-जमानत राशि में हेराफेरा का मामला
मीरजापुर ( संतोष गिरी ) खनिज विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और मनमानी उत्पीड़न का शिकार भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए जमानत राशि को वापस दिलाने की मांग की है। भाजपा मछुवा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक रामबली निषाद ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया है कि उसने पूर्व में ग्राम भटेवरा, कोन स्थित आराजी संख्या 273/ में 05 एकड़ में साधारण बालू खनन परिवहन करने का पट्टा कराया हुआ था। इसके लिए उसने बाकायदा राजकीय कोष में 32040 रूपया जमा किया था। बावजूद इसके भ्रष्ट अफसरों ने 11जून 2010 को उसे मात्र 12500 जमा धनराशि दिखाकर उसका खनन पट्टा असमय निरस्त करा दिया गया। जो सरासर अन्याय पूर्ण और मनमानी पूर्ण है। भाजपा नेता का आरोप है कि उन्होंने जब इस मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की तो उन्हें उल्टे जांच अधिकारी ने थप्पड़ मारकर न केवल अपमानित किया बल्कि शांत होकर बैठ जाने की भी चेतावनी दी। भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए आरोप लगाया है कि खनन विभाग में दलालों और माफियाओं को बढ़ावा देने के साथ आम लोगों से दूरी बनाया हुआ है। ऐसे में पारदर्शिता और कायदे कानून का दूर दूर तक इस विभाग में देखने को नहीं मिलता है उन्होंने कार्रवाई के साथ अपनी पूरी जमानतराशि को वापस किए जाने की मांग की है।
मीरजापुर ( संतोष गिरी ) खनिज विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और मनमानी उत्पीड़न का शिकार भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए जमानत राशि को वापस दिलाने की मांग की है। भाजपा मछुवा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक रामबली निषाद ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया है कि उसने पूर्व में ग्राम भटेवरा, कोन स्थित आराजी संख्या 273/ में 05 एकड़ में साधारण बालू खनन परिवहन करने का पट्टा कराया हुआ था। इसके लिए उसने बाकायदा राजकीय कोष में 32040 रूपया जमा किया था। बावजूद इसके भ्रष्ट अफसरों ने 11जून 2010 को उसे मात्र 12500 जमा धनराशि दिखाकर उसका खनन पट्टा असमय निरस्त करा दिया गया। जो सरासर अन्याय पूर्ण और मनमानी पूर्ण है। भाजपा नेता का आरोप है कि उन्होंने जब इस मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की तो उन्हें उल्टे जांच अधिकारी ने थप्पड़ मारकर न केवल अपमानित किया बल्कि शांत होकर बैठ जाने की भी चेतावनी दी। भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए आरोप लगाया है कि खनन विभाग में दलालों और माफियाओं को बढ़ावा देने के साथ आम लोगों से दूरी बनाया हुआ है। ऐसे में पारदर्शिता और कायदे कानून का दूर दूर तक इस विभाग में देखने को नहीं मिलता है उन्होंने कार्रवाई के साथ अपनी पूरी जमानतराशि को वापस किए जाने की मांग की है।
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