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प्रतापगढ़ :(प्रमोद श्रीवास्तव) एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष धनंजय मिश्र की हत्या का राज पुलिस नहीं खोल सकी। वह काल डिटेल रिकार्ड के जरिए आगे बढ़ने में लगी है।
बीते छह वर्षों में जलेशरगंज में आधा दर्जन हत्याएं हो चुकी हैं। कई घटना का राज अब तक नहीं खुला। पुराने मामले फाइलों में दफन होते चले गए। हत्याओं के राजफाश न होने के चलते बेखौफ बदमाशों के हौसले बढ़ते गए। जलेशरगंज में लाश पर लाशें गिरती रहीं। यद्यपि अधिकतर मामलों में घटना को सांप्रदायिक तूल ही दिया गया। घटनाओं के पीछे क्या रहस्य रहे उसकी पर्तें अभी भी कागजों में दफन हैं। इस बीच बीते 24 अप्रैल को अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष धनंजय मिश्र की भी निर्मम हत्या कर दी गई। शासन-प्रशासन ने आश्वासन देकर लोगों के आक्रोश को शांत करा दिया। हत्याओं के बाद आर्थिक सहायता, लाइसेंस व नौकरी की मांग होती है और उसे भी देने में प्रशासन के पसीने छूटते हैं। फिलहाल एएसपी नीरज पांडेय कहते हैं कि सीडीआर के जरिए कई जानकारी मिली है। वकील समेत कई संदिग्धों के मोबाइल जांच के दायरे में हैं। उसकी मदद से पुलिस कातिलों तक पहुंचने में लगी है।

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