डॉ. अजय कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी को बधाई देती है MCD चुनाव में जीत के लिए और हम बीजेपी से यही उम्मीद करेंगे कि वो दिल्ली की जनता को सुरक्षित, साफ और विकास की दिशा में लेकर जाएगें। पिछले 10 साल में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी की MCD में उनकी भूमिका रही है, उससे अलग हटकर वो जनता की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी का वोट प्रतिशत जो पिछले विधानसभा चुनाव में 9 प्रतिशत था वो बढ़कर 22 प्रतिशत हुआ है। इसका श्रेय श्री अजय माकन जी सहित कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता को और दिल्ली की जनता को जाता है और उनको हम धन्यवाद देना चाहेंगे।
आज गुजरात से संबंधित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा कुछ बदलाव किए गए हैं। श्री अशोक गहलोत जी को गुजरात का महासचिव बनाया गया है। अन्य चार हैं- Shri Rajiv Satav, Shri Hashvardhan Sapkal, Smt.Varsha Gaikwad, Shri Jeetu Patwari.ये अनुभव और युवा की सुंदर जुगलबंदी है और हमें पूरा विश्वास है कि आने वाले गुजरात चुनाव में भारतीय जनता पार्टी मोदी जी और अमित शाह जी के नेतृत्व के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी शानदार प्रदर्शन करने वाली है और कांग्रेस पार्टी की सरकार गुजरात में बनना तय है।
छत्तीसगढ़ में माओवादी, नक्सली हमलों में लगातार वृद्धि हो रही है। 2014 से आप देखेंगे कि लगातार मोदी जी और अब तो जितने नक्सली प्रभावित क्षेत्र हैं बिहार के कुछ हिस्सों को छोड़कर, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार है और केन्द्र में बीजेपी की सरकार है। लेकिन जिस तरह से वहाँ कानून व्यवस्था के हालात हैं वो 4 प्रमुख कारणों से हैं।
पहला तो पूरी तरह से ये सरकार विफल हुई है पुलिस आधुनिकीकरण में, पुलिस डेवलपमेंट,पुलिस रिसोर्सिज या पुलिस को सक्षम बनाना शामिल हैं उसमें।
Police modernization has been one of the biggest casualties in addition to Police development and police resources etc.
दूसरा नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में विकास के बड़े-बड़े बयान तो आते रहे हैं, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं दिखाई देता है।
तीसरा किस तरह से सुनियोजित तरीके से आदिवासी समाज के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है।
चौथा मानवाधिकार हनन, जिस तरह से पुलिस के खिलाफ हुआ है, सुरक्षा बल और पुलिस और वहाँ की जनता को सुरक्षा प्रदान करने में ये सरकार विफल रही है। उस पर मैं कुछ आंकडें प्रस्तुत करता हूं-
छत्तीसगढ़ के 130 थानों में गाड़ियाँ नहीं है, वहाँ 13 साल से रमन सिंह जी की सरकार है,बाकि सुविधाओं को तो आप छोड़ ही दीजिए। किसी तरह का वहाँ पर केन्द्रीय सुरक्षा बलों और पुलिस के बीच में तालमेल नहीं है। इंटेलिजेंस शेयरिंग नहीं है। यूनिफाईड कंट्रोल कमांड है जिसके मुख्यमंत्री अध्यक्ष हैं, लेकिन सुरक्षा संबंधित मामलों की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। छत्तीसगढ़ में 12 हजार से अधिक पद खाली पड़े हैं। कांग्रेस पार्टी ने यूपीए-2 में अत्यंत ही कारगर कार्य शुरु किए थे। इंटिग्रेशन एक्शन प्लान, खासतौर से नक्सली प्रभावित क्षेत्रों के लिए Integrated प्लान था। उसका बजट था 13 हजार करोड़ रुपए। मोदी सरकार जैसे ही सत्ता में आई उन्होंने इंटिग्रेशन एक्शन प्लान का बजट कम कर दिया। मतलब जो नक्सली प्रभावित क्षेत्रों के लिए जाता था बजट, वो मोदी सरकार ने खत्म कर दिया।
दूसरा बैकवर्ड रिजनल ग्रांट फंड, 225 जिलों को चिदम्बरम साहब जी के समय में आईडेंटिफाई किया था और वो ऐसे जिले हैं जिसमें अधिकांश आबादी अनुसूचित जनजाति से संबंधित है। तो 80 प्रतिशत की कटौती हुई है, पिछले 3 साल में नक्सली क्षेत्र में सरकार को काम करने के लिए, विकास की योजना के लिए जो बजट होता था उसको सरकार ने खत्म किया है।
पुलिस आधुनिकीकरण का बजट आप देखेंगे तो यूपीए सरकार ने 3 हजार करोड़ किया था,उसको मोदी सरकार ने उसे मात्र 800 करोड़ का दिया। इसका मतलब है कि एक जिले को केवल 1 करोड़ से थोड़ा उपर मिलेगा।
When Home Secretary was speaking to the Parliamentary Standing Committee on Home Affairs, Parliamentarians had asked a question as to when the Government will provide arms & ammunition and other things to the CRPF there.
