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- अब तक की पार्टियों ने कानून बना कर इसे छीना

- बनवारीपुर स्थित अपने आवास पर राष्ट्रीय सचिव, राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद एवं निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल नंे व्यक्त किये उद्गार



जिगना। जल, जंगल व तालाबों व उससे निकलने वाली सम्पदा पर सिर्फ निषादों का अधिकार था। उक्त बातें मंगलवार को बघेड़ाखुर्द, बनवारीपुर स्थित अपने आवास पर राष्ट्रीय सचिव विंध्यवासिनी प्रसाद बिन्द, राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद एवं निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल नंे हुई मुलाकात के दौरान व्यक्त किया। श्री बिन्द ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक की पार्टियों ने निषाद समाज को सिर्फ छलने व वोट लेेने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि जागरुकता के बल पर एससी व एसटी के लोगों ने अपना हक व अधिकार तो प्राप्त कर लिया पर आज तक निषादो को उनका हक व अधिकार प्राप्त नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने दिनों बाद भी निषाद जातियां अपनी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही हैं। राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि मछली, बालू खनन निषादो का कारोबार व जिविका के साधन थे पर कुछ तथा कथित समाज सेवको द्वारा पर्यावरण की दुहाई दे हाईकोर्ट को गुमराह कर व्यवसाय को न सिर्फ बंद करा दिया बल्कि कानून बनाकर निषादो का यह अधिकार छीन लिया गया। राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद एवं निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल राष्ट्रीय सचिव नंे कहा कि इसके लिए संघर्ष किया जायेगा।


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