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लखीमपुर खीरी - मोहम्मद रिजवान

मोहम्मदी-खीरी। निकाय चुनाव का धमासान शुरू हो गया सभासद एवं अध्यक्ष पद के दावेदारो के द्वारा मतदाता सूचियो में माथा पच्ची की जा रही है। नगर के अधिकांश वार्डो में विशेष रूप से वार्ड संख्या 20 की मतदाता सूची में बीएलओ ने जहां फर्जी नामो को जगह दी वही लगभग 50 वोटो वाले दस परिवारो के घर के घर मतदाता सूची से गायब हो गये। यही स्थिति लगभग हर वार्ड की है जहां बीएलओ ने सर्वे के दौरान फार्म्र तो भरे लेकिन वोट साफ कर दिये। मतदाता सूचियो से अधिकाशतः अल्पसंख्यक समुदाय के ही नाम काटे गये है जो किसी षडयंत्र की ओर इशारा करता है। नगर पालिका कर्मियो ने भी वोट काटने और फर्जी बढ़ाने में महत्वपूर्ण्र भूमिका अदा की है।
दो माह बाद होने वाले नगर पालिका परिषद के चुनाव का धमासान शुरू हो गया है। सम्भावित प्रत्याशियो ने मतदाता सूचियो में माथा पच्ची शुरू कर दी है। नगर के 25 मे से अधिकांश वार्डो्र में फर्जी नामो की बाढ़ है तो असली मतदाताओ के नाम गायब है। वार्ड संख्या 20 की मतदाता सूची जो नये परसीमन से पूर्व्र की है मे कई ऐसे परिवार इस मौजूदा सूची में शामिल है जो एक माह पूर्व नये परसीमन में कुछ भाग जोडा गया है। अगर जोड़े गये भाग के मात्र दो घरो के वोट ही क्यो और कैसे जुड़े ? शेष लगभग दो सौ वोटरो के नाम क्यो नही जोड़े गये। यही नही इस वार्ड्र में उन लोगो के नाम भी मौजूद है जो दसियो वर्ष पूर्व यहां से अपना मकान सहित सबकुछ बेचकर मुम्बई्र चले गये। मतदाता सूची में क्रम संख्या 1163 मकान संख्या 148 मो. यासीन पुत्र शफीउल्ला इनके दस वोट क्रम संख्या 1163 से 1172 तक दर्ज नाम का कोई्र भी मतदाता मोहम्मदी नगर पालिका छोड़ दो विधानसभा क्षेत्र में नही रहता। मतदाता सूची में ऐसे एक सैकड़ा से अधिक फर्जी मतदाताओ के नाम दर्ज है इन्ही फर्जी मतदाताओ के सहारे दो चुनाव जीते जा चुके है हैटरिक बनाने के लिये फिर फर्जी बाड़े के लिये गोटे बिछाई जा रही है।
यह कहानी इस वार्ड की ही नही लगभग हर वार्ड की है जहां असली मतदाताओ के नाम मतदाता सूची से गायब है और फर्जी्र नामो की बाढ़ सी आयी हुई्र है। ये फर्जी मतदाता निष्पक्ष मतदान एवं चुनाव को प्र्रभावित करते है परिणाम स्वरूप अच्छी और साफ-सुथरी छवि वाले प्रत्याशी चारो खाने चित हो जाते है और ‘‘राजाबाबू’’ जीत का सेहरा बांधते है। इस फर्जीबाड़े तथा बीएलओ के द्वारा डोर-टू-डोर छूटे मतदाताओ के नाम बढ़ाने तथा फर्जी वोटो को काटने के फार्म भरते लेकिन उसके बाद भी फर्जी बाड़ा हो जाता क्यो और कैसे ? पर एक सूत्र ने बताया कि बीएलओ फार्म भरकर सूची के साथ पालिका में जमा करते है नम्बर एक मतदता सूची में नाम बढ़ाने और फर्जी कटने के जमा किये जाने वाले फार्मो में हेरा-फेरी कर ली जाती है। दिखावे के लिये बीएलओ फार्म तो भरता है लेकिन मौजूदा सभासद से हुए समझौते के चलते फार्म जमा नही किये जाते दूसरा तरीका नगर पालिका का है। बीएलओ फार्म फीडिंग के लिये पालिका में जमा करते है उसके बाद फर्जी बाडे का काम शुरू हो जाता है तथा फर्जी्र लोगो के नाम फीड कर दिये जाते है तथा फर्जी फार्म्र भरकर गड्डी बांध कर डाल दी जाती है। बिना किसी आईडी के मतदान की छूट होने के कारण फर्जी मतदाता को वढ़ावा मिलता है। परिणाम स्वरूप निष्पक्ष मतदान विशेष प्रत्याशी, बीएलओ, पालिकाकर्मी तथा प्रशासन का अनदेखापन के चलते प्रभावित होता है।

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