-मण्डल में 531.302 हजार मैट्रिक टन खरीफ उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित
मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी
मीरजापुर। प्रभारी मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी विमल कुमार दूबे की अध्यक्षता में मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी 2017 का आयोजन आयुक्त सभागार में किया गया। गोष्ठी में मुख्य विकास अधिकारी मीरजापुर प्रियंका निरंजन, सोनभद्र रामाश्रय तथा भदोही के मुख्य विकास अधिकारी के अलावा मण्डल के तीनो जनपदो से प्रगतशील किसाना व अधिकारी उपस्थित रहे। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रभारी आयुक्त ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहां कि किसानों की आर्थिक उन्नति एवं सम्पन्नता सुनिश्चित करते हुए किसानों की आय दूगनी करने के संकल्प के लिए प्रसार, सिंचाई व मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता, बीज प्रबन्धन, विपणन, मशीनीकरण व शोध कृषि विविधिकरण पर विशेष बल दिया जाये। उन्होंने कहां कि नवीनतम् कृषि तकनीक का उपयोग करते हुए खरीफ फसल के उत्पादकता बढ़ाने की रझानीति तैयार कर क्रियान्वित कियाजाये। प्रभारी मण्डलायुक्त ने कहां बाढ़ प्रभावित, जनमग्न क्षेत्रों में ऐसे प्रगतिशील बीज प्रजाति को बढ़ावा दिया जाये जो वहां के लिए उपयुक्त हो। उन्होंने यह भी कहां कि अधिक उत्पादन वाली उन्नतशील नई प्रजातियों को विशेष बढ़ावा दिया जाये। मण्डलायुक्त ने औषधि खेती पर बल देते हुए कहा कि औषधि खेती करने से किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहां कि किसानों को नये तकनीकि विधि से खेती करने की जानकारी देने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण का आयोजन कराकर कृषि की नवीनतम् तकनीकि एवं कार्यक्रमों की जानकारी किसानो को दी जाये। न्याय पंचायत विकास खण्ड स्तर पर आयोजित होनी वाली गोष्ठियों, कृषि मेलों में बीज शोधन, मृदा परीक्षण हेतु मृदा नमूना लेने की विधि आदि का सजीव प्रदर्शन किया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी मीडिया के माध्यम से अथवा पम्पलेट के माध्यम से अधिक से अधिक तकनीक के बारे में प्रचार प्रसार कराये। उन्होंने दलहन एवं तिलहन की खेती पर भी विशेष बल दिया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रियंका निरंजन ने जनपद में गत वर्ष की खरीफ उत्पादकता तथा वर्ष 2017 के लिए निर्धारित खरीफ लक्ष्य व उर्वरक की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले में किसानों के लिए यूरिया, डीएपी, एमओपी एवं एनपीके प्रर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है जिसकी कमी आगे भी नहीं होनी दी जायेगी। इसी प्रकार सीडीओ सोनभद्र व भदोही ने भी अपने-अपने जनपद के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर संयुक्त निदेशक कृषि विन्ध्याचल मण्डल ने जानकारी देते हुए बताया कि खरीफ 2016 में 465.480 हजार मैट्रिक टन उत्पादन हुआ था, जिसके सापेक्ष 2017 में 531.302 हजार मैट्रिक टन खरीफ फसलों के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए 249.252 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि मण्डल में अभी तक 44224 मृदा नमूनों के लक्ष्य के सापेक्ष में 1586 की पूर्ति की गयी है। बताया कि मण्डल में खरीफ 2017 हेतु 35802 मेट्रिक टन यूरिया, 23961 मैट्रिक टन डीएपी, 2242 मैट्रिक टन एनपीके, 1023 मैट्रिक टन एमओपी उर्वरको के लक्ष्य निर्धारित है। जिसके सापेक्ष मण्डल में यूरिया, 13224 मैट्रिक टन, डीएपी 14964 एमओपी, 1762 तथा एनपीके 1996 मैट्रिक टन उपलब्ध है। उन्होंने जैविक उर्वरक, कषि रक्षा रसायन, किसान के्रडिट कार्ड, फसली ऋण आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अधीक्षण अभियन्ता जल निगम ने बताया कि मण्डल में कुल 976 नलकूपो में से 15 नलकूप यात्रिंक 20 विद्युत दोष से खराब है। जिसे ठीक कराने की कार्यवाही चल रही है। इसी प्रकार 807 नहर के टेलों के माध्यम से किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बैठक में संयुक्त मजिस्ट्रेट अश्वनी कुमार पाण्डेय, संयुक्त निदेशक कृषि, तीनो जिलों के जिला कृषि अधिकारी व बीएचयू बरकछा के कृषि वैज्ञानिको के द्वारा किसानों को खरीफ फसल के उत्पादकता को बढ़ाने के लिए टिप्स बताया गया। इसके पूर्व प्रभारी मण्डलायुक्त द्वारा गोष्ठी में आये वयोवृद्ध किसान से दीप प्रवज्जलित कराकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
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