योगी सरकार का बहुत बड़ा फैसला
प्रतापगढ ( दया शंकर पाण्डेय) जिले में हैंडपंप लगाने के लिए बजट की बाट जोह रहे जल निगम को एक और झटका लग गया है। शासन ने हैंडपंप लगवाने की जिम्मेदारी विधायक-विधान परिषद सदस्यों से हटाकर प्रधानों को सौंप दी है। शासन स्तर से बजट भी ग्राम पंचायतों के खाते में भेजा जाएगा। जिसके खर्चे की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों की ही होगी।
जिले में सात विधायक हैं। शासन से बजट जारी होने के बाद हर बार विधायक सात सौ हैंडपंप नए लगवाते या रिबोर करवाते। इसी तरह से एमएलसी को भी हैंडपंप लगवाने एवं रिबोर कराने की जिम्मेदारी होती थी। ¨किन्तु योगी सरकार में हैंडपंपों के लगवाने का तरीका पूरी तरह से बदल गया है। पहले जहां हैंडपंपों के लगवाने में विधायक पावरफुल होते थे, वहीं अब सबसे छोटी पंचायत के मुखिया के पास हैंडपंप लगवाने एवं रिबोर करवाने की जिम्मेदारी होगी। हालांकि पूरे मामले में जल निगम का भी नुकसान हुआ है। जल निगम काफी हद तक प्रधानों पर निर्भर रहेगा। प्रधान चाहे तो जल निगम के बजाय अन्य सरकारी या निजी संस्था से हैंडपंप लगवा सकेंगे। बता दें कि जनपद में 17 विकास खण्ड राजस्व ग्राम 2240 जनपद में 1255 ग्राम पंचायतें हैं। मुख्य सचिव का आदेश सभी ग्राम पंचायतों में लागू होगा। जिले में हैंडपंपों की संख्या करीब 32 हजार है।
पहले क्या थी व्यवस्था
प्रत्येक विधायक सौ हैंडपंप एवं प्रत्येक एमएलसी 100 हैंडपंप क्षेत्र में लगवा सकते थे। इसके लिए बाकायदा शासन स्तर से धनराशि जारी की जाती थी ¨कतु अब पुराना कायदा बदल गया है। हालांकि एमएलए एवं एमएलसी के खाते में सरकारी पैसा समय से नहीं पहुंचता था, जिसकी वजह से हैंडपंप लगाने में काफी देर हो जाती थी। नई व्यवस्था से संभव है कि कुछ सुधार हो। हालांकि जल निगम के अधिकारी इस बात का रोना रहे हैं कि उनके विभाग का मुख्य कार्य हैंडपंप लगवाना एवं जल की जांच करना है। ऐसे में हैंडपंप किसी और लगवाए जाएंगे तो जवाबदेही नहीं रह जाएगी।
इन्होंने कहा
उत्तर प्रदेश मुख्य सचिव के निर्देश मिले हैं। अब ग्राम पंचायत स्तर से गांव में प्रधान हैंडपंप लगवाएंगे एवं रिबोर करवाएंगे। विधायकों के स्तर से हैंडपंप लगाए जाने वाली व्यवस्था फिलहाल खत्म कर दी गई है। अगर प्रधान जल निगम को पैसा देंगे, तब ही जल निगम हैंडपंप लगवाएगा।
राजेश खरे , एक्सईएन, जलनिगम। प्रतापगढ
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