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बांदा (सन्तोष कुशवाहा) जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के सुरक्षाकर्मी बलबीर प्रसाद के साथ डियूटी के दौरान हास्टल वार्डन द्वारा मारपीट छिनौती की घटना की एफआईआर दर्ज कराने के बाद उसे गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालने के मामले ने तूल पकडा, यूजीसी नें मामले को गम्भीरता से लेते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के वाइस चान्सलर को कड़ा पत्र लिख कर रिर्पोट तलब किया, वहीं उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग नें कुल सचिव को नोटिस भेज आयोग के निर्देश का उल्लंघन करने पर सिविल न्यायालय नियमों/भारतीय दण्ड संहिता की धारा 174,175,176,178,180 के तहत कार्यवाही की चेतावनी दी है।

बलबीर प्रसाद पुत्र गामा सिंह निवासी ग्राम पर्वतपुरवा, पोस्ट-कुसमा, तहसील अतर्रा, जिला बांदा नें बताया कि वह 25 सितम्बर 2007 से जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट में सुरक्षाकर्मी के पद पर सेवारत है। विश्व विद्यालय के अत्रिद्वार पर 08 नवम्बर 2015 की डियूटी के समय आधीरात को दो विद्यार्थी आये और परिसर के अन्दर प्रवेश के लिए गेट खोलने को कहा चूंकि प्रबंधन नें रात्रि 10 बजे के बाद उच्चाधिकारियों की अनुमति के बगैर किसी को भी प्रवेश न देने के आदेश के अनुपालन का निर्वहन गार्ड बलबीर प्रसाद नें किया और मुख्य गेट नहीं खोला इस पर छात्रों और हास्टल वार्डन मुकुन्द मोंहन पाण्डेय की फोन वार्ता के अनुसार गेट खोल कर छात्रों से गेट के प्रवेश रजिस्टर में हस्ताक्षर करने को कहा, मगर छात्रों नें इन्ट्री नहीं कराई। इसी बीच कुलाधिपति रामभद्राचार्य के भांजे हास्टल वार्डन मुकुन्द मोंहन पाण्डेय दो अज्ञात लोगों के साथ रात 1ः30 बजे आये और सुरक्षा कर्मचारी को लात-घूसों व डण्डों से मारा-पीटा और गाली गलौज कर उसका मोबाइल, सोने की चैन और 7500 रुपया छीन लिया था। जान बचाकर भागे सुरक्षा गार्ड नें सुबह पुलिस चैकी सीतापुर और कोतवाली थाना कर्वी में तहरी दे, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सीतापुर में उपचार कराने पहुंचा डाक्टर नें हालत गम्भीर होने पर कम्प्लीट बेड रेस्ट की सलाह दी थी।          
गम्भीर रूप से घायल पीड़ित सुरक्षाकर्मी नें घटना की लिखित सूचना और चिकित्सीय अवकाश हेतु जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के सुरक्षा अधिकारी मनोज पाण्डेय को क्रमशः 8 नवम्बर 2015 को 8 से 11 तक, 11 नवम्बर को 11 से 18 तक, 26 नवम्बर को 26 से 30 तक के अवकाश के लिए बाई हैण्ड़ तथा रजिस्टर्ड डाक से भी क्रमशः दिनांक 9, 24, 26 नवम्बर 2015 को प्रार्थना पत्र दिया था। सुरक्षा कर्मी नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सीतापुर में उपचार करा ही रहा था कि उधर चित्रकूट पुलिस नें गार्ड की तहरीर पर जांच पडताल के बाद 25 नवम्बर 2015 को हास्टल वार्डन सहित दो अज्ञात लोगों के खिलाफ करवी कोतवाली में मु0 अपराध सं0 1012/2015 धारा 394,504,427,506 आईपीसी के तहत अभियोग दर्ज कर विवेचना एसआई केसरी प्रसाद यादव को सौंपी थी।
भांजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज होते ही कुलाधिपति रामभद्राचार्य द्वारा पीड़ित सुरक्षाकर्मी पर केश वापस लेने के लिए निलम्बन की धमकी दी गयी, सुलह न होने पर 27 नवम्बर 2015 को बिना नोटिस गार्ड को निलम्बन आदेश थमा दिया। स्वस्थ्य होने पर पीड़ित सुरक्षाकर्मी बलबीर प्रसाद नें जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के सहायक सचिव के समक्ष 01 दिसम्बर 2015 को मेडिकल सार्टीफिकेट के साथ चिकित्सीय अवकाश स्वीकृत हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के बावजूद चिकित्सीय अवकाश नहीं दिया गया। जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट कुल सचिव नें पत्रांक जे0आर0एच0यू0/कुल0कार्या/ 10898/2016, सितम्बर 14, 2016 को बलबीर प्रसाद की सेवा समाप्ति आदेश पारित किया गया।
इस गैरकानूनी आदेश को वापस लेने के लिए पीड़ित बलबीर प्रसाद सुरक्षाकर्मी नें जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के कुलपति, यूनिर्वसिटी ग्रान्ट कमीशन नई दिल्ली तथा उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग लखनऊ के समक्ष न्याय की गुहार लगाई जिस पर यूनिर्वसिटी ग्रान्ट कमीशन नई दिल्ली के एजूकेशन आफीसर वामसिका सी नें पत्रांक 65-6/2013(एसयू-11), 19 दिसम्बर 2016 के माध्यम से जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के वाइस चान्सलर को कड़ा पत्र लिख कर रिर्पोट तलब किया तथा इसी मामले में उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव नें पत्रांक 1013/876-शि0उ0-2016/ रा0पि0व0आ0/20156 दिनांक 8.12.2016 द्वारा कुल सचिव जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट को नोटिस भेज गार्ड बलबीर प्रसाद को प्रताडना से निजात दिलाने एवं नौकरी से नियमविरूद्व निकाले जाने से न्याय दिलाने के सम्बन्ध में पिछडे वर्गों के लिए राज्य आयोग अधिनियम संख्या-1, सन् 1996 की धारा 10 में प्रदत्त शक्तियों के अन्तर्गत मा0 आयोग द्वारा जांच एवं अनवेशण करने के निर्णय लिया है। समयावधि के अन्तर्गत अनुपालन नहीं किया तो आयोग के निर्देशों के उल्लंघन के लिए सिविल न्यायालय नियमों/भारतीय दण्ड संहिता की धारा 174, 175,176, 178, 180 के तहत कार्यवाही की चेतावनी भी दी है।
अब देखना यह है कि यूजीसी नई दिल्ली एवं उ0प्र0 राज्य ओबीसी आयोग लखनऊ जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के सुरक्षाकर्मी बलबीर प्रसाद को किसी प्रकार की राहत दे पायेगा या नहीं।  

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