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सम्भल (रामौतार शर्मा) धनारी किसानो को कीया जा रहा परेशान  वह बैंक कर्मचारी किसी भी किसान की नहीं सुन रहे जो कि वह बैंक खोलने का समय 9:40 फिर भी वह  बैंक नहीं खुल पा रही अब टाइम देखा जाए तो 10:00 बज के 20 मिनट हो रहे    मैं किसान  इधर उधर भटक रहे हैं मैं कोई भी कर्मचारी है इन बैंक के कर्मचारियों के लिए नहीं देख पा रहे हैं और वह इधर किसानों को देखा जाए तो बुरा हाल हो रहा है क्योंकि वह किसान सुबह 9:00 बजे आपने ड्यूटी की तरह बैक पर आ जाता है और वह उसे ड्यूटी लगाने के बादभी पैसा नहीं मिल पाता  मैं किसान का पैसा किसान के लिए नहीं मिल पा रहा जो की बड़ी मेहनत से किसन खेती करता  पेट काट काट के बैंक में जमा करता है फिर भी वह उसे पैसा टाइम पर नहीं मिल पाता बह इन बैंकों से किसानों के लिए क्या फायदा

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