विंध्याचल कोतवाली में दलालों के हौसले में आई कमी
मीरजापुर, हिन्दुस्तान की आवाज ( संतोष गिरी )
मीरजापुर। पुलिस कप्तान आशीष तिवारी के तल्ख तेवरों से दलालों के हौसले पस्त नजर आने लगे है। कल जो दलालों विंध्याचल थाना का चक्रमण करते देखे जाते थे वह अब बचते बचाते दिखलाई देने लगे हैं। बताते चले कि विंध्याचल कोतवाली में कई वषों से कब्जा जमाये दलाल इधर बीच कुछ दिनों से दिखलाई नहीं दे रहे है। इनका प्रभाव इस कदर बढ़ उठा था कि थाने से संबंधित कोई भी कार्य होता था पहले इनका ही हस्तक्षेप होता था बाद में पुलिस का ऐसे में इनके हौसले जहां बुलंद हो उठे थे वहीं इनकी मर्जी के बिना कोई काम नहीं हो पा रहा था। जिससे जनमानस परेशान हो उठा था। जमीन हथियाने से लेकर मारपीट या अन्य कोई भी मामला होता था मानों हर काम में इनकी दखल होती थी पुलिस यानी पंगु बनी हुई थी। यो कहें कि सबकुछ पैसों की माया से हो रहा था। लेकिन जब से जिले की कमान पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी के हाथों में आई है तब से इनके परेशानियां बढ़ उठी है। दलाली तो दलाली इनकी हर मामले में होने वाली दखल भी कम होने लगी है। कारण कि नागरिकों को पुलिस कप्तान ने सीधे रूबरू होने की बात जो कह डाली है और मातहतों को चेता भी रखा है कि जनता की शिकायतों को नजरअंदाज किया तो खैर नहीं। ऐसे में पुलिस अधिकारी भी बदले से नजर आने लगे है। खैर अब देखना यह है कि दलालों का विध्याचल थाने में कब तक आमद रूका रहता है। वैसे स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर प्रसंन्नता देखी जा रही है।
मीरजापुर। पुलिस कप्तान आशीष तिवारी के तल्ख तेवरों से दलालों के हौसले पस्त नजर आने लगे है। कल जो दलालों विंध्याचल थाना का चक्रमण करते देखे जाते थे वह अब बचते बचाते दिखलाई देने लगे हैं। बताते चले कि विंध्याचल कोतवाली में कई वषों से कब्जा जमाये दलाल इधर बीच कुछ दिनों से दिखलाई नहीं दे रहे है। इनका प्रभाव इस कदर बढ़ उठा था कि थाने से संबंधित कोई भी कार्य होता था पहले इनका ही हस्तक्षेप होता था बाद में पुलिस का ऐसे में इनके हौसले जहां बुलंद हो उठे थे वहीं इनकी मर्जी के बिना कोई काम नहीं हो पा रहा था। जिससे जनमानस परेशान हो उठा था। जमीन हथियाने से लेकर मारपीट या अन्य कोई भी मामला होता था मानों हर काम में इनकी दखल होती थी पुलिस यानी पंगु बनी हुई थी। यो कहें कि सबकुछ पैसों की माया से हो रहा था। लेकिन जब से जिले की कमान पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी के हाथों में आई है तब से इनके परेशानियां बढ़ उठी है। दलाली तो दलाली इनकी हर मामले में होने वाली दखल भी कम होने लगी है। कारण कि नागरिकों को पुलिस कप्तान ने सीधे रूबरू होने की बात जो कह डाली है और मातहतों को चेता भी रखा है कि जनता की शिकायतों को नजरअंदाज किया तो खैर नहीं। ऐसे में पुलिस अधिकारी भी बदले से नजर आने लगे है। खैर अब देखना यह है कि दलालों का विध्याचल थाने में कब तक आमद रूका रहता है। वैसे स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर प्रसंन्नता देखी जा रही है।
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