भिवंडी। एम हुसेन। भिवंडी पावरलूम नगरी का मांचेस्टर है यहां अप्रैल माह की प्रचंड गर्मी से बचाव के लिए ऑटो रिक्शा चालक द्वारा यात्रियों की सुविधा हेतु रिक्शे के ऊपरी भाग पर संयंत्र लगाकर रिक्शा को कूल-कूल कर अनूठा कारनामा कर दिखाया गया है. सातवी कक्षा पास गरीब ऑटो रिक्शा चालक द्वारा यात्रियों के आराम हेतु किये गये अनूठे कार्य की सराहना शहरवासी सहित यात्री कर रहे हैं.
गौरतलब हो कि, भिवंडी-कल्याण रोड, शास्त्री नगर निवासी निवासी इसहाक शेख (50) कुछ वर्षों पूर्व केमिकल कंपनी में नौकरी करता था. इसहाक बचपन से ही टेक्निकल माइंड का होनें के कारण मन केमिकल कंपनी की नौकरी में नहीं लगा जिस कारण उसनें नौकरी छोड़कर पूर्व सन 1988 में जीवनयापन हेतु ऑटो रिक्शा खरीद लिया. ऑटो चालक इसहाक शेख रिक्शा लेकर भिवंडी-ठाणे जाकर यात्रियों को लानें व ले जाने का कार्य प्रतिदिन करता था. इसहाक शेख के अनुसार, गर्मी के मौसम में यात्रियों को आटोरिक्शा में बैठकर यात्रा करनें की काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती थीं.प्रचंड गर्मी में गर्मी के तापमान से बचाव हेतु दोपहर में अधिसंख्यक यात्री ऑटो रिक्शा में बैठना ही पसंद नहीं करते थे जिससे कभी कभार रिक्शा लेकर बगैर भाड़े के ही उसे बैरंग वापस लौटना पड़ता था. इसहाक शेख नें रिक्शा को कूल कूल किये जानें हेतु संकल्प किया व कुछ ही समय में उसनें भाई के सहयोग से ऑटो रिक्शा के ऊपरी भाग पर पत्रा व प्लास्टिक पाइप में स्पंज लगाकर एयरकूलर तैयार किया एवं रिक्शा को गर्मी से बचाव हेतु तैयार कर ही चैन लिया. ऑटो रिक्शा में सवारी कर रहे यात्री ऑटो रिक्शा चालक इसहाक की बुद्धि और योग्यता की सराहना कर रहे हैं. भिवंडीकरों के लिए कूल-कूल ऑटोरिक्शा कौतूहल का केंद्र बना हुआ है. तथा यात्रियों द्वारा यात्रा हेतु इसहाक के आटोरिक्शा को प्राथमिकता दी जा रही हैं.
गौरतलब हो कि, भिवंडी-कल्याण रोड, शास्त्री नगर निवासी निवासी इसहाक शेख (50) कुछ वर्षों पूर्व केमिकल कंपनी में नौकरी करता था. इसहाक बचपन से ही टेक्निकल माइंड का होनें के कारण मन केमिकल कंपनी की नौकरी में नहीं लगा जिस कारण उसनें नौकरी छोड़कर पूर्व सन 1988 में जीवनयापन हेतु ऑटो रिक्शा खरीद लिया. ऑटो चालक इसहाक शेख रिक्शा लेकर भिवंडी-ठाणे जाकर यात्रियों को लानें व ले जाने का कार्य प्रतिदिन करता था. इसहाक शेख के अनुसार, गर्मी के मौसम में यात्रियों को आटोरिक्शा में बैठकर यात्रा करनें की काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती थीं.प्रचंड गर्मी में गर्मी के तापमान से बचाव हेतु दोपहर में अधिसंख्यक यात्री ऑटो रिक्शा में बैठना ही पसंद नहीं करते थे जिससे कभी कभार रिक्शा लेकर बगैर भाड़े के ही उसे बैरंग वापस लौटना पड़ता था. इसहाक शेख नें रिक्शा को कूल कूल किये जानें हेतु संकल्प किया व कुछ ही समय में उसनें भाई के सहयोग से ऑटो रिक्शा के ऊपरी भाग पर पत्रा व प्लास्टिक पाइप में स्पंज लगाकर एयरकूलर तैयार किया एवं रिक्शा को गर्मी से बचाव हेतु तैयार कर ही चैन लिया. ऑटो रिक्शा में सवारी कर रहे यात्री ऑटो रिक्शा चालक इसहाक की बुद्धि और योग्यता की सराहना कर रहे हैं. भिवंडीकरों के लिए कूल-कूल ऑटोरिक्शा कौतूहल का केंद्र बना हुआ है. तथा यात्रियों द्वारा यात्रा हेतु इसहाक के आटोरिक्शा को प्राथमिकता दी जा रही हैं.
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