आप बुलेट प्रूफ वाहन छत्तीसगढ़ में कब देंगे तो जवाब मिला की हमारे पास पैसे नहीं है। तो सांसदों ने कहा कि जब अन्य राज्यों में सुरक्षा कर्मियों को पैसे देने की व्यवस्था है तो क्यों नक्सली प्रभावित क्षेत्रों के लिए नहीं है? इस पर सरकार के पास कोई जवाब नहीं था। पिछले 3 साल में CRPF ने लगातार रमन सिंह सरकार से ये अनुरोध किया आप मॉर्डन रोड़ फैसिलिटी की व्यवस्था कर दीजिए। रमन सिंह सरकार ने इसमें कोई काम नहीं किया। देश में आज मॉर्डन रोड़ मेकिंग मशीन इस्तेमाल हो रहे हैं, नेशनल हाईवे पर इस्तेमाल हो रहे हैं,लेकिन नक्सली क्षेत्र में रमन सिंह सरकार और मोदी सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है।
यह विकास की बात है। लगातार बैकवर्ड रिजनल ग्रांट फंड, इंटिग्रेटिड एक्शन प्लान के बजट में जो कटौती हो रही है। उसके अलावा आपको ताज्जुब होगा कि सुकमा जिले में बस एक ही अस्पताल है। सुप्रीम कोर्ट को फटकार लगानी पड़ी रमन सिंह सरकार को कि किस तरह वहाँ पर स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही है, रमन सिंह सरकार को आदेश दिया कि कोई भी साईंस टीचर उपलब्ध नहीं है वहाँ। तो आप देख लीजिए एजूकेशन में, स्वास्थ्य में और विकास में सड़कों की क्या स्थिति है?
बीजेपी सरकार ने ये आश्वासन दिया था छत्तीसगढ़ की जनता को हर एक क्विंटल चावल पर वो 300 रुपए का बोनस देंगे, ये वायदा किया था, क्योंकि वहाँ पर आमदनी नहीं है माईनिंग के अलावा, जो मोदी सरकार के पूंजिपती दोस्त करते हैं। 300 रुपए का बोनस अभी तक इस सरकार ने नहीं दिया है। तो किसान प्रभावित, विकास प्रभावित, स्वास्थ्य प्रभावित और पुलिस प्रभावित, यह शासन व्यवस्था है।
यूपीए सरकार ने वन सुरक्षा कानून को संसद में पास किया। उस फॉरेस्ट राईट एक्ट को हर एक तरीके से हल्का करने में जिस तरह से मोदी सरकार और रमन सिंह सरकार कर रही है उसका उदाहरण आपको झारखंड में भी दिखाई देगा। ऐसे कई कानून झारखंड सरकार ने राष्ट्रपति जी को अपनी अनुशंसा के साथ भेजा है। गवर्नर ने भी, जो इन्हीं के राज्यपाल हैं,मैडम मुर्मु ने भी इसकी अनुशंसा नहीं की है क्योंकि ये आदिवासी समाज के खिलाफ है। तो इस तरह से आदिवासी अधिकारों का भी हनन कर रही है, भाजपा सरकार।
जिस तरह से ह्यूमन राईट वॉयलेशन लगातार मानव अधिकार का हनन हो रहा है, पुलिस और सुरक्षा बलों का भी और वहाँ के निर्दोष लोगों का भी। एक उदाहरण है, इसको दक्षिण भारत के एक महत्वपूर्ण अंग्रेजी अखबार ने एक स्टोरी भी लिखी थी। दांतेवाड़ा जिले में 300 आदिवासी घरों को जलाया, उसकी जब जांच हुई तो सीबीआई टीम पर ही हमला हुआ। अब ये सोच लीजिए कि इस देश के हालात ये हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब सीबीआई टीम वहाँ गई तो वहीं की पुलिस ने उस टीम पर हमला किया। इसके अलावा 17 पुलिस कर्मी बलात्कार और हत्या में शामिल थे, उसकी जांच होने पर 17 पुलिस कर्मियों पर आरोप साबित हुआ।
हमारा ये कहना है कि लगातार सरकार पुलिस सुरक्षा बलों और वहाँ के लोगों को सुरक्षा देने में असफल हो रही है।
मोदी सरकार से ये मांग करते हैं कि बहुत हो गए जुमले। ये कहना कि ये शहादत बेकार नहीं जाएगी, इस तरह के बयान बीजेपी ने दिए हैं। हमारा ये कहना है कि प्रधानमंत्री जी और सरकार ये कानून लाएं कि पुलिस कर्मी या पदाधिकारी देश की सेवा में शहादत प्राप्त करते हैं तो उनको तुरंत 1 करोड़ का मुआवजा मिलना चाहिए। अब कुछ प्रदेश सरकार 10 लाख देते हैं, उसके लिए भी उनको दौडना पड़ता है। अगर सरकार ये कानून लाती है तो कांग्रेस पार्टी उसको समर्थन देगी। चाहे वो कोई भी सुरक्षा कर्मी हो, चाहे वो बीएसएफ का हो, या पुलिस का हो, फौज का हो, कश्मीर से लेकर राजस्थान तक। असामाजिक तत्वों से लड़ाई में कोई भी जवान शहीद होता है तो 1 करोड़ का मुआवजा मिलना चाहिए, ये हमारी मांग है।
मोदी सरकार पूरी तरह से अपनी नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई की योजना को सुधारे। सीख लेनी है तो कांग्रेस सरकार की आध्रंप्रदेश में राजशेखर रेड्डी की सरकार से लें, उनको विदेश जाने की आवश्यकता नहीं है। आंध्रप्रदेश में श्री राजशेखर के नेतृत्व में जिस तरह से नक्सल गतिविधी को खत्म किया गया था, वो एक ऐतिहासिक उदाहरण है। एक तरफ Grey Hounds के द्वारा नक्सलियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही करना और दूसरी तरफ विकास, दोनों साथ में। तीसरा आम जनता की बात सुनना और ये देखना कि आम जनता पुलिस और नक्सली के बीच में फंसे हैं, ये तीनों काम मोदी सरकार करे तो हमें पूरा विश्वास है कि ये नक्सलवाद की समस्या जल्द से जल्द खत्म हो जाएगी।
Post a Comment
Blogger Facebook