भिवंडी। एम हुसेन।शहर पुलिस स्टेशन अंतर्गत फ्लैट में ड्रेनेज लाइन का अतिरिक्त काम का बिल मांगने पर हुए विवाद के बाद फ्लैट मालिक और उसके पुत्रों ने बिल मांगने वाले को अकेला पाकर जमकर पिटाई कर दी जिसे घायल अवस्था में पुलिस को इंदिरा गांधी उप जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। प्राप्त जानकारी के अनुसार ड्रेनेज लाइन काम करने वाले अताउर्रहमान अंसारी को जबड़े और सिर में गंभीर रूप से मार लगी है और दूसरी ओर पुलिस उसकी शिकायत पर केस दर्ज करने के बजाए टालमटोल कर रही है। बतादे कि पुलिस ने दोनों पक्षों पर केस बनाकर इस प्रकरण को बदल दिया है। अताउर्रहमान अंसारी ने पुलिस के इस रवैये की शिकायत मुख्यमंत्री महाराष्ट्र देवेन्द्र फडणवीस 'ठाणे पुलिस आयुक्त तथा भिवंडी परिमंडल 2 के पुलिस उपायुक्त सहित दोनों एसीपी को ज्ञापन देकर की है ।
अताउर्रहमान मोहम्मद हाशिम अंसारी के शिकायत के अनुसार 28 मार्च शाम छह बजकर दस मिनट पर उन्होंने अपने मोबाइल से उजेर अंसारी को काल बुलाया और ड्रेनेज लाइन और पाइपलाइन का खर्च बताया .जिस पर उजेर अंसारी ने कहा कि इतनी रकम नहीं होती है इसी को लेकर तक्रार हुई जो बाद में हाथापाई में तब्दील हो गई।उजेर अंसारी, उमेर और जैद के साथ उनके पिता मोइन अंसारी और प्रेस में काम करने वाले कर्मचारियों ने अताउर्रहमान अंसारी को जमकर पिटाई की उनके जबड़े और सिर में गंभीर चोट आई इस दौरान जेब में मौजूद एक लाख रुपये भी निकाल ली गई। इस मामले की शिकायत करने जब अताउर्रहमान अंसारी पुलिस स्टेशन पहुंचे तो पुलिस निरीक्षक सैयद ने सारी बातें सुनी और लगभग दो घंटे तक बगैर उपचार के पुलिस स्टेशन में बिठाए रखा और बाद में भादवि संहिता की धारा 151 के तहत उन पर और उनके विरोधियों पर क्रॉस कंप्लेंट दर्ज किया । इस दौरान जब उनकी तबियत बिगड़ने लगी और उनकी शिकायत पर उन्हें पुलिस वालों के साथ आईजी एम अस्पताल उपचार के लिए रवाना किया गया परंतु वहाँ डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण उपचार के नाम पर रजिस्टर में हस्ताक्षर और अंगूठे चिह्नित कर उन्हें तहसील कार्यालय में स्थित सब जेल की अंधेरी कोठरी में बंद कर दिया गया। जहां अचानक उनकी हालत बिगड़ गई जिस कारण उन्हें मेडिकल के आधार पर आईजी एम अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका उपचार जारी है। उन्हों ने ठाणे पुलिस आयुक्त को ज्ञापन देकर शिकायत की है कि उमेर और उजेर अंसारी ने उन्हें धमकी दी है कि अब बच गया दुबारा नहीं छोड़ेंगे । साथ ही पुउनि सैयद के विरुद्ध उन्होंने शिकायत की है कि सीसीटीवी फुटेज देखने और तथ्यों की पुष्टि होने के बावजूद उन्होंने मेरी शिकायत दर्ज नहीं की और टालमटोल से काम लेकर मेरे विरोधियों की सहायता की। ठाणे पुलिस आयुक्त से अनुरोध किया है कि उनकी फरियाद दर्ज की जाये तथा एफआईआर प्रति उन्हें बिना शुल्क प्रदान जाए। अताउर्रहमान अंसारी ने बताया कि पुलिस किसी राजनीतिक दबाव और आर्थिक लेनदेन के आधार पर उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है .मारने वालों को स्वतंत्र छोड़ दिया गया है और मुझे मामला समाप्त करने के लिए जोर दिया जा रहा है।यह कैसा न्याय है?
अताउर्रहमान मोहम्मद हाशिम अंसारी के शिकायत के अनुसार 28 मार्च शाम छह बजकर दस मिनट पर उन्होंने अपने मोबाइल से उजेर अंसारी को काल बुलाया और ड्रेनेज लाइन और पाइपलाइन का खर्च बताया .जिस पर उजेर अंसारी ने कहा कि इतनी रकम नहीं होती है इसी को लेकर तक्रार हुई जो बाद में हाथापाई में तब्दील हो गई।उजेर अंसारी, उमेर और जैद के साथ उनके पिता मोइन अंसारी और प्रेस में काम करने वाले कर्मचारियों ने अताउर्रहमान अंसारी को जमकर पिटाई की उनके जबड़े और सिर में गंभीर चोट आई इस दौरान जेब में मौजूद एक लाख रुपये भी निकाल ली गई। इस मामले की शिकायत करने जब अताउर्रहमान अंसारी पुलिस स्टेशन पहुंचे तो पुलिस निरीक्षक सैयद ने सारी बातें सुनी और लगभग दो घंटे तक बगैर उपचार के पुलिस स्टेशन में बिठाए रखा और बाद में भादवि संहिता की धारा 151 के तहत उन पर और उनके विरोधियों पर क्रॉस कंप्लेंट दर्ज किया । इस दौरान जब उनकी तबियत बिगड़ने लगी और उनकी शिकायत पर उन्हें पुलिस वालों के साथ आईजी एम अस्पताल उपचार के लिए रवाना किया गया परंतु वहाँ डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण उपचार के नाम पर रजिस्टर में हस्ताक्षर और अंगूठे चिह्नित कर उन्हें तहसील कार्यालय में स्थित सब जेल की अंधेरी कोठरी में बंद कर दिया गया। जहां अचानक उनकी हालत बिगड़ गई जिस कारण उन्हें मेडिकल के आधार पर आईजी एम अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका उपचार जारी है। उन्हों ने ठाणे पुलिस आयुक्त को ज्ञापन देकर शिकायत की है कि उमेर और उजेर अंसारी ने उन्हें धमकी दी है कि अब बच गया दुबारा नहीं छोड़ेंगे । साथ ही पुउनि सैयद के विरुद्ध उन्होंने शिकायत की है कि सीसीटीवी फुटेज देखने और तथ्यों की पुष्टि होने के बावजूद उन्होंने मेरी शिकायत दर्ज नहीं की और टालमटोल से काम लेकर मेरे विरोधियों की सहायता की। ठाणे पुलिस आयुक्त से अनुरोध किया है कि उनकी फरियाद दर्ज की जाये तथा एफआईआर प्रति उन्हें बिना शुल्क प्रदान जाए। अताउर्रहमान अंसारी ने बताया कि पुलिस किसी राजनीतिक दबाव और आर्थिक लेनदेन के आधार पर उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है .मारने वालों को स्वतंत्र छोड़ दिया गया है और मुझे मामला समाप्त करने के लिए जोर दिया जा रहा है।यह कैसा न्याय है?
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