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उन्नाव: कानपुर-लखनऊ रेल मार्ग के किनारे सूखी झाड़ियां ट्रेनों के लिए खतरा हैं। बावजूद इसके रेलवे अफसर खामोश हैं। उनकी अनदेखी किसी बड़े हादसे को न्यौता दे सकती है। गुरुवार को उन्नाव रेलवे स्टेशन पर आग लगने की घटना दो बार हुई। लपटें तेज देख उन्हें बुझाने का कार्य आरपीएफ ने किया। एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति पर काबू पाया जा सका था।

गुरुवार देर रात 12:14 बजे उन्नाव रेलवे स्टेशन के पांच नंबर प्लेटफार्म पर ट्रैक किनारे झाड़ियों में आग लग गई। आसपास कूड़ा होने की वजह से आग फैल गई। तेज लपटों पर यात्रियों की नजर पड़ी तो उन्होंने शोर मचाया। ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ के जवान घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद आग बुझाई जा सकी। घटना के समय ट्रैक पर कोई ट्रेन नहीं थी। नहीं तो यह आग और ज्यादा भयानक रूप ले लेती।

हरौनी की घटना से नहीं जागे

हरौनी हॉल्ट रेलवे स्टेशन के पास अप ट्रैक पर 25 अप्रैल को आग लगी थी। यहां भी ट्रैक किनारे सूखी झाड़ियां कारण थीं। 27 अप्रैल को दोपहर 1:40 उन्नाव रेलवे स्टेशन के यार्ड लाइन (टावर वैगन के पास) पर आग लगी थी। यहां भी कारण झाड़ियां ही थीं।

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