आरोपः पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर तहरीर दर्ज करने में हुआ है खेल
महिला सिपाही के दबाव में नहीं हो पा रही है निष्पक्ष ढंग से कार्रवाई
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मीरजापुर (संतोष गिरी ) प्रदेश में भले ही निजाम बदल उठा है और नजारे भी बदले-बदले से दिखलाई देने लगे है, लेकिन व्यवस्था में बदलाव अभी फिलहाल तो दिखलाई नहीं दे रहा है। हालात यह है कि पीड़ितों को आज भी अधिकारियों के चैखट पर फरियाद सुनाने के लिए ठोकरे खाने पड़ रहे है। ऐसा ही वाकया जिले के अदलहाट थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। जहां के शेेरपुर गांव निवासी मोहम्मद रसीद को अपनी बेटी के कातिलों को सजा दिलाने के लिए दर-दर को भटकना पड़ रहा है। उनका आरोप है पुलिस ने सम्पूर्ण केश को ही विपक्षियों के दबाव में आकर पलट दिया है। हत्या को आत्महत्या में तब्दील कर पूरे मामले को ही रफा-दफा करने की पूरजोर कोशिश की गई है। बताते चले कि शेरपुर निवासी मुहम्मद रसीद की बेटी नेहा की लाश 4/5 मार्च उसके घर से तकरीबन सात किमी दूर गंगा नदी के किनारे मिली थी। इस मामले में परिजनों द्वारा दी गई तहरीर को न दर्ज कर पुलिस ने दुसरे द्वारा दी लिखी हुई तहरीर को दर्ज कर मामले को पचाने का काम किया है। नेहा घर से किन परिस्थितियों में गायब हुई तथा वहां तक कैसे पहुंची यह जहां आज भी रहस्य बना हुआ है वहीं परिजनों का आरोप है कि उसकी बेटी का अपहरण कर उसकी हत्या की गई है। इस मामले में उन्होंने वाराणसी निवासी एक व्यक्ति सहित पड़ोस के ही दो अन्य के खिलाफ नामजद तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की थी। आरोप है कि पुलिस ने दो को तो गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन एक के प्रति उदासीन बनी हुई है। मोहम्मद रसीद ने पुलिस के उच्चाधिकारियों सहित मानवाधिकार आयोग सहित अन्य को भेजे गए अपने पत्र में अपनी आप बीती सुनाते हुए कहा है कि उनकी बेटी नेहा कैलहट स्थित एक महाविद्यालय में बीएससी प्रथम वर्ष में पढ़ रही थी जिसे आरोपी बराबर परेशान किया करते थे। जिसकी शिकायत उसने और उसके साथ की सहेलियों ने परिजनों सहित कालेज प्रशासन से की थी जिस पर गंभीर हुए कालेज के प्रधानाचार्य ने दो युवकों को कालेज से पकड़ चुनार कोतवाली पुलिस को घटना से 6 माह पूर्व सौप दिया था। जिन्होंने छुटने के बाद परिणाम गंभीर होने की धमकी दी थी। ऐसे उन्हीं लोगों द्वारा नेहा की हत्या कर लाश को गंगा नदी के किनारे फेंका गया, बावजूद इसके इलाकाई पुलिस इस मामले को लीपापोती की गरज से हत्या को आत्महत्या का रूप देने पर तुली हुई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मामले में एक महिला पुलिस की भूमिका संदिग्ध है जो पड़ोंस की होने के साथ गैर जनपद में कार्यरत है और उसी के इशारे पर आरोपियों को बचाने के साथ केस को दूसरी ओर मोड़ने का काम किया अंदर ही अंदर किया जा रहा है।
जानमाल की मिल रही है धमकीमीरजापुर। बेटी के कातिलों को सजा दिलाने के लिए दर की दर ठोकरें खाते फिर रहे मोहम्मद रसीद को आरोपियों द्वारा बराबर जानमाल की धमकी भी दी जा रही है। उन्होंने बताया है कि पिछले दिनों ज बवह जिला मुख्यालय आ रहे थे तो उन्हें मोबाइल पर जानमाल की धमकी दी गई। कहा गया कि शांत होकर बैठ जाओं नही ंतो जो नेहा के साथ हुआ है वहीं तुम्हारे साथ भी होगा। उन्होंने मानवाधिकार आयोग सहित पुलिस के उच्चाधिकारियों को भेजे गए पत्र में उक्त मामले को अपहरण और हत्या की धारा में कनर्वट करते हुए महिला सिपाही के प्रभाव में आकर मामले को दबाने के प्रयास में जुटी अदलहाट पुलिस पर भी कार्रवाई करते हुए इस सम्पूर्ण मामले की निष्पक्ष ढंग से जांच कराते हुए कार्रवाई की मांग की है।
