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केंद्रीय मंत्री डा. संजीव कुमार बालियान के प्रयासों से हुआ मामले का पटाक्षेप

मुजफ्फरनगर, 2 मई (नकुल बालियान)। कई दो दिनों से मीडिया एवं सोशल मीडिया पर सुर्खियों पर बने रहने वाला ‘चौधरी चरण सिंह वीआईपी घाट’ का मुद्दा का पटाक्षेप हो गया है। प्रमुख समाजसेवी एवं मीडिया एक्टिविस्ट विकास बालियान ने जानकारी दी है कि इस मामले को केेंद्रीय मंत्री डा. संजीव कुमार बालियान ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी एवं सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के समाने उठाया तथा इस कार्यवाही का रद्द करने में सक्रिया एवं दमदार भूमिका निभाई। इस मामले में जानकारी सामने आयी कि सिंचाई मंत्री को भी ज्ञात नहीं था कि इस घाट का नाम चैधरी चरण सिंह घाट है, क्योंकि इस घाट पर वीआईपी घाट का बोर्ड लगा हुआ था। एक रसीद के वायरल होने के बाद आया सच सामने। वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया था। यदि बोर्ड पर स्व. चौधरी चरणसिंह का नाम उल्लेखित होता तो ये स्थिति न होती। अब वस्तुस्थिति सामने आने के बाद पूर्व की यथा स्थिति बहाल रखने की बात कही जा रही है। इस मामले में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री डा. संजीव कुमार बालियान का कहना है कि अधूरी जानकारी के कारण मामला बढ़ा है। इस मामले का उठाने वाले अपनी जीत का जश्न मना सकते है, अच्छी बात यह रही कि इस मामले को किसान लाॅबी ने प्रमुख के साथ उठाया है।
उल्लेखनीय है कि उप्र के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने हरिद्वार स्थित चौधरी चरण सिंह वीआईपी घाट का नाम बदलकर शंकराचार्य घाट कर दिया था, साथ ही भीमगोड़ा बैराज में लगे बोर्ड से भी चौधरी चरण सिंह को नाम हटा लिया गया था। उप्र मंत्री धर्मपाल सिंह के इस कार्य के जनपद मुजफ्फरनगर के साथ पूरे सूबे में राजनेताओं एवं समाजसेवियों द्वारा कड़ी निंदा की जा रही है तथा इस मामले को लेकर सोशल मीडिया एवं प्रिंट मीडिया पर बवाल मचा हुआ था।

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