जन सूचना अधिकारी को 27 अप्रैल को किया तलब
बांदा, 25 अप्रैल 2017,(सन्तोष कुशवाहा)। बलबीर प्रसाद सुरक्षाकर्मी को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत उनके खिलाफ की गयी कार्यवाही की सूचना न उपलब्ध कराने पर राज्य सूचना आयोग में याचिका मंजूर जन सूचना अधिकारी, कार्यालय कुलपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय को राज्य सूचना आयुक्त के समक्ष 27 अप्रैल 2017 को उपस्थित हो कर पक्ष न रखने पर आरटीआई की धारा 20(1) व 20(2) के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी है।
मालूम हो कि ग्राम पर्वतपुरवा, पोस्ट-कुसमा, तहसील अतर्रा, जिला बांदा निवासी बलबीर प्रसाद पुत्र गामा सिंह सुरक्षाकर्मी जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के साथ हास्टल वार्डन मुकुन्द मोहन आदि द्वारा डियुटी के दौरान 08 नवम्बर 2015 की मारपीट कर लूटपाट की घटना के खिलाफ बलबीर प्रसाद गार्ड की तहरीर पर 25 नवम्बर 2015 को हास्टल वार्डन सहित दो अज्ञात लोगों के खिलाफ करवी कोतवाली में मु0 अपराध सं0 1012/2015 धारा 394,504,427,506 आईपीसी के तहत अभियोग दर्ज होते ही विश्वविद्यालय प्रशासन नें सुरक्षाकर्मी पर केश वापस लेने के लिए 27 नवम्बर 2015 को बिना नोटिस निलम्बन आदेश थमाया निलम्बन के 9 मांह बाद कुलाधिपति नें भांजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले ओबीसी के गार्ड बलबीर प्रसाद को सबक सिखाने के लिए कुलपति नें षडयंत्र रच कर प्रो0 शिवराज सिंह सेंगर को विश्व विद्यालय में 21 जून 2016 से 30 मई 2017 तक बिजटिंग प्रोफेसर नियुक्ति कर 28 अगस्त 2016 को बिजिटिंग प्रो0 शिवराज सिंह सेंगर की अध्यक्षता में नियम के विरुद्ध जांच कमेटी गठित जांच समिति की रिर्पोट को आधार बनाते हुए सुलह समझौता न करने पर कुल सचिव नें पत्रांक जे0आर0एच0यू0/कुल0कार्या/10898/2016, सितम्बर 14, 2016 को सेवा समाप्ति आदेश पारित कर दिया।
पीडित बलबीर प्रसाद नें अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ साक्ष्य जुटाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को हांथियार बनाया और विश्व विद्यालय के जन सूचना अधिकारी से 18.01.2016, 22.02.2016 व 18.01.2017 को सूचना मांगी मगर राज खुलने की आशंका के चलते विश्व विद्यालय प्रसाशन द्वारा सूचना उपलब्ध न कराने पर बलबीर प्रसाद नें राज्य सूचना आयोग लखनऊ के समक्ष अपील सं0 एस-3-4580/ए/2016 दर्ज कराया जिसकी सुनवाई के लिए राज्य सूचना आयोग नें दिनांक 27.04.2017 को 10 कलक्ट्रेट सभागार जनपद चित्रकूट में मा0 अरविन्द सिंह विष्ट राज्य सूचना आयुक्त द्वारा करना सुनिश्चित किया है। जनसूचना अधिकारी कार्यालय कुलपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट को मूल आवेदन के क्रम में वांछित सूचना उपलब्ध कराकर सुनवाई के दौरान लिखित रूप में अपना पक्ष नहीं रखते तो सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) व 20(2) के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की सकती है।
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