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मीरजापुर (संतोष गिरी ) प्रदेश में भले ही निजाम बदल उठा है और नजारे भी बदले-बदले से दिखलाई देने लगे है, लेकिन व्यवस्था में बदलाव अभी फिलहाल तो दिखलाई नहीं दे रहा है। हालात यह है कि पीड़ितों को आज भी अधिकारियों के चैखट पर फरियाद सुनाने के लिए ठोकरे खाने पड़ रहे है। ऐसा ही वाकया जिले के अदलहाट थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। जहां के शेेरपुर गांव निवासी मोहम्मद रसीद को अपनी बेटी के कातिलों को सजा दिलाने के लिए दर-दर को भटकना पड़ रहा है। उनका आरोप है पुलिस ने सम्पूर्ण केश को ही विपक्षियों के दबाव में आकर पलट दिया है। हत्या को आत्महत्या में तब्दील कर पूरे मामले को ही रफा-दफा करने की पूरजोर कोशिश की गई है। बताते चले कि शेरपुर निवासी मुहम्मद रसीद की बेटी नेहा की लाश 4/5 मार्च उसके घर से तकरीबन सात किमी दूर गंगा नदी के किनारे मिली थी। इस मामले में परिजनों द्वारा दी गई तहरीर को न दर्ज कर पुलिस ने दुसरे द्वारा दी लिखी हुई तहरीर को दर्ज कर मामले को पचाने का काम किया है। नेहा घर से किन परिस्थितियों में गायब हुई तथा वहां तक कैसे पहुंची यह जहां आज भी रहस्य बना हुआ है वहीं परिजनों का आरोप है कि उसकी बेटी का अपहरण कर उसकी हत्या की गई है। इस मामले में उन्होंने वाराणसी निवासी एक व्यक्ति सहित पड़ोस के ही दो अन्य के खिलाफ नामजद तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की थी। आरोप है कि पुलिस ने दो को तो गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन एक के प्रति उदासीन बनी हुई है। मोहम्मद रसीद ने पुलिस के उच्चाधिकारियों सहित मानवाधिकार आयोग सहित अन्य को भेजे गए अपने पत्र में अपनी आप बीती सुनाते हुए कहा है कि उनकी बेटी नेहा कैलहट स्थित एक महाविद्यालय में बीएससी प्रथम वर्ष में पढ़ रही थी जिसे आरोपी बराबर परेशान किया करते थे। जिसकी शिकायत उसने और उसके साथ की सहेलियों ने परिजनों सहित कालेज प्रशासन से की थी जिस पर गंभीर हुए कालेज के प्रधानाचार्य ने दो युवकों को कालेज से पकड़ चुनार कोतवाली पुलिस को घटना से 6 माह पूर्व सौप दिया था। जिन्होंने छुटने के बाद परिणाम गंभीर होने की धमकी दी थी। ऐसे उन्हीं लोगों द्वारा नेहा की हत्या कर लाश को गंगा नदी के किनारे फेंका गया, बावजूद इसके इलाकाई पुलिस इस मामले को लीपापोती की गरज से हत्या को आत्महत्या का रूप देने पर तुली हुई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मामले में एक महिला पुलिस की भूमिका संदिग्ध है जो पड़ोंस की होने के साथ गैर जनपद में कार्यरत है और उसी के इशारे पर आरोपियों को बचाने के साथ केस को दूसरी ओर मोड़ने का काम किया अंदर ही अंदर किया जा रहा है।
जानमाल की मिल रही है धमकीमीरजापुर। बेटी के कातिलों को सजा दिलाने के लिए दर की दर ठोकरें खाते फिर रहे मोहम्मद रसीद को आरोपियों द्वारा बराबर जानमाल की धमकी भी दी जा रही है। उन्होंने बताया है कि पिछले दिनों ज बवह जिला मुख्यालय आ रहे थे तो उन्हें मोबाइल पर जानमाल की धमकी दी गई। कहा गया कि शांत होकर बैठ जाओं नही ंतो जो नेहा के साथ हुआ है वहीं तुम्हारे साथ भी होगा। उन्होंने मानवाधिकार आयोग सहित पुलिस के उच्चाधिकारियों को भेजे गए पत्र में उक्त मामले को अपहरण और हत्या की धारा में कनर्वट करते हुए महिला सिपाही के प्रभाव में आकर मामले को दबाने के प्रयास में जुटी अदलहाट पुलिस पर भी कार्रवाई करते हुए इस सम्पूर्ण मामले की निष्पक्ष ढंग से जांच कराते हुए कार्रवाई की मांग की है।
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