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बच्चे की दाहिने हाथ की अंगुलियां कटने के कगार पर

 जिला मुख्यालय पहुंच माता-पिता ने डीएम से लगाया गुहार

मीरजापुर। जहां एक तरफ जनपद की चिकित्सा व्यवस्था को पटरी पर लाने का सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है वहीं जिला महिला अस्पताल में तैनात डाक्टर व नर्सो के द्वारा इस प्रयास पर न सिर्फ पानी फेरा जा रहा है बल्कि मरीजो व तिमारदारों के साथ ही नवजातो की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। कुछ ऐसे ही आरोप लगाते हुए नगर के मंधर पण्डित की गली गणेशगंज निवासी पियूष सोनी ने लगाते हुए बुधवार को जिला मुख्यालय पहंुच डीएम से गुहार लगाया। जिला महिला अस्पताल में तैनात डाक्टर व नर्सो पर मनमानी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मैं अपनी पत्नी को डिलेवरी के लिए 23 मार्च को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया डा. फरहा जैदी तत्काल आपरेशन के लिए लिखा परन्तु तत्काल सेवा में मौजूद राजेश बहादुर ने उनकी बातों की अवहेलना करते हुए एक इन्जेक्शन लगाते हुए जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया। सोनी ने बताया कि मेरे पत्नी की हालत बिगड़ने लगा दर्द से कराह रही पत्नी की हालत देख बार-बार निवेदन के बावजूद डा. राजेश बहादुर ने कहा कि आपरेशन कराना है तो दस हजार रुपये का पहले प्रबंध करो। तत्काल पैसे की व्यवस्था न होने पर पत्नी को उसके उसी हाल पर छोड़ दिया गया। दूसरे दिन डा. फरहा जैदी को जब जानकारी हुई तो उन्होंने आनन-फानन में आपरेशन कर बच्चे को बाहर निकाला तो पता चला कि बच्चे के फेफड़े में गंदा पानी चला गया है। बच्चे को आईसीयू भर्ती कराया गया। यहां भी बच्चे की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया। इतना ही नहीं डाक्टर की मन की मुराद पूरी न होने पर बच्चे को उसी हालत में डाक्टर ने रिफर कार्ड तैयार कर बाहर निकाल दिया गया। दम्पत्ति जब बच्चे को इलाहाबाद किसी निजी चिकित्सक के यहां सम्पर्क किया तो वहां पर तैनात डा. आर.एन. मेहरोत्रा ने बताया कि बच्चे का दाहिना हाथ पूरा नीला पड़ गया है। डाक्टर ने कहा कि यदि यही हालत बनी रही तो बच्चे के हाथ की पांचो काटी जाती सकती हैं यह सुनकर दम्पत्ति क पैरों तले जमींन खिसक गयी। दम्पत्ति ने बच्चे की इस हालत पर डा. राजेश कुमार व डा.एल.एस. सिंह को जिम्मेदार ठहराया। दम्पत्ति ने डाक्टर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाइ करने की मांग की है।




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