के लिए स ५ रुपये नाममात्र शुल्क वसूल किया जाता है. मुंबई के अन्य उद्यान में प्रवेश के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क वसूल नही किया जाता. रानी बाग का प्रस्तावित प्रवेश शुल्क बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी होने से खुली जगह का इस्तेमाल करने का मूलभूत अधिकार छीना जाएगा यह सुखतणकर ने कहा. उक्त अवसर पर सुखतणकर के शाथ नयना कथपालिया, मेहेर रफात, फाउंडेशन की हुतोक्षी रुस्तोमफ्राम, शुभदा निखारगे इत्यादी मान्यवर उपस्थित थे.
गौरतलब है कि मुंबई मराठी पत्रकार संघ में सेव्ह राणी बाग बोटॅनिकल गार्डन फाउंडेशन द्वारा आयोजित पत्रकार परिषद में सुखतणकर बोल रहे थे. इस समय बोलते हुवे कहा कि १८६१ में नागरिको की शैक्षणिक व मनोरंजनात्मक आश्वाद के लिए रानी बाग यह सार्वजनिक वनस्पती उद्यान स्थापन किया. १८९० वर्ष में इसमें छोटे प्राणिसंग्रहालय की सुरुवात की गयीं. रानीबाग की कुल क्षेत्रफळ की ६३ प्रतिशत जगह में वनस्पती उद्यान और १८ प्रतिशत जगह में प्राणी संग्रहालय है. नागरिक ताजी और स्वच्छ हवा के लिए और विश्रांती के लिए उद्यान व खुले मैदान में जाते है. और कभी कभार प्राणिसंग्रहालय में जाते है. उद्यान में जाने वालों की संख्या अधिक है और प्राणीसंग्रहालय में जाने वालों की संख्या कम है . नियोजन समितीने मुंबई के विकास नियोजन में रानीबाग को वनस्पती उद्यान कहकर नामनिर्देशन किया है और दुय्यम नामनिर्देशन के तौर पर प्राणिसंग्रहालय किया है यह सुखतणकर ने कहा.
भारत व सरकार की नागरी व्यवहार मंत्रालय ने ठहराये मानक के अनुसार खुली जगह और लोकसंख्या की गुणोत्तर १० से १२ चौरस मीटर इतना होना चाहिए यह कहा है. परंतू मुंबई में यह प्रमाण दर मनुष्य १.२४ चौरस मीटर इतना है. मुंबई के पास मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के उद्यान के लिए २ रुपये और महाराष्ट्र निसर्ग उद्यान के लिए स ५ रुपये नाममात्र शुल्क वसूल किया जाता है. मुंबई के अन्य उद्यान में प्रवेश के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क वसूल नही किया जाता. रानी बाग का प्रस्तावित प्रवेश शुल्क बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी होने से खुली जगह का इस्तेमाल करने का मूलभूत अधिकार छीना जाएगा यह सुखतणकर ने कहा. उक्त अवसर पर सुखतणकर के शाथ नयना कथपालिया, मेहेर रफात, फाउंडेशन की हुतोक्षी रुस्तोमफ्राम, शुभदा निखारगे इत्यादी मान्यवर उपस्थित थे.
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