भिवंडी। एम हुसेन। भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका द्वारा पूर्व महापौर विलास आर. पाटिल के भगीरथ प्रयास एंव श्रीमती रीटा दिलीप कोठारी और मेहन्द्र देहेरकर के सहकार्य से 'कर्मयोगी भाईसाहब श्री राजमल एस जैन' द्वारा किए गए आजीवन मानव मात्र के परोपकार कार्य के सम्मान व श्रद्धांजलि मे भिवंडी के नझराना गेट क्र.दो का नाम "राजमल एस. जैन प्रवेशद्वार " समर्पित किया गया है|
करूणामुर्ति, कर्मयोगी ,सरलता के साथ दृढ़ निश्चय के धनी, मानव मात्र के लिए काम करने वाले भाईसाहब श्री राजमल एस जैन ने गरीब, निर्धन एंव आम जनता के लिये चिकित्सा एंव शिक्षा के परोपकार के लिए अनेको सराहनीय कार्य किये | 1966 मे श्री भैरव फ्री दवाखाना से संस्थागत सेवा की शुरुआत | 1979 मे बिसलपुर (राज.) मे श्री भैरव नेत्र चिकित्सालय की स्थापना | श्री भैरव विद्यालय की स्थापना | भगवान महावीर अस्पताल का सुमेरपुर मे निर्माण | मांडोली,डुगंरपुर,ईडर एंव जैतारण मे नेत्र चिकित्सालय बनवाये | 1982 मे श्री भैरव सेवा समिति की भिवंडी मे स्थापित कर श्री भैरव कर्ण बधिर विद्यालय, श्री नाकोडा कर्ण बधिर विद्यालय(निवासी) एंव श्री भैरव चैरिटेबल आई हॉस्पिटल की स्थापना | मरीजो एंव विद्यार्थियों के आर्थिक सहयोग हेतु श्री भैरव परिवार चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना |
उक्त सभी संस्थाओ द्वारा भाईसाहब के मार्गदर्शन मे 367 नेत्र चिकित्सा शिवीर, 40 दिवसीय टी. बी. शिविर ,रक्तदान शिविर ,आदिवासी क्षेत्रों में आरोग्य शिविर,दंत चिकित्सा शिविर ,पशु शिविर , साथ ही आदिवासियों के सामुहिक विवाह का आयोजन, बाल कामगार का पुनर्वसन | अकाल,बाढ,भुकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं हो या साप्रंदायिक दंगे- जैसे मनुष्य निर्मित संकट... आजीवन मानव सेवा के लिये सन्नध्द रहे | सरल व्यक्तित्व के धनी उस युग पुरुष को शत् शत् वंदन।
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